Lucknow News: लोहिया संस्थान में तीमारदारों को नहीं पड़ेगा भटकना, बेड़ पर ही मिलेंगी दवाएं व ऑपरेशन में इस्तेमाल होने वाला सामान

Lucknow News: लखनऊ में गोमती नगर स्थित लोहिया संस्थान में भर्ती मरीज़ों को अब दवाओं के लिए इधर-उधर भटकने की ज़रूरत नहीं है

Report :  Shashwat Mishra
Published By :  Divyanshu Rao
Update: 2021-07-13 04:38 GMT

लोहिया संस्थान के गेट की फोटो-सोशल मीडिया 

Lucknow News:उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की राजधानी लखनऊ (Lucknow) में गोमती नगर स्थित लोहिया संस्थान में भर्ती मरीज़ों को अब दवाओं के लिए इधर-उधर भटकने की ज़रूरत नहीं है। न ही उन्हें अस्पताल में लाइन में खड़े होने की ज़रूरत है। लोहिया संस्थान में भर्ती रोगियों को अब उनके बेड़ पर ही दवाएं व ऑपरेशन में इस्तेमाल होने वाला सामान मिल जाएगा। अभी तक ऐसा मात्र रायबरेली रोड़ स्थित संजय गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (SGPGI) में ही देखने को मिलता है। संस्थान प्रशासन द्वारा मिली जानकारी के अनुसार- इसका खाका तैयार कर लिया गया है। आने वाले एक से दो महीनों में इस व्यवस्था को लागू कर दिया जाएगा।

लोहिया संस्थान में हैं लगभग 950 बेड़

मौजूदा समय में लोहिया संस्थान में तीमारदारों को दवाओं के लिए हॉस्पिटल में ही लम्बी लाइनें लगाना पड़ता है। जिससे कि उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ता है। लोहिया संस्थान के सारे विभागों में उपलब्ध बेड्स की संख्या को अगर जोड़ें, तो वह 950 पहुंचती है। जिसमें संस्थान के सुपर स्पेशियालिटी विभाग के करीब 350 बेड, 200 बेड मातृ शिशु एवं रेफरल हॉस्पिटल के और 400 बेड हॉस्पिटल ब्लॉक के हैं। अभी भर्ती मरीजों को दवाओं के लिए हॉस्पिटल रिवॉल्विंग फंड (एचआरएफ) के मेडिकल स्टोर तक दौड़ लगानी पड़ रही है। आने वाले दिनों में मरीज़ों को आसानी से बेड़ पर ही दवा मिल जाया करेंगी।

राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान लखनऊ- फोटो सोशल मीडिया 


40 से 60 प्रतिशत तक कम कीमत में मिलेंगी दवाएं

लोहिया संस्थान के प्रवक्ता डॉ. श्रीकेश सिंह ने बताया कि हॉस्पिटल ब्लॉक में ओपीडी मरीजों के लिए तीन काउंटर खोले जा रहे हैं। एचआरएफ के काउंटर पर मरीजों को 40 से 60 प्रतिशत तक कम कीमत पर दवाएं व ऑपरेशन में इस्तेमाल होने वाला सामान मुहैया कराया जा रहा है। उन्होंने बताया कि भर्ती मरीजों को डॉक्टर दवा लिखेंगे। वार्ड में मौजूद पैरामेडिकल स्टाफ व दूसरे कर्मचारी उसे एचआरएफ भेजकर दवा का आर्डर देंगे। कुछ ही समय में मरीज के लिए दवा आ जाएगी। दवा के पैसे मरीज के अस्पताल खाते से कट जाएंगे। इसकी रसीद मरीज को मुहैया कराई जाएगी ताकि किसी भी तरह की गड़बड़ी की आशंका न रहे।

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