Lucknow News: कोरोना काल में लगाई जान की बाजी, बदले में सरकार ने छीनी नौकरी

राजधानी लखनऊ के इको गार्डन में विगत 10 दिनों से अपनी मांगों लेकर एम्बुलेंस कर्मी आंदोलनरत हैं।

Published By :  Raghvendra Prasad Mishra
Update: 2021-08-04 14:38 GMT

मांगों को लेकर प्रदर्शन करते एंबुलेंस कर्मी (फोटो-न्यूजट्रैक)

Lucknow News: राजधानी लखनऊ के इको गार्डन में विगत 10 दिनों से अपनी मांगों लेकर एम्बुलेंस कर्मी आंदोलनरत हैं, उत्तर प्रदेश में करीब पांच हजार एम्बुलेंस के 19000 कर्मचारी हड़ताल पर चले गए थे, जिसके बाद से पूरे उत्तर प्रदेश में हड़कंप मच गया था, लेकिन उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के आदेश के बाद नई भर्ती प्रक्रिया शुरू की गयी, और ये जिम्मेदारी दी गयी जीवीकेईएमआरआई कंपनी को। इसके बाद लखनऊ पुलिस लाइन में भर्ती प्रक्रिया चलायी गयी, जिसमें बड़ी संख्या में छात्र भर्ती के लिए आये।

इको गार्डन में प्रदर्शन कर रहे एम्बुलेंस चालकों ने आरोप लगाया कि जब पूरा देश कोरोना संकट से जूझ रहा था तब हम एम्बुलेंस चालकों ने खुद की और अपने परिवार की चिंता न करते हुए जान की बाजी लगा दी, और उसके बदले में उत्तर प्रदेश साकार ने हमारी नौकरी ही छीन ली, ये कैसा इंसाफ है।


चालक और परिचालक संघ के उपाध्यक्ष अभिषेक मिश्र ने बताया कि सरकार ने कोरोना वॉरियर्स के नाम पर 50 लाख की निधि की घोषणा की, लेकिन हमारा नाम उस लिस्ट में भी नहीं डाला गया। साथ ही नई आउटसोर्स कंपनी जीवीकेईएमआरआई पुराने कर्मचारियों की भर्ती करने के लिए घूस भी मांग रही है। उन्होंने कहा कि हमारे कई साथियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गयी और उन्हें गिरफ़्तार भी कर लिया गया। हमारे प्रदेश अध्यक्ष हनुमान पांडेय को अभी तक रिहा नहीं किया गया है।

क्या हैं मांगें

बर्खास्त किये गए चालकों को पुनः नियुक्ति दी जाए

न्यूनतम वेतनमान और ओवरटाइम के साथ वेतन दिया जाए

सरकार चालकों का समायोजन सुनश्चित करे

सरकार को ठेका प्रथा को बंद करना चाहिए, जिससे कर्मचारियों का शोषण बंद हो 

बता दें एंबुलेंस चालकों के प्रदर्शन के चलते मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। मरीजों की समस्यों को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हड़ताल खत्म करने के लिए कहा था, लेकिन एंबुलेंस चालक मांग पूरी न होने तक हड़ताल खत्म करने को राजी नहीं हुए।

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