Lucknow News: एलडीए में बड़े पैमाने पर घोटाले का अंदेशा, छापेमारी में बेसमेंट से भूखंडों की फाइलें बरामद

Lucknow News: लखनऊ विकास प्राधिकरण में बाबुओं, पूर्व अधिकारियों और दलालों का खेल चलता रहता है। जो सरकारी भूखंडों को इधर-ऊधर कराकर मोटा माल कमाते हैं।

Written By :  Rahul Singh Rajpoot
Published By :  Pallavi Srivastava
Update: 2021-07-24 04:44 GMT
लखनऊ विकास प्राधिकरण, फाइल, सोशल मीडिया

Lucknow News: लखनऊ विकास प्राधिकरण में घोटाला या फाइलों को दबाना कोई नया नहीं है। बाबुओं, अफसरों और दलालों की मिलीभगत से एलडीए का ये खेल बहुत पुराना है। शुक्रवार को फाइलें बेसमेंट में दबी होने की सूचना के बाद एलडीए के सचिव पवन कुमार गंगवार ने अचानक प्राधिकरण के बेसमेंट में छापा मारा तो 50 से अधिक भूखंडों की फाइलें बरामद हुईं।

गौरतलब है कि लखनऊ विकास प्राधिकरण के कारनामे जगजाहिर हैं, यहां विभाग की मिली भगत से कुछ भी हो सकता है। शुक्रवार को भी कुछ ऐसा ही देखने को मिला एलडीए के सचिव पवन कुमार गंगवार ने अचानक प्राधिकरण के बेसमेंट में छापा मारा तो अधिकारी से लेकर कर्मचारी सकते में आ गए। एलडीए सचिव की छापेमारी में बेसमेंट से 50 से अधिक भूखंडों की फाइलें बरामद हुई हैं जो एक गंभीर विषय है। अब सचिव पवन गंगवार के निर्देश पर विभाग इन फाइलों की नंबरिंग कराएगा।

बेसमेंट में दबी फाइलें बरामद (सांकेतिक फोटो) pic(social media)

जानकारी के मुताबिक बेसमेंट से जो फाइलें बरामद हुई हैं उसमें नेहरू इंक्लेव, शारदा नगर, ट्रांसपोर्ट नगर, गोमती नगर, प्रियदशर्नी नगर योजना, कानपुर रोड सहित कई योजनाओं की फाइलें हैं जो कई वर्षाे से गायब बताई जा रही थीं। फिलहाल पूरे बेसमेंट को सुरक्षाकर्मियों के हवाले कर दिया गया है, जिससे वहां किसी तरह की अब हेराफेरी ना की जा सके।

बता दें कि लखनऊ विकास प्राधिकरण में बाबुओं, पूर्व अधिकारियों और दलालों का खेल चलता है। जो सरकारी भूखंडों को इधर-ऊधर कराकर मोटा माल कमाते हैं। इन्हीं लोगों की मिली भगत से नौ मीटर चबूतरे पर कानपुर रोड योजना में कमर्शियल भूखंड समायोजित कर दिए इनकी तमाम फाइलें गायब थीं। ये फाइलें आवासीय, कॉमर्शियल और इंजीनियरिंग सेक्शन से जुड़ी हैं। जांच से बड़े घोटाले का भंडाफोड़ होने की उम्मीद है।

जिनके हस्ताक्षर उन पर हो सकती है कार्रवाई

बेसमेंट से बरामद हुई फाइलों से अफसरों को शक है कि घोटाले की फाइलें कहीं योजना देख रहे पूर्व के लिपिकों ने तो नहीं छुपाई। क्योंकि, शुरुआती जांच में कुछ ऐसी भी फाइलें मिली हैं, जिनकी योजना देख रहे अफसरों को तलाश थी। फाइलों में जिन लिपिकों और अफसरों के हस्ताक्षर होंगे, ऐसे लोगों पर कार्रवाई हो सकती है।

नहीं आईं सत्यापित फाइलें, सचिव ने भेजा पत्र

वहीं, गोमती नगर के अलग-अलग खंडों में हुए भूखंड घोटालों की फाइलों का सत्यापन एलडीए को नहीं भेजा जा रहा है। सचिव पवन कुमार गंगवार द्वारा दस दिन पहले कई भूखंडों की रजिस्ट्री की प्रति सत्यापन के लिए रजिस्ट्री ऑफिस भेजी गई थी। अभी तक सत्यापित प्रति न आने पर सचिव लविप्रा ने फिर से रजिस्ट्रार ऑफिसर को पत्र लिखकर प्रतियां मंगाई हैं।

अगर रजिस्ट्री प्रथम दृष्टया गलत पाई जाती है तो कूटरचना करने के आरोप में रजिस्ट्री करने वालों के खिलाफ एफआइआर होगी और प्राधिकरण ट्रांसपोर्ट नगर की तरह यहां भी भूखंडों पर कब्जा लेकर नीलामी कराएगा। प्राधिकरण में पूर्व के अफसरों द्वारा खेला गए खेल अब सामने आ रहा हैं।

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