Lucknow University: शिक्षक खुद नए सिरे से स्नातक का पाठ्यक्रम करेंगे तैयार

Lucknow University: लखनऊ विश्वविद्यालय के शिक्षक खुद नए सिरे से स्नातक का पाठ्यक्रम तैयार करेंगे।

Written By :  Krantiveer
Published By :  Dharmendra Singh
Update:2021-07-24 02:23 IST

लखनऊ यूनिवर्सिटी (फोटो: सोशल मीडिया))

Lucknow University: लखनऊ विश्वविद्यालय के शिक्षक खुद नए सिरे से स्नातक का पाठ्यक्रम तैयार करेंगे। इसको लेकर कुल सचिव ने एक नया आदेश जारी किया है। इसमें नई शिक्षा नीति के अनुरूप स्नातक पाठ्यक्रम बनाकर पांच अगस्त तक उपकुल सचिव मीटिंग को उपलब्ध कराने का अनुरोध किया गया है। हालांकि 15 जुलाई के आदेश में कुल सचिव ने 70 फीसदी सरकार के न्यूनतम समान पाठ्यक्रम को शामिल करते हुए नया पाठ्यक्रम पास कराने को कहा था। सरकार के पाठ्यक्रम को लेकर कुलपति प्रो. आलोक राय और कुल सचिव डॉ. विनोद कुमार सिंह ने भी पूरी तरह से चुप्पी साध रखी है। सूत्रों का कहना है कि प्रदेश शासन ने एलयू के शिक्षकों को न्यूनतम समान पाठ्यक्रम से छूट प्रदान कर दी है।

प्रदेश सरकार ने 20 अप्रैल को प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों को आदेश जारी किया कि वह न्यूनतम समान पाठ्यक्रम का 70 फीसदी हिस्सा शामिल करते हुए स्नातक पाठ्यक्रम तैयार करें। इस न्यूनतम समान पाठ्यक्रम को एलयू के करीब सभी संकायों ने नकार दिया था। और लखनऊ विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (लूटा) भी न्यूनतम समान पाठ्यक्रम का विरोध किया था। इसके बाद 13 जुलाई को फिर प्रदेश सरकार ने विश्वविद्यालयों को आदेश जारी किया कि वह जल्द से जल्द इसे पास करें। फिर लविवि कुल सचिव डॉ. विनोद सिंह ने कुलपति प्रो. आलोक राय के आदेश पर सभी विभागाध्यक्ष और संकायाध्यक्ष को पत्र जारी कर न्यूनतम समान पाठ्यक्रम को शामिल करते हुए स्नातक का नया पाठ्यक्रम सम्बन्धित शैक्षणिक समितियों से पास करने का आदेश दिया।

पत्र के बाद शिक्षक हुए आग बबूला

इस पत्र के बाद शिक्षक आग बबूला हो गए। उन्हें इसे अपना अपमान माना। और कुलपति से लेकर सरकार तक से पूछ लिया कि उत्तर प्रदेश विश्वविद्यालय अधिनियम की किस धारा के तहत शिक्षकों को न्यूतनम समान पाठ्यक्रम को पास करने का आदेश दिया गया हैं। उसने न्यूनतम समान पाठ्यक्रम को विश्वविद्यालय की स्वायत्तता खत्म करने की साजिश करार दिया। इसके खिलाफ आंदोलन छेडऩे का ऐलान कर दिया। साथ ही 15 जुलाई को जारी कुल सचिव के पत्र को वापस लेने की मांग की। इसको लेकर आम सभा में प्रस्ताव तक पारित कर दिया। उसने मुख्यमंत्री से लेकर राज्यपाल तक से मिलने का समय मांगा।


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