SGPGI के डॉ रोहित सिन्हा ने डायबिटीज मरीजों की शुगर कंट्रोल करने का नया तरीका खोजा

SGPGI के डॉक्टरों ने डायबिटीज मरीजों (Diabetes Patients) का शुगर नियंत्रित करने का नया तरीका खोज निकाला है।

Written By :  Shashwat Mishra
Published By :  Ashiki
Update:2021-07-17 23:09 IST

कांसेप्ट इमेज (फोटो- सोशल मीडिया)

लखनऊ: राजधानी के रायबरेली रोड़ स्थित संजय गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (SGPGI) के डॉक्टरों ने डायबिटीज मरीजों (Diabetes Patients) का शुगर नियंत्रित करने का नया तरीका खोज निकाला है। पीजीआई के डॉक्टर्स ने पैंक्रियाज में बनने वाले ग्लूकॉगन हार्मोन को कम करके शुगर को नियंत्रित करने में कामयाबी हासिल की है। यह शोध पीजीआई के इंडोक्राइनोलॉजी विभाग के डॉ. रोहित सिन्हा (Dr Rohit Sinha) के निर्देशन में हुआ है। इससे नई दवायें बनाने में सहूलियत मिलेगी और डायबिटीज मरीजों को बड़ी राहत मिलेगी।

अस्पताल द्वारा मिली जानकारी के मुताबिक- यह शोध चूहों और कोशिका कल्चर पर आधारित है। शोध पत्र अंतरराष्ट्रीय जर्नल मॉलिक्यूलर मेटाबोलिज्म में प्रकाशित हो चुका है। डॉ. रोहित सिन्हा ने कहा कि 'टाइप 2 डायबिटीज मरीजों में इंसुलिन कम बनती है। जबकि ग्लूकॉगन की मात्रा बढ़ने लगती है। जिसके चलते खून में शुगर की मात्रा बढ़ जाती है। ग्लूकॉगन और इंसुलिन दोनों हार्मोन पैंक्रियाज में पाए जाते हैं। ग्लूकॉगन इंसुलिन के विपरीत काम करता है।'

'डायबिटीज नियंत्रण में आ जाती है'

पीजीआई के इंडोक्राइनोलॉजी विभाग के डॉक्टर ने बताया कि 'पैंक्रियाज से ग्लूकॉगन निकलकर लिवर में जाता है। इससे लिवर में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ने लगती है। वहीं खाना खाने के बाद ग्लूकोज़ की मात्रा और बढ़ जाती है।'

उन्होंने कहा कि 'डायबिटीज नियंत्रित करने के लिए इंसुलिन बढ़ाने के साथ ग्लूकॉगन की मात्रा कम करनी होती है। पैंक्रियाज में मौजूद एमटीओआरसी-वन प्रोटीन की क्रिया को रोक दिया जाता है। जिसके चलते कोशिकाएं ग्लूकॉगन को बाहर नहीं निकाल पाती हैं, बल्कि यह पैंक्रियाज में ही नष्ट हो जाती हैं। जिससे शुगर का स्तर कम हो जाता है और डायबिटीज नियंत्रण में आ जाती है।'

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