Ambulance Strike: एंबुलेंस कर्मियों की हड़ताल जारी, मरीज को ऑटो और रिक्शा पर लेकर अस्पताल पहुंच रहे परिजन
परिजन अपने मरीज को अपनी निजी गाड़ियों पर लेकर पहुंच रहे हैं, कुछ लोग तो ऑटो और रिक्शा की मदद से अस्पताल पहुंच रहे हैं।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में करीब पांच हजार एम्बुलेंस के 19000 कर्मचारियों के हड़ताल (Ambulance strike) पर चले जाने से पूरे उत्तर प्रदेश में हाहाकार मच गया है।
कर्मचरियों के आंदोलनरत होने के चलते आम लोगों बड़ी दिक्कत करने का सामना कारण पड़ रहा है। कर्मचारियों का कहना है कि उन्हें सरकारी कर्मचारी बनाया जाए।
राजधानी लखनऊ के ट्रामा सेंटर में एम्बुलेंस न मिलने के चलते मरीजों और उनके परिजनों को बड़ी परेशानियां झेलनी पड़ रही हैं।
परिजन अपने मरीज को अपनी निजी गाड़ियों पर लेकर पहुंच रहे हैं, कुछ लोग तो ऑटो और रिक्शा की मदद अस्पताल पहुंच रहे हैं।
वहीं कर्मचारियों ने उत्तर प्रदेश सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार ने कोरोना वॉरियर्स के नाम पर 50 लाख की निधि की घोषणा की लेकिन हमारा नाम उस लिस्ट में भी नहीं डाला गया।
साथ ही नई आउटसोर्स कंपनी पुराने कर्मचारियों की भर्ती करने के लिए घूस भी मांग रही है।
इसके इतर प्रशासन दावा कर रहा यही कि 60 से 65 प्रतिशत एम्बुलेंस सुचारु रूप से चलायी जा रही है। लखनऊ ट्रामा सेण्टर की ये तस्वीरें ये गवाही दे रही हैं कि सच्चाई धरातल से कोसों दूर है।
आपको बता दें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश के बाद 11 कर्मचारियों को बर्खास्त कर और आठ कर्मियों के खिलाफ एफआइआर कराए जाने के बावजूद हड़ताल पर डटे 570 और एंबुलेंस कर्मियों को नौकरी से हटा दिया गया।
बर्खास्त किए जाने वालों में एंबुलेंस ड्राइवर व इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन शामिल हैं।