अभी बिल्कुल फिट हूं, उत्तराधिकारी तब घोषित होगा जब अस्वस्थ हो जाउंगी : मायावती

उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री एवं बसपा सुप्रीमों मायावती ने आज साफ किया उन्होंने अभी अपने उत्तराधिकारी के बारे में कोई फैसला नहीं लिया है।

Published By :  Vidushi Mishra
Update: 2021-08-27 14:25 GMT

मायावती (फाइल फोटो साभार- सोशल मीडिया) 

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री एवं बसपा सुप्रीमों मायावती ने आज साफ किया उन्होंने अभी अपने उत्तराधिकारी के बारे में कोई फैसला नहीं लिया है। उन्होंने कहा कि अभी वह पूरी तरह से स्वस्थ हैं और जब कभी भी अस्वस्थ होंगी तो अपना उत्तराधिकारी घोषित कर देंगी।

बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने आज एक बयान जारी कर कहा कि एक चैनल ने पार्टी महासचिव सतीश चन्द्र मिश्र से सवाल किया कि मायावती का उत्तराधिकारी कौन होगा। तो इसके बारे में बताना है कि कि मेरा स्वास्थ्य अभी ठीक है। मुझे अभी किसी को भी अपना उत्तराधिकारी बनाने की जरूरत नहीं है।

मुझे अनफिट होने में अभी काफी वर्ष

अभी मैं बिल्कुल फिट हूँ तथा मुझे अनफिट होने में अभी काफी वर्ष लगेंगे। लेकिन जब मेरा स्वास्थ्य ठीक नहीं रहेगा तो तब मैं भी जरूर अपना उत्तराधिकारी मान्यवर कांशीराम जी की तरह घोषित कर दूंगी। मायावती ने यह भी कहा कि उनका उत्तराधिकारी केवल दलित वर्ग से ही होगा। हालांकि यह बात मायावती पहले भी कई बार कह चुकी हैं।

मायावती (फोटो- सोशल मीडिया)

मायावती ने यह भी कहा कि बसपा अकेली एकमात्र ऐसी पार्टी है जो कांग्रेस व अन्य पार्टियों की तरह अपने संगठन को चलाने व चुनाव आदि लड़ने के लिए भी बड़े-बड़े पूँजीपतियों व धन्नासेठों से आर्थिक मदद नहीं लेती है और ना ही इसके एवज़ में उनको राज्यसभा आदि में भेजती है।

उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी ना ही धन्ना सेठों को आर्थिक लाभ पहुँचाने के लिए उनके हिसाब से अपनी सरकार की नीतियाँ बनाकर बनाती है। मायावती ने कहा कि बसपा . अपनी सदस्यता के ज़रिये व अन्य विभिन्न मौकों पर पार्टी के सामर्थ्यवान लोगों से भी पार्टी की सदस्यता के ज़रिये ही उनसे पार्टी के लिए आर्थिक मदद भी लेती है।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस के पतन के लिए वास्तव में उनकी गलत नीतियाँ, कार्यशैली व उनकी कथनी-करनी में जमीन-आसमान का अन्तर ही असली जिम्मेवार हैं, दूसरी पार्टियाँ नहीं।

उन्होंने साफ किया बसपा कांग्रेस व अन्य पार्टियों की तरह बड़े-बड़े पूँजीपतियों व धन्नासेठों की पार्टी नहीं है बल्कि ग़रीब व मज़लूमों की पार्टी है। उन्हीं की ही थोड़ी-थोड़ी आर्थिक मदद से यह पार्टी चलाई जाती है।

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