Lucknow News: नगर निगम ने सुबह हटाया अतिक्रमण, शाम को फिर आबाद हुई मंडी

इसरो केंद्र की सुरक्षा खतरे में है, नगर निगम की टीम यहां लगने वाली मंडी को हटा दिया था लेकिन जैसे ही टीम वहां से गई फिर मंडी आबाद हो गई है।

Written By :  Rahul Singh Rajpoot
Newstrack :  Network
Update: 2021-07-11 08:02 GMT

इसरो केंद्र, फाइल, सोशल मीडिया

लखनऊ: राजधानी में ऐसे कई इलाके हैं जहां अतिक्रमण गंभीर समस्या बना हुआ है। इसके लिए नगर निगम समय-समय पर अभियान चलाकर इसे हटाता है लेकिन कुछ समय बाद फिर से वो जगह अतिक्रमण की जद में आ जाती है। ऐसे ही कुछ शनिवार को कुर्सी रोड पर इसरो केंद्र के सामने देखने को मिला। जहां नगर निगम की टीम और पुलिस पहुंचकर अतिक्रमण को हटाया था और लोगों ने राहत की सांस ली थी, लेकिन ये ज्यादा देर तक खाली नहीं रह सका और शाम होते होते वहां फिर से अतिक्रमण हो गया है।

दरअसल शनिवार को कुर्सी रोड स्थित इसरो केंद्र और लखनऊ विश्वविद्यालय के न्यू कैंपस के पीछे से अवैध अतिक्रमण को नगर निगम और पुलिस ने हटाया था। इस दौरान नगर निगम के दस्ते ने कई अतिक्रमण ध्वस्त करके सामान भी जब्त किया। कुछ लोग नगर निगम की टीम देख अपना सामान समेटकर जानकीपुरम कॉलोनी के अंदर चले गए। दस्ते के जाने के बाद सब कुछ फिर वैसे हो गया। खास बात यह कि जिन पुलिसकर्मियों की मौजूदगी में अतिक्रमण हटाया गया, उन्हीं के सामने दो घंटे बाद फिर से वहीं दुकानें वहां सज गईं।

खतरे में इसरो केंद्र की सुरक्षा

दो साल पहले तीन जुलाई को एलआइयू ने डीएम व पुलिस प्रशासन को रिपोर्ट भेजकर इस संस्थान में आतंकी घुसपैठ की आशंका जताई थी। इसके अलावा संस्थान की सुरक्षा में तैनात केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल ने भी नगर निगम को पत्र लिखकर इसरो के सामने और बाउंड्रीवॉल के किनारे से अवैध कब्जे हटवाने का आग्रह किया था। इसके बावजूद जिम्मेदारों के कान पर जूं नहीं रेंगी। दो साल पहले सीआइएसएफ लखनऊ के तत्कालीन सहायक कमांडेंट विप्लव आजाद ने नगर निगम को पत्र लिखकर कहा था कि इसरो की दीवार के ठीक बाहर अतिक्रमण ने संस्थान की सुरक्षा को खतरे में डाल दिया है। अवैध दुकानों और जुटने वाली भीड़ की आड़ में कोई आतंकवादी, अपराधी या अवांछनीय तत्व घुसपैठ कर सकता है। उस समय नगर निगम ने कब्जे हटाए थे, लेकिन स्थानीय पुलिस की अनदेखी कहें या सरपरस्ती, वहां पर पूरी मंडी सज चुकी है। कभी-कभी नगर निगम का दस्ता कार्रवाई करके चला आता है लेकिन थोड़ी देर बाद सब कुछ यथावत हो जाता है।

तालाबों पर भू माफियाओं की नजर

राजधानी में अतिक्रमण केवल बाजारों और सड़कों पर नहीं है, इसकी जद में तालाब भी हैं, लखनऊ में भू माफियाओं की नजर तालाबों को लग गई है। पिछले तीन दशकों में कई मशहूर तालाबों का अस्तित्व ही मिट गया। एक बार फिर तालाबों को उनके पहले की शक्ल दिलाने की कोशिश शुरू हुई है। मौजूदा समय राजधानी में कुल नौ हजार 591 तालाब हैं। प्रशासन के अनुसार 1614 तालाबों पर अतिक्रमण है। इनमें से 430 नगर निगम की सीमा में हैं शेष 1194 ग्रामीण इलाकों में हैं। इन तालाबों को कब्जा मुक्त कराने के लिए जिला प्रशासन अभियान चला रहा है। शहरी क्षेत्र में कुल 924 तालाब हैं। इनमें से 430 पर कब्जा है। इनमें से 70 से ज्यादा का कब्जा हटाया जा चुका है। इसी तरह ग्रामीण इलाकों से 596 तालाबों से भू माफियाओं का कब्जा हटाया जा चुका है।

कहां कितने तालाब-

मोहनलागलंज 3811

सरोजनीनगर 2078

बीकेटी 2163

सदर 706

मलिहाबाद 1333

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