Antibodies : केजीएमयू में 2000 हेल्थ वर्कर्स का टेस्ट, महिलाओं से ज्यादा पुरुषों में बन रही एंटीबॉडी
Antibodies : लखनऊ केजीएमयू में 2000 हेल्थ वर्कर्स की एंटीबॉडी चेक की गई। पुरुषों में ज्यादा एंटीबॉडी मिली हैं।
Antibodies : कोरोना वायरस (corona virus) की तीसरी डोज की जरुरत है या नहीं इसके लिए लखनऊ के केजीएमयू अस्पताल (KGMU Hospital) में 2 हजार हेल्थ वर्कर्स की एंटीबॉडी चेक की गई। जिसमें 1800 लोगों में एंटीबॉडी पाई गई है। इस परीक्षण में 70 प्रतिशत पुरुषों में एंटीबॉडी पाई गई है। वहीं महिलाओं में 30 प्रतिशत एंटीबॉडी (Antibodies) की संख्या देखी गई। इस एंटीबॉडी टेस्ट में 18 से 40 वर्ष के लोगों में सबसे ज्यादा एंटीबॉडी पाई गई है।
आपको बता दें कि यह एंटीबॉडी का परीक्षण केजीएमयू के ब्लड ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग (Department of Blood Transfusion Medicine) द्वारा सर्वे किया गया है। इस सर्वे में केजीएमयू में पुरुषों में ज्यादा एंटीबॉडी मिली हैं। अधिकतर एंटीबॉडी में 18 से 40 वर्ष के लोगों में मिली है। बताया जा रहा है कि करीब 1300 लोगों ने कोरोना की दोनों डोज लगा रखी थी।
लखनऊ के केजीएमयू ब्लड ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग में एंटीबॉडी को लेकर एक सर्वे किया गया था। जिसमें 2000 हेल्थ वर्कर्स के ब्लड सैंपल लेकर कोरोना एंटीबॉडी की जांच की गई थी। कुल सैंपल में 90 प्रतिशत एंटीबॉडी पाई गई है। 18 से 40 वर्ष के लोगों में सबसे ज्यादा एंटीबॉडी देखने को मिली है। करीब 200 लोगों में एंटीबॉडी नहीं पाई गई है। उन लोगों की उम्र 40 से 60 वर्ष के बीच है।
आपको बता दें कि इस एंटीबॉडी परीक्षण के मुताबिक महिलाओं से ज्यादा पुरुषों में एंटीबॉडी नजर आई है। इस एंटीबॉडी परीक्षण में 70 प्रतिशत पुरुष और 30 प्रतिशत महिलाएं शामिल हैं। इस परीक्षण में 1300 लोगों ने कोरोना की दोनों डोज लगा रखी थी। 214 लोगों ने कोरोना की एक डोज लगवा रखी थी। वहीं 283 लोगों ने वैक्सीन नहीं लगवाई थी। 90 फीसदी में ही यह एंटीबॉडी पाई गई है। 18 से 40 वर्ष के लोगों में सबसे ज्यादा एंटीबॉडी देखने को मिली है।