Lucknow Terrorist News: आतंकियों ने खोले कई राज, क्रैश कोर्स पूरा होने पर दिया जाता है बड़ा टास्क

यूपी एडीजी (Law And Order) प्रशांत कुमार ने बताया कि आतंकी घटनाओं को अंजाम देने के लिए इन सभी जिहादियों को क्रैश कोर्स के जरिए आतंकवाद की शिक्षा दी जा रही थी।

Newstrack :  Network
Published By :  Shashi kant gautam
Update:2021-07-18 08:32 IST

 लखनऊ में पकड़े गए आतंकियों ने खोले कई राज: डिजाईन फोटो- सोशल मीडिया

Lucknow Terrorist: उत्तर प्रदेश के लखनऊ में एटीएस ने अलकायदा समर्थित अंसार गजवातुल हिंद संगठन के दो आतंकवादियों को लखनऊ से गिरफ्तार किया है। एटीएस की इस कार्रवाई ने एक बड़ी साजिश को नाकाम किया है। पकड़े गए संदिग्ध आतंकवादी यूपी एटीएस (UP ATS) की कस्टडी में रोजाना नए-नए राज खोल रहे हैं।

यूपी एटीएस टीम द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में आतंकियों ने आतंकी शिक्षा के रूप में दिए जाने वाले क्रैश कोर्स (Crash Course) के बारे में बताया है, जोकि अलकायदा द्वारा पढ़ाया जा रहा था। ये आतंकी क्रैश कोर्स पास करने के बाद अन्य घटनाओं को अंजाम देने वाले थे। आतंकियों ने बताया कि क्रैश कोर्स को पास करने के बाद आतंकी संगठन जिम्मेदारी देते थे।

जिहादियों को क्रैश कोर्स के जरिए आतंकवाद की शिक्षा दी जा रही थी- एडीजी

उत्तर प्रदेश के एडीजी (Law And Order) प्रशांत कुमार ने बताया कि ''यूपी सहित अन्य जगह पर आतंकी घटनाओं को अंजाम देने के लिए इन सभी जिहादियों को क्रैश कोर्स के जरिए आतंकवाद की शिक्षा दी जा रही थी, जिसमें लखनऊ से पकड़े गए आतंकी मिनहाज और आतंकी मसीरुद्दीन इसी क्रैश कोर्स को पास आउट करने के बाद आतंकी घटनाओं को अंजाम देने के लिए तैयार किए गए थे।

एडीजी प्रशांत कुमार ने कहा कि अब आतंकी संगठन हथियार सप्लाई न करके ऐसे कोर्सेज के जरिए से युवाओं को गुमराह कर आतंक के रास्ते पर ले जा रहे हैं। आतंकी मिनहाज और मसीरुद्दीन ने एटीएस को पूछताछ में बताया कि इन कोर्सेज को पढ़ने के बाद बड़ी घटनाओं को अंजाम देने के लिए तैयार हुए थे।

प्रशांत कुमार ने बताया कि इन सभी की रिपोर्ट बनाकर गृह मंत्रालय को भेज दी गई है और यह बताया गया है कि आतंकी भारत में पैर पसारने के लिए अब इन सभी हथकंडे को अपनाकर अपने मंसूबों को सफल करने में लगे हुए थे। उन्होंने कहा कि आतंक के खिलाफ मजबूत सबूत इकट्ठा कर लिए गए हैं और चार्जशीट दाखिलकर जल्दी सभी को जेल भेज दिया जाएगा।

उत्तर प्रदेश के एडीजी (Law And Order) प्रशांत कुमार: फोटो- सोशल मीडिया

सोशल मीडिया के माध्यम से कराते हैं आतंकवाद का कोर्स

स्पोर्ट्स के जरिए आतंकी संगठन युवाओं से जुड़कर उनसे सोशल चैटिंग करते हैं। फेसबुक मैसेंजर, टेलीग्राम और वॉट्सऐप पर बातचीत करते हैं। उसके बाद उनके पारिवारिक, आर्थिक स्थिति और उनकी कट्टरता को जानने की कोशिश करते हैं।

कोडवर्ड में 'भाईजान'

आतंक की दुनिया में कदम रख रहे युवाओं को पहला कोर्स पास हो जाने के बाद इस आतंक की दुनिया में काम कर रहे और सक्रिय लोगों के बारे में बताया जाता है। उनके बारे में पढ़ाया जाता है, जिनको कोडवर्ड में 'भाईजान' के रूप में जाना जाता है। इस कमेटी से युवाओं को इंस्पायर्ड किया जाता है। धीरे-धीरे जिहाद के रास्ते पर आने के लिए प्रेरित किया जाता है।

वफादारी के बारे में पता लगाने के लिए उनको एक टास्क

दो कोर्स को पास करने के बाद युवाओं को पर्सनल कॉन्टैक्ट किया जाता है और उनके पास अन्य काम कर रहे गुर्गों को भेजा जाता है। वफादारी के बारे में पता लगाने के लिए उनको एक टास्क दिया जाता है। इस टास्क के पास हो जाने के बाद हैंडलर इन से डायरेक्ट वीडियो कॉल से बात करते हैं।

वीडियो कॉल से हैंडलर उनको उनका अपना मकसद बताया जाता है

वीडियो कॉल के बाद हैंडलर उनको उनका अपना मकसद बताते हैं और किसी बड़ी घटना को कब कैसे और कहां करना है इसके लिए इस पूरे ऑपरेशन की जानकारी देते हैं इसके साथ ही अपने दो नए ऑपरेटर भी तैयार करने की बात बताई जाती है।

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