Amethi News: धरने पर बैठे एंबुलेंस कर्मी, मरीजों की जिंदगी लग रही दांव, स्वास्थ्य विभाग ने साधी चुप्पी

Amethi News: 102 और 108 एंबुलेंस सेवा अमेठी में रिस्पांस नहीं दे रही है। चालक लगातार तीन दिन से धरने पर बैठे हुए हैं।

Published By :  Vidushi Mishra
Update:2021-07-26 13:31 IST

अमेठी में एंबुलेंस कर्मियों का धरना प्रदर्शन

Amethi News: अमेठी में जीवन दायिनी 102 और 108 एंबुलेंस रिस्पांस नहीं दे रही है। चालक लगातार तीन दिन से धरने पर बैठे हुए हैं। इस दौरान बीमार व्यक्तियों को एंबुलेंस के अभाव में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। स्वास्थ्य विभाग की तरफ से कोई ठोस कदम अभी तक नहीं उठाया गया है।

उत्तर प्रदेश के अमेठी जिला अस्पताल के सामने जीवनदायिनी 108 और 102 एंबुलेंस कर्मियों का का धरना प्रदर्शन चौथे दिन भी जारी है।जिले की सभी एंबुलेंस सेवाओं को चक्का जाम किया गया है।

एंबुलेंस चालक संगठन के नेता जिला अस्पताल के सामने नारेबाजी कर अपनी आवाज बुलंद कर रहे हैं। ठेका प्रथा बंद करो, कोरोना योद्धाओं का अपमान नहीं सहेगा हिंदुस्तान, अभी करो अर्जेंट करो हम को परमानेंट करो, इस तरह की नारेबाजी कर यूनियन के नेता अपनी मांगों को लेकर डटे हुए हैं।

एंबुलेंस के लिए परेशान हो रहे मरीज

वहीं दूसरी तरफ जिले में तमाम ऐसी सूचनाएं मिली हैं। जिसमें लोग एंबुलेंस के अभाव में काफी समस्याओं का सामना कर रहे हैं। जिले के निवासी रामपाल संग्रामपुर अस्पताल के सामने डिलीवरी होने के बाद प्रसूता और नव जात शिशु को लेकर एंबुलेंस का नंबर डायल कर रहे हैं।


उन्होंने बताया काफी देर फोन लगाने के बाद स्वास्थ्य कर्मियों ने बताया कि सारी एंबुलेंस गौरीगंज में है। अब हम निजी साधन से किसी तरह अपने घर तक नवजात शिशु और प्रसूता को लेकर जाएंगे।

वही तारापुर की आशा बहू रेखा वर्मा ने बताया कि 102 नंबर पर फोन नहीं लग रहा है सभी लोग अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन में हैं। इस तरह जिले के कई स्थानों पर मरीज इंतजार कर रहे हैं लेकिन एंबुलेंस उन्हें नहीं मिल रहे हैं।


भोएं निवासी अखिलेश कुमार ने बताया कि एक घंटे से दुर्घटना में घायल को अस्पताल ले जाने के लिए एंबुलेंस का फोन मिला रहा हूं कोई रिस्पांस नहीं मिल रहा है ।सूरज कुमार ने भी एंबुलेंस ना मिलने से अस्पताल तक ना पहुंचने की बात कही है।

मांगे पूरी होने तक लड़ाई रहेगी जारी-उदय भान

यूनियन के संगठन मंत्री उदय भान यादव ने बताया कि हमारे बारह सौ कर्मचारियों को सरकार ने नौकरी से निकाल दिया है ।उनको समायोजित किया जाय। उन्होंने कहा कि जब देश कोरोना से जूझ रहा था तो लोग अपने घरों से नहीं निकल रहे थे ।

सरकार 2 गज दूरी मास्क है जरूरी का नारा दे रही थी। उस समय हम लोग बीमार लोगों को अस्पताल तक अपनी जान की बाजी लगाकर पहुंचा रहे थे। अब सरकार हम लोगों की मदद करने की बजाय नौकरी से ही बाहर निकाल रही है। जब हमारी मांगे पूरी नहीं होंगी तो हम लोग पुनः आर पार की लड़ाई लड़ेंगे।

शहीदों को पांच लाख का मिले आर्थिक सहयोग-राम पाल

यूनियन के जिला जिलाध्यक्ष राम पाल का कहना है कि हमारे कुछ ही कर्मचारियों को नई व्यवस्था में शामिल किया गया है। बहुत से कर्मचारियों को बाहर कर दिया गया है । कोरोना महामारी के दौरान अग्रणी भूमिका निभाने वाले एंबुलेंस कर्मचारियों को ठेका प्रथा से मुक्ति दिया जाए तथा समान कार्य समान वेतन लागू किया जाए।

इसी के साथ जो लोग कोरोनावायरस में शहीद हुए हैं उनको 50 लाख रुपए की सहायता राशि प्रदान करने के साथ एंबुलेंस कर्मचारियों का विलय एनआरएचएम में किया जाय। सरकार हम लोगों की मांग नहीं मानेगी तो हम लोग आर पार की लड़ाई लड़ेंगे।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी आशुतोष दुबे ने बताया कि मामला संज्ञान में है। शीघ्र ही समस्या का समाधान किए जाने का प्रयास हो रहा है।

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