Lucknow News: अदालतों का बदलेगा चेहरा, बढ़ेंगी सुविधाएं, कानून मंत्री ने जताया- PM मोदी का आभार
Lucknow News: कानून मंत्री ब्रजेश पाठक ने अदालतों में बुनियादी ढांचागत सुधार योजना को 2026 तक विस्तार देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार प्रकट किया है।
Lucknow News: प्रदेश की अदालतों का कायाकल्प किया जाएगा। अदालतों में सुविधाओं का विकास होगा जिससे अदालत में इंसाफ की गुहार लेकर पहुंचे लोगों को राहत मिल सके। अदालतों में अधिवक्ताओं के लिए भी सुविधाओं का विकास किया जाएगा। ग्राम अदालतों के लिए भी सरकार ने विशेष बजट का आवंटन किया है। बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट ने यह फैसला किया है।
उत्तर प्रदेश सरकार के कानून मंत्री ब्रजेश पाठक ने अदालतों में ढांचागत सुविधा विकास के लिए प्रधानमंत्री का आभार जताया है और कहा कि इससे अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति को न्याय का सपना साकार होगा। उसके लिए न्याय सुलभ हो सकेगा।
प्रदेश के कानून मंत्री ब्रजेश पाठक ने अदालतों में बुनियादी ढांचागत सुधार योजना को 2026 तक विस्तार देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार प्रकट किया है। उन्होंने कहा कि न्यायिक प्रक्रिया को मजबूत और बेहतर बनाने के इस प्रयास के लिए प्रधानमंत्री का बार-बार अभिनंदन है। इस योजना के विस्तार से उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य में आम लोगों को खास तौर से लाभ मिलेगा। अदालतों में पहुंचने वाले फरियादियों के बैठने के लिए सुविधा जनक व्यवस्था, पीने के पानी और छायादार स्थान के बारे में आजादी के बाद से किसी भी सरकार ने नहीं सोचा। पहली बार ऐसा हो रहा है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंसाफ की आस में अदालत पहुंचने वाले कमजोर वर्ग के बारे में योजना बनाई। अदालतों में ढांचागत सुविधा विकास के लिए कार्यक्रम शुरू किया जिसके तहत पिछले सालों के दौरान कई अदालतों में सुविधाओं का विकास भी कराया गया। अधिवक्ताओं के लिए चैंबर व शेड का निर्माण कराया गया। किराये के भवनों में संचालित हो रही अदालतों को सरकारी इमारतों में व्यवस्थापित किया गया।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने हमेशा न्याय प्रक्रिया को आसान और सर्वसुलभ बनाने के प्रयास किए हैं जिसके सुखद परिणाम अब देखने को मिल रहे हैं। केंद्र द्वारा प्रायोजित योजना (सीएसएस) का विस्तार करने का फैसला प्रधानमंत्री ने कैबिनेट के जरिये किया है। यह योजना अब एक अप्रैल, 2021 से 31 मार्च, 2026 तक जारी रहेगी। इस दौरान 9,000 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे जिसमें 5,357 करोड़ रुपये का केंद्रीय हिस्सा होगा। इसमें ग्राम न्यायालय योजना के लिए 50 करोड़ रुपये शामिल है।
उन्होंने बताया कि इस फैसले से जिला और अधीनस्थ अदालतों के न्यायिक अधिकारियों के लिए 3,800 अदालत कक्षों और 4,000 आवासीय इकाइयों, 1,450 वकील कक्षों, 1,450 शौचालय परिसरों और 3,800 डिजिटल कंप्यूटर कक्षों के निर्माण में मदद मिलेगी। राज्यों को पैसे तभी जारी किए जाएंगे जब अधिसूचित ग्राम न्यायालयों का संचालन शुरू हो जाएगा, न्यायाधिकारियों की नियुक्ति हो जाएगी और न्याय विभाग के ग्राम न्यायालय पोर्टल पर इसकी जानकारी दी जाएगी।