Gonda News: DM के बर्ताव से आहत अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी का इस्तीफा, स्वास्थ्य विभाग में मचा हड़कंप

Gonda News: जिलाधिकारी ने कोरोना की समीक्षा बैठक में अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी से अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया है जिसके बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया।

Report :  Tej Pratap Singh
Published By :  Dharmendra Singh
Update: 2021-07-07 18:12 GMT

अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी (फाइल फोटो: सोशल मीडिया)

Gonda News: जिलाधिकारी ने कोरोना की समीक्षा बैठक में अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी से अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया है जिससे आहत होकर उन्होंने अपना इस्तीफा मुख्य चिकित्सा अधिकारी को दे दिया है। इसके बाद जिले के सीएचसी अधीक्षकों ने डीएम के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। बुधवार देर रात मुख्यालय पर विभागीय चिकित्सक और अफसरों के द्वाराबुलाई गई आपात बैठक में 16 सीएचसी अधीक्षकों ने  भीअपने-अपने पद से सामूहिक इस्तीफा दे दिया। डीएम के बर्ताव को लेकर विभाग में जबरदस्त नाराजगी है और अभी कई डाक्टर और अधिकारी भी नौकरी से इस्तीफा दे सकते हैं।

बता दें कि कोरोना को लेकर प्रतिदिन जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित स्वास्थ्य समिति की बैठक होती है। अपने कामों से चर्चित जिलाधिकारी मार्कण्डेय शाही पर आरोप है कि मंगलवार की शाम हुई समीक्षा बैठक में डीएम ने अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी अजय कुमार सिंह को अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए फटकार लगाई थी। इसके बाद बुधवार की शाम को उन्होंने सीएमओ को अपना इस्तीफा सौंप दिया है।
सीएमओ को दिए गए पत्र में उन्होंने कहा है कि बेलसर सामुदायिक स्वास्थ्य द्वारा सैंपलिंग कम होने पर कहा गया कि क्यों ना इन्हें बेलसर का प्रभारी बना दिया जाए। जबकि मैं लेवल-4 का अधिकारी हूं। लगातार मेरे मनोबल को गिराने का काम किया जा रहा है। यही नहीं इससे पूर्व की समीक्षा बैठक में डीएम द्वारा मुझे जमूरा, निकम्मा जैसे अभद्र शब्दों का प्रयोग कई बार किया जा चुका है।




पत्र में आगे कहा गया है की निगरानी समितियों के पास मेडिकल किट की समीक्षा करते हुए उन्होंने कहा की इस बात का प्रमाण पत्र दिया जाए कि शासन द्वारा उपलब्ध समस्त दवाएं निगरानी समितियों को सौंप दी गई हैं। जब उनके द्वारा यह बताया गया कि विभाग द्वारा चार चरणों में मेडिकल किट समस्त खंड विकास अधिकारियों को सौंप दी गई हैं। जब मेरे द्वारा बताया गया कि अभी पर्याप्त मात्रा में निगरानी समितियों के पास दवा है। शेष दवा देने से पहले अब तक दी गई दवाओं के उपयोगिता की जानकारी होनी चाहिए व निगरानी समितियों द्वारा उपयोग की गई दवाओं का प्रमाण पत्र देने के साथ-साथ दिए गए मेडिकल किट का ब्यौरा मांगा जाना चाहिए।
इस पर उन्होंने मुझे डांट कर चुप रहने के साथ-साथ कहा कि तुम दवाओं का ब्यौरा मांगने वाले कौन होते हो। जब उन्हें यह बताया गया कि जिला प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराए गए अनुदेशकों को बेरी फायर का प्रशिक्षण दिए जाने के बाद भी वह अपनी सेवा नहीं दे रहे हैं। जिस पर जवाब था कि यह काम स्वास्थ्य विभाग का है जैसे चाहे वैसे कराएं। इस्तीफा देने के बाबत जब उनसे पूछा गया तो उन्होंने कहा कि इन परिस्थितियों में अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी के रूप में मानसिक आहत होने के कारण अपनी सेवा देने में असमर्थ हूं जिससे मैंने पद से त्यागपत्र दे दिया है।
इस संबंध में मुख्य चिकित्सा अधिकारी सीताराम केसरी से जब दूरभाष पर वार्ता की गई। तो वह इस बात की पुष्टि करने से कतराते रहे और कहां कि मैं बहुत व्यस्त हूं। कुछ देर बाद फोन कर लेना। जब दोबारा फोन किया गया तो बेल बजती रही, लेकिन फोन नहीं उठा जिससे उनके पक्ष की जानकारी नहीं हो सकी। इस बीच विभाग के सूत्रों ने बताया कि एसीएमओ के त्यागपत्र देने को लेकर पूरे स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है और नाराजगी इस कदर है कि दर्जनों डाक्टर और विभागीय अफसर भी नौकरी से इस्तीफा दे सकते हैं। इसको लेकर विभाग के कयी अफसर, डाक्टर और कर्मचारी गोपनीय तौर पर बैठक कर रहे हैं।


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