Lucknow: LDA ने डिफाल्टर आवंटियों के लिए शुरू की OTS योजना, 31 जुलाई तक करें आवेदन

लखनऊ विकास प्राधिकरण ने डिफाल्टर आवंटियों को राहत देते हुए उनके लिए ओटीएस यानि यानी एकमुश्त समाधान योजना शुरू की है।

Written By :  Rahul Singh Rajpoot
Newstrack :  Network
Update: 2021-07-10 12:32 GMT
एलडीए ऑफिस, फाइल, सोशल मीडिया

लखनऊ विकास प्राधिकरण ने डिफाल्टर आवंटियों को राहत देते हुए उनके लिए ओटीएस यानि यानी एकमुश्त समाधान योजना शुरू की है। इस योजना के तहत जो आवंटी अपने मकान, प्लॉट या फिर फ्लैट की किस्त किसी कारण वश नहीं जमा कर पाए हैं उन्हें एक मौका दिया जाएगा। जिससे वह अपनी किस्त जमा कर सकें हैं वह एलडीए की ओटीएस योजना में आवेदन करके ब्याज में छूट का लाभ उठा सकते हैं। इस योजना का लाभ उठाने के लिए प्राधिकरण द्वारा निर्धारित प्रोसेसिंग फीस तभा प्रारंभिक धनराशि को एलडीए ऑफिस गोमती नगर में स्थित यूको बैंक में तय तिथि के अंदर जमा करनी होगी। आवंटियों को इसकी रसीद फार्म के साथ लगानी होगी। इस योजना का लाभ 31 जुलाई तक ही मिलेगा।

एलडीए द्वारा तय की गई प्रोसेसिंग फीस

ईडब्ल्यूएस मकान के लिए 100 रुपए प्रोसेसिंग फीस, 5000 प्रारंभिक धनराशि देनी होगी। इसके अलावा अन्य श्रेणी के आवासीय एवं मिश्रित उपयोग की संपत्तियों, दुकानों तथा व्यावसायिक निर्माणों के लिए प्रोसेसिंग फीस 21000, प्रारंभिक रकम 50000 देनी होगी। ग्रुप हाउसिंग के लिए प्रोसेसिंग फीस 11000, प्रारंभिक फीस 50000 देनी होगी। संस्थागत संपत्तियों व अन्य के लिए भी 11000 प्रोसेसिंग फीस, 50000 रुपए प्रारंभिक धनराशि जमा करनी होगी। प्रारंभिक धनराशि भूखंड की किस्त में समायोजित हो जाएगी। जबकि प्रोसेसिंग फीस का समायोजन नहीं होगा।

करीब डेढ़ हजार डिफाल्टर आवंटी को मिलेगा फायदा

बता दें अभी करीब डेढ़ हजार डिफाल्टर आवंटी हैं, जो ओटीएस योजना के तहत आवेदन कर इसका लाभ ले सकते हैं। आवंटियों को 1000 से लेकर 500000 रुपये तक ब्याज में छूट मिल सकेगी।

जमीन खरीददारों को ठगी से बचाएगी एलडीए की वेबसाइट

लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) लोगों को ठगी से बचाने के लिए एक बड़ी पहल की है। एलडीए अब राजधानी में सभी कॉलोनियों की सूची विभाग की वेबसाइट पर अपलोड करेगा। इससे जहां लखनऊ में आशियाना खरीदने वाले लोग ठगी से बच सकेंगे वही उन्हें वैध और अवैध कॉलोनियों के बारे में पूरी जानकारी प्राधिकरण की वेबसाइट पर ही देखने को मिल जाएगी। जिससे वह जालसाजों के जाल में फंसने से बच सकेंगे। साथ ही अवैध कॉलोनियों पर कार्रवाई भी हो सकेगी।

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