Amethi News: कहां हैं अमेठी के दोनों मंत्री स्मृति ईरानी व विधायक सुरेश पासी, बुनियादी सुविधाओं से वंचित गांव लगा रहा गुहार
विकास के दावों के बीच कई गांव ऐसे हैं जो बुनियादी सुविधाओं का अभाव झेल रहे
Amethi News: दूल्हा जब बारात लेकर घर से निकलता है या दुल्हन जब पालकी या कार से अपने घर आती है, तब वे तीन सौ मीटर पैदल चलकर ही घर पहुँच सकते हैं। यह गांव के किसी रीति रिवाज या परंपरा नहीं नही है। यही नहीं, जब कोई गंभीर रूप से बीमार ही क्यों न हो जाय उसे भी पीठ पर लादकर ले जाना पड़ता है। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी (kendriya mantri smriti irani) के क्षेत्र अमेठी के रंकापुर मिश्रौली गांव (Rankapur Misrauli gaanv) की भौगोलिक स्थिति या जन प्रतिनिधियों की अनदेखी के चलते ऐसा होता है।
उत्तर प्रदेश के अमेठी में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी (kendriya mantri smriti irani) और राज्य मंत्री सुरेश पासी (Suresh Pasi) के क्षेत्र अंतर्गत मिश्रौली रंकापुर गांव के पूरे ईश्वरी लाला का पुरवा के हालात आजाद भारत में लोकतंत्र का मजाक उड़ा रहे हैं। ग्रामीणों को गांव से बाहर निकलने का रास्ता नहीं है। एक तरफ से लखनऊ वाराणसी रेलवे ट्रैक है, तो दूसरी तरफ बाग है। वहीं अन्य दो दिशाओं में मैदानी क्षेत्र है। ग्रामीणों ने 'न्यूज ट्रैक' को बताया कि चुनाव के समय नेता लोग आते हैं, वोट लेकर चले जाते हैं। इस बार हम लोगों ने वोट न देने का फैसला किया है। जब तक रास्ता नहीं बनेगा तब तक वोट नहीं डालेंगे।
गांव की महिला जसमता ने बताया कि हमारे गांव में जब से रेलवे लाइन बनी है, तब से गांव में आने जाने के लिए रास्ता बंद हो गया है। जब दुलहन आती है तो तीन सौ मीटर पहले ही उतर कर पैदल जाना पड़ता है। आज तक किसी ने रास्ता नहीं बनवाया। हम लोगों को गंभीर बीमारी में दवा कराने के लिए एंबुलेंस वा अन्य आकस्मिक सेवाओं का लाभ नहीं मिलता है। वही बच्चों को स्कूल जाने के लिए जान हथेली पर रख कर रेलवे ट्रैक पार कर जाना पड़ता है। आए दिन जानवर दुर्घटनाग्रस्त होते रहते हैं।यही नहीं, हम लोगों के घर में जब शादी विवाह पड़ता है तो गांव के बाहर बारात रोकना पड़ता है।
विवाह में भी रस्ता बन रहा है बाधक
वहीं गांव के राम प्रकाश ने बताया कि घर बनवाने के लिए सामान भी लाइन के उस पार उतार कर सिर पर लादकर लाना पड़ता है। जिसके चलते पैसा अधिक खर्च होता है। यहां तक की रिश्तेदार वह अन्य संबंधी रास्ते की वजह से गांव में आना नहीं चाहते हैं।हमारे गांव में कोई रिश्ता भी नही करना चाहता है।अब तो हालात ये हो गए हैं कि शादी विवाह के भी लाले पड़ रहे है। हम लोग आधुनिक युग में भी चहारदीवारी में क़ैद हैं।
शिकायत के बावजूद भी नहीं हुई कार्यवाही
गांव की महिला सिराजी ने बताया कि गांव में कोई भी विकास नहीं हुआ है। जबकि हमारी सांसद स्मृति ईरानी (smriti irani) मंत्री और विधायक सुरेश पासी (Suresh Pasi) सरकार में मंत्री हैं। ऐसा नहीं है मामले की शिकायत नहीं की गई। बार बार शिकायत के बावजूद भी कोई हल नहीं निकला। अब हम लोगों ने मन बनाया है कि जो कोई वोट मांगने आएगा उसे चप्पल की माला पहनाऊंगी।
तीन सौ की आबादी वाला पुरवा सुविधाओं से है वंचित
वहीं ग्राम प्रधान सियाराम ने कहा कि गांव में समस्या बहुत जटिल है। छोटे-छोटे बच्चों को स्कूल जाना हो या किसी की तबीयत खराब हो जाए रास्ता कहीं नहीं है। यहां रास्ता बनाना बहुत जरूरी है। हम गांव वालों के साथ हैं।
छात्र शिव प्रताप ने बताया कि मिश्रौली रंकापुर ग्राम सभा में लगभग पांच हजार की आबादी है। इस गांव में सात पुरवा है। जिसमे पूरे ईश्वरी लाला का पुरवा में लगभग 30 घर निवास करते है। लगभग 300 की आबादी वाला यह पुरवा सरकार की उपेक्षा का दंश झेल रहा है।गांव में महज दो इंडिया मार्का नल है। उसमें एक नल खराब है। गांव में शिक्षा के लिए एक भी स्कूल नही है। लोग नरकीय जीवन यापन करने को मजबूर हैं। सरकार की कोई सुविधाएं ग्रामीणों को नही मिल पा रही है।
राज्य मंत्री ने नहीं दिया कोई प्रतिक्रिया
इस मामले में जगदीशपुर विधानसभा क्षेत्र के विधायक एवं राज्यमंत्री सुरेश पासी से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि हम इस मामले में कुछ भी नहीं कहना चाहते हैं। जनप्रतिनिधि कितने गंभीर हैं, इस समस्या को लेकर इसी से मालूम पड़ जाता है। संयोग की बात यह है कि देश और प्रदेश में भाजपा की सरकार है। सांसद विधायक दोनों मंत्री हैं। भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष दुर्गेश त्रिपाठी भी इसी गांव के हैं। देखना यह होगा कि जनप्रतिनिधि इस समस्या का कब संज्ञान लेते हैं।