Coronavirus Third Wave: लखनऊ में 1025 पीकू-नीकू बेड़ तैयार, 25 प्राइवेट अस्पतालों से चल रही बातचीत, 500 बेड़ बढ़ने की उम्मीद
Coronavirus Third Wave: कोविड़-19 की तीसरी लहर से बच्चों को बचाने हेतु पीकू-नीकू बेड़ों की संख्या बढ़ाने पर ज़ोर दिया जा रहा है।
Coronavirus Third Wave: कोरोना वायरस की आगामी तीसरी लहर के मद्देनजर राजधानी में तैयारियां ज़ोरों पर हैं। अस्पतालों में व्यवस्थाएं चाक-चौबंद की जा रही हैं। प्रदेश में पीडियाट्रिक इंटेंसिव केयर यूनिट (पीकू) व नियोनेटल इंटेंसिव केयर यूनिट (नीकू) वार्ड बनाने का काम रफ़्तार पकड़े हुए है। इसका कारण विशेषज्ञों का मत है। दरअसल, विशेषज्ञों का मानना है कि कोरोना की तीसरी लहर सितम्बर से अक्तूबर तक आने की आशंका है। वहीं, गृह मंत्रालय द्वारा गठित कमेटी ने यह भी बताया कि तीसरी लहर में बच्चों को वायरस से अधिक खतरा है।
25 प्राइवेट अस्पतालों से चल रही बातचीत
कोविड़-19 की तीसरी लहर से बच्चों को बचाने हेतु पीकू-नीकू बेड़ों की संख्या बढ़ाने पर ज़ोर दिया जा रहा है। वहीं, 25 प्राइवेट अस्पतालों से भी वार्तालाप जारी है। इससे लगभग 500 बेड़ और बढ़ जाएंगे। एसीएमओ डॉ. विवेक दुबे ने बताया कि प्राइवेट अस्पतालों में कोरोना पीड़ित बच्चों का इलाज बेहद कम दर पर होगा। अभी पीकू और नीकू की दरें तय नहीं हुई हैं। कुछ वर्ग के बच्चों को मुफ्त इलाज भी मुहैया कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि 25 प्राइवेट अस्पतालों ने कोरोना संक्रमित बच्चों को भर्ती के लिए हामी भरी है। इनमें करीब 500 बेड होंगे।
राजधानी के अस्पतालों में बेड़ों की संख्या
लखनऊ के अस्पतालों में पीकू-नीकू वार्ड के 1025 बेड़ तैयार हैं। इसमें 100 बेड़ नीकू और 925 बेड़ पीकू के हैं। तो, राजधानी के मुख्य अस्पतालों में से केजीएमयू में 150, लोहिया में 100, पीजीआई में 100, सिविल अस्पताल में 30, लोकबंधु में 30 और बलरामपुर अस्पताल में 40 बेड़ तैयार हैं। एसीएमओ डॉ. विवेक दुबे ने कहा कि 1025 बेड की व्यवस्था पुख्ता तरीके से हो गई है। इसमें 100 बेड नीकू व 925 बेड पीकू श्रेणी के हैं। दो साल से कम उम्र के बच्चों में संक्रमण का खतरा काफी कम है।
आठ प्राइवेट अस्पतालों से बन चुकी है बात
सीएमओ डॉ. मनोज अग्रवाल (CMO Dr. Manoj Agarwal) ने बताया कि आठ प्राइवेट अस्पताल व मेडिकल कॉलेज में पीकू व नीकू के बेड आरक्षित किए गए हैं। वहीं, लोकबंधु राज नारायण, लोहिया, बलरामपुर और केजीएमयू समेत दूसरे सरकारी अस्पताल में बच्चों के इलाज की व्यवस्था की गई है। गौरतलब है कि नीकू में दो साल से कम उम्र के बच्चों को भर्ती किया जाएगा, जबकि पीकू में दो से 18 साल तक के बच्चों को इलाज मिलेगा