Lucknow News: आजाद इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मेसी के छात्रों का प्रदर्शन, फीस न देने के कारण करीब 94 छात्र परीक्षा से वंचित
Lucknow News: बिजनौर रोड स्थित आजाद इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मेसी एंड रिसर्च के बी-फार्मा द्वितीय और तृतीय वर्ष के छात्र-छात्राओं ने धरना प्रदर्शन किया
Lucknow News: आजाद इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मेसी एंड रिसर्च के बी-फार्मा द्वितीय और तृतीय वर्ष के छात्र-छात्राओं ने धरना प्रदर्शन कर कहा है कि आजाद इंस्टीट्यूट प्रशासन उन्हें परीक्षा में शामिल नहीं कर रहा है। जबकि कॉलेज प्रशासन का कहना था कि कोरोना के समय जो बच्चे फीस नहीं जमा कर पाए थे तो एकेटीयू से निर्देश के बाद इन लोगों को रोक दिया गया था। लेकिन हम लोग लगातार एकेटीयू से बात कर रहे हैं कि जो छात्र और छात्राओं फीस नहीं जमा कर पाए हैं वो बाद में जमा कर देंगे।
बता दें कि बिजनौर रोड स्थित आजाद इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मेसी एंड रिसर्च के बी-फार्मा द्वितीय और तृतीय वर्ष के छात्र-छात्राओं ने धरना प्रदर्शन किया। छात्रों का आरोप है कि फीस लेने के बाद भी आजाद इंस्टीट्यूट प्रशासन उन्हें परीक्षा में शामिल नहीं कर रहा है। कॉलेज के डायरेक्टर और एचओडी बीते 15 दिनों से उन्हें आईडी-पासवर्ड और प्रवेश पत्र दिए जाने को लेकर लटका रहा है। छात्रों ने बताया कि कॉलेज प्रशासन फीस न देने को लेकर करीब 94 छात्रों को परीक्षा से वंचित कर रहा है। परीक्षा ऑनलाइन हो रही है। उन्हें आईडी -पासवर्ड व प्रवेश पत्र की जरूरत है लेकिन कॉलेज प्रशासन उन्हें लगातार झूठा आश्वासन दे रहा।
छात्रों ने बताया कि बी-फार्मा तृतीय वर्ष की परीक्षा शुरू हो चुकी है, जबकि बी फार्मा द्वितीय वर्ष की परीक्षा 21 अगस्त से हैं। छात्रों ने प्रशासन से भविष्य की गुहार लगाते हुए परीक्षा में शामिल किए जाने की मांग की है। वहीं कॉलेज प्रशासन का कहना था कि कोरोना के समय जो बच्चे फीस नहीं जमा कर पाए थे तो एकेटीयू से निर्देश के बाद इन लोगों को रोक दिया गया था।
लेकिन हम लोग लगातार एकेटीयू से बात कर रहे हैं कि जो छात्र और छात्राओं फीस नहीं जमा कर पाए हैं वो बाद में जमा कर देंगे। जिसके लिए अब एकेटीयू ने कहा कि जो छात्र और छात्राएं कोरोना के समय जो खुद बीमार थे या उनकी फैमली से कोई बीमार था अब उनका दोबारा एग्जाम करा दिया जाएगा। 2 महीने के अंदर सभी छुटे हुए लोगों के पेपर करा लिए जाएंगे। इसलिए किसी को भी परेशान होने की जरूरत नहीं है। और ऐसा नहीं होगा कि फीस के कारण किसी को एग्जाम देने से रोका जाए।