Block Pramukh Election 2021:अमेठी में काम नहीं आया भाजपा का मैनेजमेंट, निर्दलीयों ने दिखाया दम

ब्लाक प्रमुख पद का चुनाव काफी नोक झोंक और धन बल के उपयोग की चर्चाओं के साथ संपन्न हुआ।

Published By :  Raghvendra Prasad Mishra
Update: 2021-07-10 17:43 GMT

निर्वाचित प्रत्याशी को ब्लॉक प्रमुख का प्रमाण पत्र देते अधिकारी (फोटो साभार-सोशल मीडिया)

Block Pramukh Election 2021: ब्लाक प्रमुख पद का चुनाव काफी नोक झोंक और धन बल के उपयोग की चर्चाओं के साथ संपन्न हुआ। काफी मशक्कत के बाद तेरह सीटों में भरतीय जनता पार्टी पांच सीट ही अपने पाले में कर पाई। सांसद स्मृति ईरानी के पीआरओ विजय गुप्ता का चुनावी मैनेजमेंट भी काम नहीं आया। पांच सीटों पर निर्दल का दबदबा रहा और समाजवादी पार्टी को महज दो सीटों पर ही संतोष करना पड़ा। वहीं कांग्रेस पार्टी ने एक सीट पर विजेता का श्रेय हासिल किया।

जनपद में कुल तेरह विकास खण्ड क्षेत्रों में चुनाव होने थे। जिसमें छह ब्लॉक प्रमुखों के लिए निर्विरोध प्रमुख चुन लिए गए थे। वहीं सात ब्लाक प्रमुखों के लिए शनिवार को सुबह दस बजे से वोटिंग शुरू हुई। वोटिंग के दौरान प्रत्याशियों और प्रशासन के बीच खूब नोक झोंक हुई। चुनाव की निष्पक्षता पर भी सवाल उठे। बीडीसी सदस्यों को धमकाने व रुपयों से अपने पाले में लाने का खूब धमाल हुआ।यहां तक भाजपा विधायक के पुत्र अन्नत विक्रम सिंह ने अपनी ही सरकार पर चुनाव हराने का आरोप प्रशासन पर लगाया। फिलहाल लगभग तीन बजे तक चुनाव संपन्न हुआ। वोटों की गिनती शुरू हुई, पांच बजे तक परिणाम घोषित कर दिए गए।


चुनाव परिणाम पर नजर डाले तो भाजपा आधी सीटों पर अपने प्रत्याशी नहीं जीता पाई तो वहीं कई सीटों पर भाजपा अपने ही नेताओं से उलझ कर जीत की जगह उपविजेता बन गए। जिले के पार्टी संगठन ने मुख्यमंत्री के फरमान को अनसुना कर दिया, जिससे अमेठी जिले में पार्टी की साख को करारा धक्का पहुंचा है। सांसद विधायक के प्रतिनिधि इस मामले में आमने-सामने आ गये। भेटुआ में प्रमुख चुनाव लड़ने के लिए भीमी के कौशलेन्द्र सिंह ने ताल ठोकी। ऐन वक्त पर मीना सिंह को चुनावी मैदान में उतारा लेकिन उनका पर्चा खारिज हो गया और भाजपा समर्थित प्रत्याशी सचेन्द्र सिंह भी गुमनामी के शिकार हो चले और चुनावी समर में मैदान से बाहर हो गये।

इन्होंने रेनू सिंह पत्नी शेर बहादुर सिंह को अपना समर्थन दे दिया यही नही अंदर खाने में रेनू सिंह पत्नी शेर बहादुर सिंह को भाजपा का अधिकृत प्रत्याशी भी बना दिया गया। चुनाव में मतदाताओं की लूटापुरी भी मची लेकिन भाजपा प्रत्याशी तथा कथित रेनू सिंह ने चुनाव में महज 22 वोट पाकर उपविजेता बनी। जबकि निर्दल प्रत्याशी आकर्ष शुक्ला ने सत्ताइस मत पाकर पांच मतो से जीत का परचम लहराया। यह जीत जिलें में देखते ही देखते सुुर्खियों में छा गए कारण भी साफ है सचेंद्र सिंह सासंद के समर्थित नेताओं में गिने जाते है। तो वहीं रेनू सिंह विधायक के समर्थित नेताओं में गिनी जाती है। लेकिन सबका पारा राजनीति में ठहर गया और पूर्वमंत्री आशीष शुक्ला के खेमे में भाजपा की प्रमुखी चली गयी।


छह प्रत्याशी पहले ही हो गए थे निर्विरोध

जिले के ब्लाक प्रमुख चुनाव में छह प्रत्याशी निर्विरोध चुने गये, जिसमेें तीन भाजपा, दो सपा, एक निर्दल निर्वाचित घोषित हुए। भाजपा के निर्विरोध होने वाले प्रमुख अमेठी से मंजू मौर्य, सिंहपुर से अंकित सरोज, जगदीशपुर से अंजलि सिंह वहीं सपा के गौरीगंज से रूमा सिंह और मुसाफिरखाना से नीतू सिंह तथा जामो से पूनम सरोज शामिल हैं।

सात ब्लाक प्रमुख हुए निर्वाचित

बाजार शुकुल से 57 मत पाकर रहमतुल निशा, बहादुरपुर से 32 मत पाकर चंद्रकली, भेंटुआ से 27 मत पाकर आकर्ष शुक्ला, संग्रामपुर से कल्लन देवी निर्दलीय प्रमुख के रूप में निर्वाचित हुई। वहीं शाहगढ़ से सदाशिव यादव 24 मत पाकर कांग्रेस की सीट से जीत दर्ज किया है। भादर से भाजपा समर्थित प्रत्याशी प्रवीण कुमार सिंह 40 मत पाकर विजयी हुए।

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