International Tiger Day: शहर और गांवों में नहीं आ सकेंगे बाघ, यूपी में बनेंगे चार रेस्क्यू सेंटर, केंद्र ने दी मंजूरी

बाघों को संरक्षण प्रदान करने के लिए उत्तर प्रदेश में चार रेस्क्यू सेंटर और एक रिवॉइल्डिंग सेंटर बनाने के लिए नेशनल कैंपा कमेटी (ईसी) ने सैद्धांतिक सहमति दे दी है।

Newstrack :  Network
Published By :  Shashi kant gautam
Update:2021-07-29 07:32 IST

अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस: फोटो- आशुतोष त्रिपाठी- न्यूजट्रैक

International Tiger Day: स्वस्थ पर्यावरण के लिए बाघ का रहना जरूरी है। एक समय था जब बाघ विलुप्ति के कगार पर पहुंच गए थे। उस समय किये गए सर्वे के अनुसार भारत के नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी (National Tiger Conservation Authority) के मुताबिक 2014 में बाघों की संख्या 2226 थी नए आंकड़ों के हिसाब से आज देश में बाघों की संख्या 2967 पहुंच गई है। बाघों को संरक्षित करने और लोगों को जागरूक करने के लिए अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस 29 जुलाई को मनाया जाता है। बाघों को संरक्षण प्रदान करने के लिए उत्तर प्रदेश में चार रेस्क्यू सेंटर और एक रिवॉइल्डिंग सेंटर बनाने के लिए नेशनल कैंपा कमेटी (ईसी) ने सैद्धांतिक सहमति दे दी है। शीघ्र ही औपचारिक आदेश जारी कर दिया जाएगा।

लेकिन एक तरफ जहां बाघों के संरक्षण के कारण बाघों की संख्या में इजाफा हुआ है तो वहीं दूसरी तरफ प्रदेश के आबादी वाले हिस्सों में बाघ और तेंदुओं की मार भी झेलनी पड़ती है। उत्तर प्रदेश में बाघों और तेंदुओं के आबादी में आने की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं। जंगल से सटे इलाकों में मानव और पालतू पशुओं पर हमले भी आए दिन हो रहे हैं।

रेस्क्यू सेंटर बनाने का प्रस्ताव केंद्र को भेजा गया था

इस पर काबू पाने के लिए राज्य सरकार ने पीलीभीत, मेरठ, महराजगंज और चित्रकूट में एक-एक रेस्क्यू सेंटर बनाने का प्रस्ताव केंद्र को भेजा था। इस पर कंपनसेटरी अफॉरेस्टेशन फंड मैनेजमेंट एंड प्लानिंग अथॉरिटी (कैंपा) की राष्ट्रीय कार्यकारी कमेटी ने बीते दिनों विचार किया। 

वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, बैठक में इन प्रस्तावों पर किसी तरह की आपत्ति नहीं दर्ज कराई गई। ईसी ने यूपी के अधिकारियों के परियोजनाओं के पक्ष में दिए गए तर्कों को वाजिब ठहराया। रेस्क्यू सेंटर के लिए कैंपा फंड मुहैया कराएगा। एक रेस्क्यू सेंटर की लागत करीब 4.90 करोड़ रुपये आएगी।

रेस्क्यू सेंटर बनाने के प्रस्ताव को केंद्र ने दी मंजूरी 

यूपी में नदियों के कछार में अक्सर तेंदुए देखने को मिल जाते हैं

बीते एक साल के आंकड़ों के मुताबिक दुधवा व पीलीभीत टाइगर रिजर्व के आसपास के गांवों और पश्चिमी व पूर्वी यूपी में नदियों के कछार में अक्सर तेंदुए देखे जा रहे हैं। बरेली में रामगंगा नदी के किनारे बाघिन ने दो लोगों को पिछले महीने घायल किया था। प्रदेश के इन चार अलग-अलग हिस्सों में रेस्क्यू सेंटर बनने से जंगल के बाहर तेंदुए और बाघ मिलने पर इन्हें तत्काल पकड़ा जा सकेगा। 

रेस्क्यू सेंटरों में वन्य-जीव चिकित्सकों के अलावा प्रशिक्षित स्टाफ और वन्यजीवों को पकड़ने के लिए जरूरी उपकरण व वाहन भी रहेंगे। नजदीक में ही रेस्क्यू सेंटर होने पर उन्हें अपेक्षाकृत कम समय में पकड़कर भेजा जा सकेगा, जिससे मानव-वन्य जीव संघर्ष में कमी आएगी। 

पीलीभीत में बाघों के लिए रिवाइल्डिंग सेंटर

पीलीभीत में बाघों के लिए रिवाइल्डिंग सेंटर बनाने पर भी नेशनल कैंपा की ईसी ने सहमति दे दी है। यह सेंटर करीब 25 हेक्टेयर क्षेत्र में बनाया जाएगा। जो भी बाघ आबादी वाले इलाकों में पकड़ में आएंगे, उन्हें कुछ दिन यहां रखकर फिर से उन्हें जंगली बनाने में मदद की जाएगी।

अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक संजय श्रीवास्तव ने बताया कि उत्तर प्रदेश में चार रेस्क्यू सेंटर और एक रिवाइल्डिंग सेंटर बनाने के लिए नेशनल कैंपा की ईसी ने सहमति दे दी है। एक-दो दिनों में हमें औपचारिक आदेश (संबंधित कार्यवृत्त) प्राप्त होने की उम्मीद है।

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