Lucknow News: यूपी के दमकल विभाग में ऊंची-ऊंची बिल्डिंगों में आग बुझाने के पर्याप्त साधन नहीं

Lucknow News: उत्तर प्रदेश के दमकल विभाग से जुड़े सूत्र बताते हैं कि यूपी में कई हाईड्रोलिक प्लेटफॉर्म मशीनें खराब हैं।

Written By :  Sandeep Mishra
Published By :  Dharmendra Singh
Update: 2021-07-13 15:53 GMT

दमकल की गाड़ी (फोटो: सोशल मीडिया)

Lucknow News: उत्तर प्रदेश के दमकल विभाग से जुड़े सूत्र बताते हैं कि यूपी में कई हाईड्रोलिक प्लेटफॉर्म मशीनें खराब हैं। उन्हें सही करने के लिए इटली से इंजीनियर पिछले कई महीने से नहीं आए हैं। अगर यही मशीनें भारत में बनने लगें तो बहुत कुछ आसान हो जाएगा। इसलिए हाईराइज बिल्डिंगों में आग की घटनाओं पर काबू पाने पर सवाल खड़े हो गए हैं?

विभागीय सूत्रों ने बताया कि फायर विभाग के पास एकमात्र यही मशीन ऐसी है जो 42 मीटर ऊंचाई तक जा सकती है। जब ये मशीनें ही खराब हालत में होंगी तो हाईराइज बिल्डिंगों में कैसे आग बुझाई जा सकेगी?
इस संदर्भ में डीजी दमकल विभाग आरके विश्वकर्मा ने बताया कि महानगरों को हाईड्रोलिक प्लेटफॉर्म मशीनें मिलेंगी। उन्होंने बताया कि 15वें वित्त आयोग से यूपी को 373 करोड़ रुपये मिले हैं। इस बजट से गाजियाबाद, नोएडा, आगरा, मुरादाबाद, वाराणसी, गोरखपुर, प्रयागराज आदि शहरों में हाईड्रोलिक प्लेटफॉर्म मशीनें दी जाएंगी। एक मशीन 42 मीटर ऊंचाई तक जा सकती है।

 इसके प्लेटफार्म पर एक बार में कई फायर फाइटर्स खड़े होकर जा सकते हैं। उन्होंने बताया कि सूबे की 72 तहसीलों में फायर स्टेशन नहीं है। डीजी ने कहा कि ये तहसील मुख्यालय या तो बेहद ग्रामीण क्षेत्र में हैं या फिर काफी बाद में तहसील घोषित हुए हैं। सभी CFO को जिला प्रशासन से बात करके जमीन मुहैया कराने का निर्देश दिया है। 18 तहसीलों पर फायर स्टेशन के लिए जमीन मिल चुकी है। इसके अलावा 95 नए फायर स्टेशन बनाने का काम तेजी से जारी है।
डीजी दमकल विभाग ने बताया कि हाल ही में यूपी में 2049 रिक्रूट फायर सर्विस के लिए पासआउट हुए हैं। समस्या ये है कि फायर सर्विस के पास ट्रेनिंग के लिए एकमात्र एकेडमी उन्नाव जिले में है। जिसकी क्षमता सिर्फ 200 रिक्रूट को ट्रेनिंग देने की है।
डीजी आरके विश्वकर्मा ने कहा कि हमारी योजना उप्र के सभी एक्सप्रेस-वे किनारे एकेडमी खोलने की है। इसके अलावा प्रदेश के 32 स्थान चिह्नित किए गए हैं।जहां फिलहाल ट्रेनिंग शुरू की जा सकती है। इसका प्रस्ताव सरकार को भेजा जा रहा है।


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