Lucknow: कम हाउस टैक्स की वसूली पर एक्शन, जोन- 4 नंबर वन, जोन एक फिसड्डी
लखनऊ नगर आयुक्त ने कम हाउस टैक्स वसूली में पीछे रहे जोनल अफसर, कर अधीक्षकों और निरीक्षकों पर विभागीय कार्रवाई शुरू कर दी है।
लखनऊ: नगर निगम हाउस टैक्स की वसूली को लेकर बेहद सख्त रुख अख्तियार कर लिया है। नगर आयुक्त ने लापरवाह अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ एक्शन भी शुरू कर दिया है। जिसके तहत हाउस टैक्स वसूली में पीछे रहे जोनल अफसर समेत कर अधीक्षकों और निरीक्षकों पर विभागीय कार्रवाई की गई है। इसमें जोन 6 में तैनात राजस्व निरीक्षक राहुल सैनी को बर्खास्त करने के लिए नगर निगम में शासन को पत्र भेजा है। इसके अलावा जोन 5 में तैनात राजस्व निरीक्षक अनूप यादव को अनिवार्य रिटायरमेंट देने के लिए विभाग ने प्रक्रिया शुरू कर दी है।
नगर आयुक्त अजय द्विवेदी का कड़ा एक्शन
लखनऊ के नगय आयुक्त आईएएस अजय द्विवेदी ने हाउस टैक्स वसूली की समीक्षा बैठक के दौरान कई अफसरों को जमकर फटकार लगाई। उन्होंने वसूली कर पाने में अक्षम कई अधिकारियों को अंतिम चेतावनी भी दी है। साथ ही कम वसूली पर जोनल अधिकारी-दो अरुण चौधरी को चार्जशीट दी गई है। जोन दो के अधीक्षक सदाकांत और उमाशंकर गुप्ता का अगले आदेश तक वेतन रोकने का आदेश दिया है। नगर आयुक्त सबसे ज्यादा जोन छह में तैनात राजस्व निरीक्षक राहुल सैनी पर खफा हुए। एक दो उनका जोन हाउस टैक्स वसूल में सबसे फिसड्डी है, दूसरा वह नगर आयुक्त की बैठक में भी शामिल नहीं हुए।
नगर आयुक्त ने नाराजगी जताते हुए राजस्व निरीक्षक राहुल सैनी को चार्जशीट देने के बाद ही प्रशासनिक कार्यवाही के लिए शासन को पत्र भेजने का निर्देश दिया। जिसके तहत सेवा से बर्खास्त करने की कार्यवाही हो सकता है। समीक्षा बैठक से गायब राहुल सैनी का एक दिन का वेतन भी काटा जाएगा। इसके अलावा कम वसूली के कारण जोनल अधिकारी एक-दिलीप श्रीवास्तव और जोनल अधिकारी-छह प्रज्ञा सिंह से स्पष्टीकरण मांगा गया है। जोन एक के कर अधीक्षक अनूप श्रीवास्तव और राकेश कुमार का भी वेतन रोका गया है। जोन छह में तैनात राजस्व निरीक्षक अंदलीब जेहरा और आजाद अहमद से स्पष्टीकरण मांगा गया है।
हाउस टैक्स वसूली में जोन-4 नंबर वन, जोन एक रहा फिसड्डी
हाउस टैक्स वसूली में जोन चार नंबर वन रहा। यहां की वसूली 27.17 प्रतिशत है। दूसरे नंबर पर जोन सात रहा, यहां वसूली का प्रतिशत 25.36 है। 22.69 प्रतिशत वसूली कर जोन तीन तीसरे नंबर पर है। जोन आठ की वसूली 20.57 प्रतिशत, जोन दो की वसूली 11.58 प्रतिशत, जोन पांच की वसूली 10.32 प्रतिशत, जोन छह की वसूली 8.19 प्रतिशत और जोन एक की वसूली मात्र 7.71 प्रतिशत रही।