Lucknow News: बेसिक शिक्षकों पर बड़ी खबर, जुलाई का वेतन नहीं मिलेगा ऐसे शिक्षकों को

Lucknow News: बेसिक शिक्षकों को लेकर बड़ी खबर है कि अगर 15 दिन के अंदर उन्होंने अपने सर्टिफिकेट अपलोड नहीं किये, तो उनकी सैलरी रोक दी जाएगी।

Written By :  Ramkrishna Vajpei
Published By :  Vidushi Mishra
Update: 2021-07-10 03:36 GMT

बेसिक शिक्षक (फोटो- सोशल मीडिया)

Lucknow News: बेसिक शिक्षकों पर नई आफत आ गई है। अगर 15 दिन के अंदर उन्होंने अपने सर्टिफिकेट अपलोड नहीं किये तो उनकी सैलरी रोक दी जाएगी। राज्य सरकार ने प्राथमिक विद्यालय के शिक्षकों को अपनी हाई स्कूल की मार्कशीट और प्रमाण पत्र मानव संपदा पोर्टल पर अपलोड करने का निर्देश दिया है, ऐसा नहीं करने पर उनका वेतन रोकने की कार्रवाई की जाएगी।

एक नए आदेश में, महानिदेशक, स्कूली शिक्षा, विजय किरण आनंद ने सभी बुनियादी शिक्षा अधिकारियों (बीएसए) को केवल उन शिक्षकों का वेतन जारी करने के लिए कहा है, जिन्होंने मानव संपदा पोर्टल पर अभिलेखों के डिजिटलीकरण के लिए अपनी हाई स्कूल की मार्कशीट और प्रमाण पत्र अपलोड कर दिये हैं, यह शिक्षकों का एक ऑनलाइन डेटाबेस है।

शिक्षकों का ढुलमुल रवैया 

यह कदम तब उठाया गया जब यह पाया गया कि कई शिक्षकों ने सितंबर 2019 से बार-बार निर्देशों के बावजूद अपने दस्तावेज पोर्टल पर अपलोड नहीं किए थे। आदेश में कहा गया है, "चूंकि शिक्षकों का अपना लॉगिन है, वे आसानी से दस्तावेज़ अपलोड कर सकते थे। आदेश का पालन न करना शिक्षकों के ढुलमुल रवैये को दर्शाता है।

बुनियादी शिक्षा निदेशालय द्वारा 2 जुलाई को ऑनलाइन पोर्टल पर अपलोड किए गए दस्तावेजों की स्थिति रिपोर्ट दर्ज करने के बाद यह निर्देश जारी किया गया था। रिपोर्ट में कहा गया है कि प्राथमिक विद्यालयों में 21,000 से अधिक सहायक शिक्षकों, 4,000 प्रधान शिक्षकों और जूनियर स्कूलों में तमाम सहायक शिक्षकों ने अभी तक अपनी हाई स्कूल की मार्कशीट और सर्टिफिकेट अपलोड नहीं किये हैं।

बेसिक शिक्षक (फोटो-सोशल मीडिया)

लखनऊ में, प्राथमिक विद्यालयों के 3,067 सहायक शिक्षकों में से 2,908 ने अपनी हाई स्कूल की मार्कशीट अपलोड की है और 2,804 ने अपना हाई स्कूल सर्टिफिकेट अपलोड किया है। लखनऊ में 1,937 प्रधान शिक्षकों (प्राथमिक विद्यालय), सहायक शिक्षकों (जूनियर स्कूल) में से 1,875 और 1,744 ने क्रमशः अपनी हाई स्कूल की मार्कशीट और प्रमाणपत्र अपलोड किया है।

शपथपत्र लेकर वेतन जारी करने के आदेश

इससे पूर्व 69 हजार शिक्षक भर्ती में नवनियुक्त शिक्षकों से भी हाईस्कूल व इंटरमीडिएट के प्रमाणपत्रों के सत्यापन के लिए अपलोड करने को कहा गया था। हालांकि बाद में स्नातक और प्रशिक्षण जैसे बीएड आदि के प्रमाणपत्रों का सत्यापन न हो पाने पर शपथपत्र लेकर वेतन जारी करने के आदेश दिए गए थे।

गौरतलब है कि यदि जांच में किसी शिक्षक का कोई प्रमाणपत्र फर्जी पाया जाता है तो उनकी नियुक्ति स्वत: निरस्त समझी जाएगी और गलत प्रमाणपत्रों के आधार पर चयन प्राप्त करने के लिए वह स्वयं उत्तरदायी होंगे और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी।

उनके द्वारा इस चयन पर प्राप्त वेतन या लाभ आदि राजकीय कोष में जमा किया जाएगा। इस संबंध में वे न्यायालय में किसी भी तरह का वाद नहीं दायर किया जाएगा।

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