Lucknow News: समाज के दो फीसदी लोग सुधर जाएं तो किसी भी महामारी पर काबू पाना संभव: ध्रुवकांत ठाकुर

Lucknow News: ध्रुवकांत ठाकुर ने कहा कि समाज के दो फीसदी लोग सुधर जाएं तो किसी भी महामारी पर काबू पाना संभव है।

Newstrack :  Network
Published By :  Dharmendra Singh
Update: 2021-07-08 20:11 GMT

बच्चे हैं अनमोल में विचार रखते वक्ता (फोटो: सोशल मीडिया)

Lucknow News: उत्तर प्रदेश सहित पूरे देश में करीब 98 फीसदी लोग आचार-विचार, शुद्ध आचरण वाले व न्यायप्रिय हैं और दो फीसदी लोग ही गड़बड़ियों में लिप्त हैं। कोरोना महामारी के समय इन्हीं दो फीसदी लोगों ने मौत के सौदागर के रूप में काम किया है और नकली दवाइयां बनाने से लेकर ऑक्सीजन सिलेंडर की कालाबाजारी में लिप्त रहे हैं। यह बातें विशिष्ट वक्ता लखनऊ के पुलिस आयुक्त ध्रुवकांत ठाकुर ने गुरुवार को सरस्वती कुंज निरालानगर स्थित प्रो. राजेन्द्र सिंह रज्जू भैया डिजिटल सूचना संवाद केंद्र में आयोजित 'बच्चे हैं अनमोल' कार्यक्रम के दसवें अंक में कहीं। इस कार्यक्रम में विद्या भारती के शिक्षक, बच्चे और उनके अभिभावक सहित लाखों लोग आनलाइन जुड़े थे, जिनकी जिज्ञासाओं का समाधान भी किया गया।

विशिष्ट वक्ता लखनऊ के पुलिस आयुक्त ध्रुवकांत ठाकुर ने कोरोना की पहली और दूसरी लहर में आई चुनौतियों का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि चुनौतियों से ही सीख लेते हुए संभावित तीसरी लहर पर भी काबू पाया जा सकता है। कोरोना की दूसरी लहर जैसी स्थिति का आगे सामना न करना पड़े, इसके लिए लिए हमें कोरोना की गाइड लाइन का पालन करना चाहिए। इसके साथ भयवश अपने घरों में दवाओं और ऑक्सीजन सिलेंडर को इकट्ठा न करें। उन्होंने कहा कि नकली दवाओं और ऑक्सीजन सिलेंडर की कालाबाजारी करने वालों की शिकायत नजदीकी पुलिस स्टेशन में करें ताकि संकट के समय आमजन को बचाया जा सके। उन्होंने अभिभावकों, शिक्षकों और बच्चों से मास्क लगाने, भीड़-भाड़ से बचने और दो गज की दूरी बनाए रखने की अपील की है।
मुख्य वक्ता आरोग्य भारती के प्रांतीय सचिव डॉ. अभय नारायण तिवारी ने लोगों को स्वास्थ्य के प्रति सचेत किया और कहा कि आयुर्वेद की पद्धति अपनाई जाए तो कोरोना जैसी असंख्य महामारियों से बचना संभव है। उन्होंने भारतीय चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद पर जोर देते हुए कहा कि हमारी रसोई में ही कई औषधियां उपलब्ध रहती हैं, जो इम्युनिटी को बढ़ाने का काम करती है, सिर्फ जरूरत है सही तरह से उपयोग करने की। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य को लेकर हमें स्वयं चिंतन करना होगा और अपने आहार-विहार पर ध्यान देना होगा, यही हमें बीमारियों से मुक्ति दिलाएगा। इसके साथ ही उन्होंने सरसों और नारियल के तेल की दो बूंद नाक में डालने की सलाह देते हुए कहा कि इससे संक्रमण टूटता है।
कार्यक्रम अध्यक्ष भारतीय शिक्षा शोध परिषद के कोषाध्यक्ष डॉ. शिवभूषण त्रिपाठी ने मानव जीवन में संयम के महत्व के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि आधुनिकता की चकाचौंध ने हमारी प्राचीन जीवनशैली को खत्म सा कर दिया है, जिसका प्रभाव मानव स्वास्थ्य पर साफ दिख रहा है। उन्होंने कहा कि हमें खाने-पीने से लेकर प्रत्येक काम में संयम बरतना चाहिए। कोरोना संकट के समय में हमें अफवाहों पर ध्यान न देकर विवेकशील प्राणी बनकर सरकार की ओर से किये जा रहे उपायों का लाभ उठाना चाहिए। उन्होंने अभिभावकों और शिक्षकों से अपील करते हुए कहा कि वह अपने बच्चों के लिए आचार-विचार और व्यवहार का आदर्श प्रस्तुत करें, क्योंकि बच्चे आचरण से ही सीखते हैं। उन्होंने कहा कि अभिभावकों को सजग रहना होगा और इस संकट के समय उनकी सुरक्षा का ध्यान रखना होगा। उन्होंने कहा कि बच्चों में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने की अद्भुत शक्ति होती है, सिर्फ उनके आहार-विहार पर ध्यान रखने की आवश्यकता है।
कार्यक्रम का संचालन विद्या भारती पूर्वी उत्तर प्रदेश के प्रचार प्रमुख सौरभ मिश्रा ने किया। इस कार्यक्रम में विद्या भारती पूर्वी उत्तर प्रदेश के बालिका शिक्षा प्रमुख उमाशंकर मिश्रा जी, सह प्रचार प्रमुखभास्कर दूबे, वरिष्ठ प्रचारक रजनीश पाठक, रेडक्रास सोसाइटी के प्रदेश उपाध्यक्ष सत्यानंद पांडेय जी, शुभम सिंह सहित कई पदाधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे।


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