बड़ी खुशखबरीः प्रदूषण से मिलेगी छुट्टी, अब हाइड्रोजन से चलेंगी बसें
Lucknow News: लखनऊ में रोडवेज की बसों को अब हाइड्रोजन तकनीक से चलाने की तैयारी की जा रही है।
Lucknow News: राजधानी में रोडवेज की बसों को अब हाइड्रोजन तकनीक से चलाने की तैयारी की जा रही है। इन बसों के सड़कों पर उतरने से वाहनों से निकलने वाले विषैले हुए को रोकने में मदद मिलेगी। इस संबंध में कार्य योजना तैयार कर ली गई है। जल्द ही राजधानी की सड़कों पर हाइड्रोजन फ्यूल सेल टेक्नोलॉजी के जरिए बसों का संचालन शुरू हो जाएगा।
इस संबंध में इंडियन आयल कारपोरेशन के अफसरों ने शुक्रवार को नई दिल्ली से लखनऊ पहुंचकर रोडवेज और परिवहन विभाग के अफसरों के साथ बैठक की। जिसमें रोडवेज के अफसरों से इस बाबत कई घंटों तक विचार विमर्श हुआ।
बसों से प्रदूषण नहीं
हाइड्रोजन ईंधन से बसें चलाने में कितना खर्चा आएगा और किस ईंधन से कितनी बचत होती है इस सब पर विचार करने के बाद रोडवेज हाइड्रोजन फ्यूल सेल तकनीक पर आधारित बसों के संचालन पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है।
इस संबंध में प्रेजेंटेशन भी दिया जा चुका है, जिसमें यह बात सामने आई है कि अगर हाइड्रोजन को ईंधन के रूप में इस्तेमाल किया जाता है तो खर्च में तो बचत होगी ही साथ ही यह पूरी तरह प्रदूषण मुक्त भी है।
हाइड्रोजन बेस ईंधन को हरित ऊर्जा की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल माना जा रहा है। संभावना है कि 2030 तक बसों के संचालन में हाइड्रोजन फ्यूल की अहम भूमिका हो जाएगी।
दुनिया के तमाम देशों में पहले से ही हाइड्रोजन फ्यूल सेल टेक्नोलॉजी से बसों को चलाए जाने का प्रयोग हो रहा है। लंदन ट्रांसपोर्ट सिस्टम में ही सौ से ज्यादा बसें चल रही हैं। नई टेक्नालॉजी पारंपरिक इंजन से लगभग 3 गुना ज्यादा बेहतर है।
हाइड्रोजन सेल से चलने वाली बसें
हाइड्रोजन फ्यूल सेल एक बैटरी की तरह काम करता है लेकिन इस बैटरी को बैटरी की तरह चार्ज नहीं करना पड़ता। फ्यूल सेल तब तक बिजली और पानी जनरेट करता है जब तक उसे हाइड्रोजन और ऑक्सीजन की सप्लाई की जाती है।
टाटा मोटर्स ने जनवरी 2018 में हाइड्रोजन सेल से चलने वाली बसों को पेश किया था। कंपनी ने उस समय तीन रेंज की बसों को पेश किया था। यह बसें हाइड्रोजन फ्यूल के मुताबिक डिजाइन की गई है। यह बसें केवल पानी और गर्मी ही वातावरण में छोड़ती हैं। इन बसों से प्रदूषण नहीं होता। इसरो ने भी यह माना है कि हाइड्रोजन बसें सिटी ट्रांसपोर्ट के लिए अच्छा विकल्प हैं।
दुनिया भर में ग्रीन हाइड्रोजन को लेकर होड़ शुरू हो चुकी है। कई कंपनियां, निवेशक, सरकारें और पर्यावरणवादी मानते हैं कि यह ऐसा ऊर्जा स्रोत है जो जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता को ख़त्म करने में मददगार होगा और दुनिया को और गर्म होने से बचाएगा।