Lucknow: जासूसी मामले में कांग्रेस का संसद से सड़क तक संग्राम, लखनऊ में नेताओं की गिरफ्तारी
लखनऊ में अजय लल्लू की अगुवाई में कांग्रेसियों ने प्रदर्शन किया। प्रदर्शन कर रहे नेताओं को पुलिस ने हिरासत में ले लिया।
लखनऊ: इस वक्त पेगासस जासूसी मामले को लेकर मोदी सरकार बुरी तरह से घिरी हुई है। इसके विरोध में संसद से सड़क तक विपक्ष का हल्ला बोल चल रहा है। राहुल गांधी की जासूसी कराने के विरोध में आज देश भर में कांग्रेस पार्टी सरकार के लिए विरोध प्रदर्शन किया। संसद भवन के सामने जहां तमाम सांसद मोदी सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद की, तो वहीं उत्तर प्रदेश की राजधानी में प्रदेश अध्यक्ष अजय लल्लू की अगुवाई में कांग्रेसियों ने प्रदर्शन किया। प्रदर्शन कर रहे कांग्रेस नेताओं को पुलिस ने हिरासत में ले लिया और उन्हें इको गार्डेन ले जाया गया।
लखनऊ में नेताओं की गिरफ्तारी
लखनऊ में विरोध प्रदर्शन से पहले ही प्रदेश अध्यक्ष अजय लल्लू और विधायक आराधना मिश्रा उर्फ मोना को पुलिस ने हाउस अरेस्ट कर दिया। बावजूद उसके लल्लू सिंह प्रदर्शन के लिए अड़े रहे। उन्होंने कहा था परिवर्तन चौक से राजभवन तक मार्च होगा और इसे कोई रोक नहीं सकता है।
जैसे ही कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता परिवर्तन चौक पहुंचे उन्हें पुलिस ने हिरासत में ले लिया। जिसमें प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू, एमएलसी दीपक सिंह, पूर्व मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी, पूर्व विधायक राम सागर राव, सतीश गौतम, अमरेश चन्द्र पांडे जी, गजराज सिंह जी पूर्व सांसद राकेश सचान सेवा दल के पूर्व प्रभारी कमल तिवारी समेत तमाम नेताओं, कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर पुलिस इको गार्डेन ले गई। यहां शाम 5 बजे तक इन नेताओं को रखा जाएगा।
विधायक आराधना मिश्रा हाउस अरेस्ट
वहीं प्रदर्शन से पहले ही लखनऊ पुलिस ने कांग्रेस विधायक आराधना मिश्रा उर्फ मोना को हाउस अरेस्ट कर लिया। उन्होंने ट्वीट कर योगी सरकार पर हमला बोला, मोना ने ट्वीट कर कहा कि 'पेगासस जासूसी के खिलाफ कांग्रेस पार्टी के आंदोलन से घबराई सरकार द्वारा मुझे व अन्य वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं, कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया गया। विपक्ष की आवाज से सरकार इतना क्यों डरी हुई है'।
क्या है पेगासस जासूसी मामला
बता दें इजरायली कंपनी एनएसओ के पेगासस सॉफ्टवेयर से भारत में कथित तौर पर 300 से ज्यादा हस्तियों के फोन हैक किए जाने का मामला अब तूल पकड़ गया है। संसद के मॉनसून सत्र की शुरुआत के एक दिन पहले ही इस जासूसी कांड का खुलासा हुआ है। दावा किया जा रहा है कि जिन लोगों के फोन टैप किए गए उनमें कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव और प्रह्लाद सिंह पटेल, पूर्व निर्वाचन आयुक्त अशोक लवासा और चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर सहित कई पत्रकार भी शामिल हैं। हालांकि, सरकार ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है और रिपोर्ट जारी होने की टाइमिंग को लेकर सवाल खड़े किए हैं।