Lucknow News: राजधानी में बनेगा नया कॉमर्शियल हब, बसंतकुंज में विभूति खंड की तर्ज पर होगा विकास
राजधानी में जल्द ही एक नया कॉमर्शियल हब बनाया जाएगा। जो लखनऊ के विकास में अहम योगदान तो देगा ही साथ ही लोगों को रोजगार और व्यवसाय के लिए नया ठिकाना भी मिलेगा।
Lucknow News: राजधानी में जल्द ही एक नया कॉमर्शियल हब बनाया जाएगा। जो लखनऊ के विकास में अहम योगदान तो देगा ही साथ ही लोगों को रोजगार और व्यवसाय के लिए नया ठिकाना भी मिलेगा। लखनऊ विकास प्राधिकरण इस संदर्भ में काम शुरू कर चुका है। नया कॉमर्शियल हब बसंतकुंज में बनेगा जिसे राष्ट्र प्रेरणा स्थल के पास विकसित किया जाएगा। एलडीए यहां बहुमंजिला इमारतों के साथ पांच सितारा होटल और ग्रुप हाउसिंग स्कीम लॉन्च करेगा।
फिलहाल एलडीए की अभी जो योजना है उसमें अभी सिर्फ निजी विकासकर्ताओं को ही भूखंड बेचे जाने की है। एलडीए के नियोजन विभाग के मुताबिक बसंत कुंज राष्ट्र प्रेरणा स्थल के पास एलडीए का सेक्टर-जे विकसित किया जाना है। यहां विकास के कार्य भी शुरू हो चुके हैं।
जल्द भूखंडों की होगी नीलामी
एलडीए नियोजन विभाग के मुताबिक इस योजना के अंतर्गत जल्द ही यहां भूखंड भी विकसित कर दिए जाएंगे। इसके बाद इन्हें नीलामी के जरिए बेचा जाएगा। अभी केवल यहां आवासीय पॉकेट में विकसित छोटे भूखंड ही बेचे गए हैं। ये पॉकेट बसंतकुंज का विभूतिखंड बने। इसके लिए एलडीए ने छोटी-छोटी से सुविधा का ध्यान रखा है। जहां एक तरफ राष्ट्र प्रेरणा स्थल यहां बनाया जाना है।
वहीं, मूसाबाग किला और ग्रीन बेल्ट इस कॉमर्शियल हब के पास है जोकि इस लोकेशन को खास बनाती है। राष्ट्र प्रेरणा स्थल के पास ही बंधा रोड के दूसरी तरफ जमीन को सिटी फॉरेस्ट के रूप में विकसित करेगा। इस प्रोजेक्ट पर भी एलडीए ने काम शुरू करा दिया है।
ग्रीन कॉरिडोर देगा महत्वपूर्ण पहचान
गोमती किनारे ग्रीन कॉरिडोर की शुरूआत ही बसंतकुंज योजना के सेक्टर-जे से होनी है। ऐसे में इसका फायदा सीधे तौर पर सेक्टर-जे में विकसित हो रहे इस कॉमर्शियल हब को मिलना है। ऐसे में आठ हजार वर्गमीटर से लेकर 15 हजार वर्गमीटर तक के कॉमर्शियल भूखंड पर शॉपिंग मॉल या ऑफिस कॉम्प्लेक्स भी बनाए जाने संभावित हैं। मिश्रित भू-उपयोग और सुविधा भू-उपयोग के लिए विकसित भूखंड में लोगों की जरूरत के मुताबिक उपयोग को सुनिश्चित किया जा सकेगा। एलडीए की योजना है कि यहां स्टूडियो अपार्टमेंट, वर्क फ्रॉम होम जैसे उपयोग के लिए कॉम्प्लेक्स बनाए जाएं जोकि भविष्य की जरूरत होगी।