Jayant Chaudhary: रालोद को संभालने के बाद पहली बार चुनाव मैदान में उतरेंगे जयंत चौधरी
Jayant Chaudhary: पार्टी संस्थापक चौधरी अजित सिंह के निधन के बाद यह पहला चुनाव होगा जिसमें उनके बेटे जयंत चौधरी पार्टी का नेतृत्व करेंगे।
Jayant Chaudhary: उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव को लेकर जहां सभी दल अपनी तैयारियों में जुट गए हैं वहीं किसानों की पार्टी कही जाने वाली राष्ट्रीय लोकदल ने भी अपनी तैयारियों को तेज कर दिया है। रालोद इन दिनों भाई चारा सम्मेलन कर संगठन को ताकतवर बनाने में लगा है। विशेष बात यह है कि पार्टी संस्थापक चौधरी अजित सिंह के निधन के बाद यह पहला चुनाव होगा जिसमें उनके बेटे जयंत चौधरी पार्टी का नेतृत्व करेंगे।
उल्लेखनीय है कि दो महीने पहले चौधरी अजित सिंह के निधन के बाद पार्टी ने सर्वसम्मति से जयंत चौधरी को पार्टी की कमान सौंपी है। इसके बाद रालोद अध्यक्ष ने जातिवादी राजनीति से पार्टी को अलग करते हुए दो महीने तक भाई चारा सम्मेलन आयोजित करने का फैसला लिया है।
यहां यह बताना जरूरी है कि देश के पूर्व उप प्रधानमंत्री और किसानों के मसीहा कहे जाने वाले चौधरी चरण सिंह ने इस पार्टी की स्थापना सत्तर के दशक में की थी। इसके बाद अस्सी के दशक में पार्टी की कमान उनके पुत्र चौधरी अजित सिंह ने संभाल ली। इस अवधि में चौधरी अजित सिंह की केंद्र और प्रदेश की राजनीति में खूब दखलंदाजी होती रही।
किसानों के सबसे बड़े नेता चौधरी चरण सिंह की विरासत को चौधरी अजित सिंह कई वर्षों तक संभालते रहे और किसानों के दम पर ही कई सालों तक सत्ता से जुड़े रहे। पर 2014 में 'मोदी उदय' के बाद उनकी राजनीति कमजोर पड़ती गयी। इस चुनाव में बुरी तरह से परास्त होने के बाद रालोद को 2017 के विधानसभा चुनाव और 2019 के लोकसभा में भी बड़ा नुकसान हुआ। लेकिन जब अब 2022 में यूपी में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। जयंत चौधरी ने चौधरी अजित सिंह के समय ही राजनीति में पदार्पण किया और मथुरा से सांसद भी बने। लेकिन 2014 का लोकसभा का चुनाव वह मोदी लहर के चलते हार गए।
लंदन स्कूल आफ इकोनामिक्स से पढ़ाई कर चुके जयंत चौधरी ने हाल ही में केन्द्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे आंदोलन में किसानों का पूरा साथ दिया जिसके बाद वह एक बार फिर चर्चा में आ गए। इस आंदोलन के बहाने वह अगले विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय लोकदल को चुनावी लाभ दिलाना चाहते हैं। आज कल अपने हर भाषण में जयंत चौधरी अपने दादा चौधरी चरण सिंह और किसान नेता महेन्द्र सिंह टिकैत के वर्षो पुराने सम्बन्धो का हवाला देकर आंदोलन से भावानात्म रूप से जोड़ने का प्रयास किया है।
अब किसान आंदोलन के बीच पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसानों ने जयन्त चौधरी को हाथ लिया है जिसके बाद उम्मीद की जा रही है कि अगले चुनाव में रालोद अपनी पुरानी ताकत वापस लाने में कामयाब होगा।