Lucknow News: सहनी के बाद पप्पू की भी यूपी पर निगाहें, अखिलेश यादव पर कसा तंज-आपसे न हो पाएगा संघर्ष

विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के मुखिया मुकेश सहनी के बाद जन अधिकार पार्टी (जजपा) के प्रमुख पप्पू यादव ने भी यूपी के सियासी अखाड़े में कूदने के संकेत दिए हैं।

Written By :  Anshuman Tiwari
Published By :  Shashi kant gautam
Update:2021-07-09 15:00 IST

सहनी के बाद पप्पू की भी निगाहें यूपी पर: फोटो- सोशल मीडिया

Lucknow News: लखनऊ: उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव पर बिहार के सियासी क्षत्रपों की भी नजर लगी हुई है। विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के मुखिया मुकेश सहनी के बाद जन अधिकार पार्टी (जजपा) के प्रमुख पप्पू यादव ने भी यूपी के सियासी अखाड़े में कूदने के संकेत दिए हैं। पप्पू यादव ने सपा प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पर करारा तंज कसा है। यूपी के लखीमपुर खीरी में सपा उम्मीदवार रितु सिंह की प्रस्तावक की साड़ी खींचे जाने के मामले का उल्लेख करते हुए उन्होंने सपा प्रमुख पर बड़ा हमला बोला है।

पप्पू यादव ने कहा कि इतनी बड़ी घटना हो गई मगर सपा प्रमुख आराम से बैठे हुए हैं। उनसे कुछ भी नहीं हो पाएगा। जजपा के मुखिया पप्पू यादव की बिहार में संघर्ष करने वाले नेता की छवि रही है और इन दिनों वे एक पुराने मामले को लेकर जेल में बंद है। उन्होंने जेल से निकलने के बाद यूपी सरकार के खिलाफ संघर्ष करने की बात भी कही है। इसे पप्पू यादव का बड़ा सियासी संकेत माना जा रहा है।

कोरोना संकटकाल में छेड़ा था बड़ा अभियान

कोरोना संकटकाल में पप्पू यादव ने बिहार में बड़ा अभियान छेड़ा था। उनका कहना था कि नीतीश सरकार जरूरतमंदों को मदद पहुंचाने में पूरी तरह नाकाम रही। बाद में उन्होंने भाजपा सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव प्रताप रूडी के एंबुलेंस घोटाले का खुलासा किया था।

इसके बाद बिहार पुलिस ने एक पुराने मामले में पप्पू यादव को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। हालांकि पप्पू यादव का आरोप है कि सरकार ने बदले की कार्रवाई करते हुए उन्हें जेल भेजने का काम किया है। अब पप्पू यादव ने पहली बार यूपी के मामले को लेकर सपा प्रमुख अखिलेश यादव को घेरा है।

अखिलेश यादव नहीं कर पाएंगे संघर्ष, पप्पू यादव ने कसा तंज:डिजाईन फोटो- सोशल मीडिया 

अखिलेश यादव नहीं कर पाएंगे संघर्ष

जजपा नेता और पूर्व सांसद पप्पू यादव ने कहा कि यूपी में अपराध लगातार बढ़ते जा रहे हैं मगर इस मुद्दे पर यूपी सरकार के खिलाफ संघर्ष करना अखिलेश यादव के बस की बात नहीं है। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी बड़ा संगठन है और उसके पास संसाधनों की कमी नहीं है। अगर इतना बड़ा संगठन मेरे पास होता तो मैं यूपी सरकार के होश ठिकाने लगा देता।

यूपी के लखीमपुर खीरी में सपा प्रत्याशी के प्रस्तावक की साड़ी खींचने के मामले का उल्लेख करते हुए पप्पू यादव ने कहा कि बीच सड़क पर महिलाओं का चीरहरण हो रहा है और अखिलेश यादव आराम से बैठे हुए हैं। उन्होंने अखिलेश पर तंज करते करते हुए कहा कि यदि अखिलेश यादव अपनी पार्टी उन्हें आउटसोर्स कर दें तो वे यूपी में भाजपा को जवाब देकर दिखाएंगे।

यूपी में सक्रियता बढ़ाने के संकेत

सियासी जानकारों का मानना है कि पप्पू यादव ने भी यूपी के मामलों में भी दिलचस्पी लेनी शुरू कर दी है। सपा मुखिया पर उन्होंने बहुत सोच समझकर बड़ा हमला किया है। आने वाले दिनों में उनकी सक्रियता और बढ़ सकती है। उन्होंने जेल से निकलने पर संघर्ष करने की भी बात कही है और इसे पप्पू यादव का बड़ा सियासी संकेत माना जा रहा है। पप्पू यादव की सक्रियता से सपा को ही ज्यादा सियासी नुकसान होने की आशंका जताई जा रही है।

सहनी भी यूपी में बढ़ा चुके हैं सक्रियता: फोटो- सोशल मीडिया 

सहनी भी यूपी में बढ़ा चुके हैं सक्रियता

पप्पू यादव से पहले वीआईपी के मुखिया और बिहार के पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री मुकेश सहनी भी उत्तर प्रदेश में अपनी सक्रियता बढ़ा चुके हैं। उन्होंने अगले साल होने वाले यूपी विधानसभा के चुनावों में 150 सीटों पर अपनी पार्टी के उम्मीदवार उतारने की बात कही है। उनका कहना है कि यदि निषाद की उपजातियों को मिला दिया जाए तो यूपी में 14 फ़ीसदी निषाद हैं। अब इसी वोट बैंक के दम पर वे उत्तर प्रदेश बड़ा गुल खिलाने के लिए सियासी मैदान में उतर रहे हैं। खुद को सन ऑफ मल्लाह बताने वाले साहनी ने यूपी के अखबारों में बड़े-बड़े विज्ञापन देने के बाद राजधानी में अपने कार्यालय की शुरुआत भी कर दी है।

25 जुलाई को ताकत दिखाएंगे सहनी

सहनी उत्तर प्रदेश में निषाद समुदाय का बड़ा चेहरा रहीं फूलन देवी की याद में वे 25 जुलाई को बड़ा कार्यक्रम करने वाले हैं। फूलन देवी की 2001 में 25 जुलाई को दिल्ली में हत्या कर दी गई थी और फूलन की याद में कार्यक्रम के लिए सहनी ने 25 जुलाई का दिन ही चुना है।

उनका कहना है कि फूलन की याद में प्रदेश के हर जिले में कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा जबकि मुख्य कार्यक्रम गोरखपुर में आयोजित होगा। माना जा रहा है कि इस कार्यक्रम के जरिए सहनी निषादों को एकजुट करने की कोशिश के साथ ही अपनी ताकत भी दिखाएंगे। सहनी के बाद अब पप्पू यादव की भी यूपी के मामलों में दिलचस्पी बड़ा सियासी संकेत दे रही है।

Tags:    

Similar News