Lucknow : टीजीटी-पीजीटी के अभ्यर्थियों ने डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा से मुलाकात की, बताई अपनी समस्या

टीजीटी-पीजीटी की परीक्षा को लेकर कुछ अभ्यर्थी ने उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा से मुलाकात की। उन्होंने परीक्षा में ओएमआर सीट भरने में हुई गलतियों को लेकर उपमुख्यमंत्री से बात की।

Report :  Krantiveer
Published By :  Vidushi Mishra
Update: 2021-08-27 16:51 GMT

टीजीटी-पीजीटी के अभ्यर्थियों ने डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा से मुलाकात की

लखनऊ : टीजीटी-पीजीटी की परीक्षा को लेकर कुछ अभ्यर्थी ने उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा से मुलाकात की। अभ्यर्थियों का कहना है कि परीक्षा के दौरान ओएमआर शीट भरते हुए उनके स्तर पर कुछ गलतियां हो गई हैं। जिसकी वजह से उनकी उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन नहीं हो पा रहा है। जिसे वो काफी परेशान है।

उन्होंने दिनेश शर्मा को ज्ञापन सौंप कर उन्हें एक और मौका देने की मांग की है। अभ्यर्थियों का कहना था कि परीक्षा को लेकर उनपर प्रेशर था। जिसके कारण उनसे ये चूक हो गई है। ऐसे में इस गलती के कारण उनका भविष्य खराब न किया जाए।

ओएमआर शीट भरने में गलतियां 


दिनेश शर्मा के ऐशबाग कन्हैयालाल रोड स्थित घर पर सुबह ही पहुंच गए थे। सुबह 7:00 बजे से वह दरवाजे पर मिलने का इंतजार करते रहे। 10:00 बजे उनकी मुलाकात उपमुख्यमंत्री से हुई। हालांकि उसी समय उपमुख्यमंत्री को कैप्टन मनोज पांडे उत्तर प्रदेश सैनिक स्कूल में राष्ट्रपति के पूर्व प्रस्तावित कार्यक्रम में शिरकत करने जाना था।

ऐसे में उन्हें शाम को बातचीत करने के लिए बुलाया गया। फिर शाम को दिनेश शर्मा ने अभ्यर्थियों से मुलाकात की। साथ ही उन्हें भरोसा दिया कि उनकी पूरी मदद की जाएगी। अभ्यर्थियों ने बताया कि उप मुख्यमंत्री से बातचीत सफल रही और उनकी तरफ से पूरे प्रयास करने का आश्वासन दिया गया है।

उन्होंने विभागीय अधिकारियों को भी इस प्रकरण में सहयोग करने को कहा है। अभ्यर्थियों ने बताया कि वर्ष 2018 में यूपीपीएससी की तरफ से राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षक भर्ती के लिए परीक्षा कराई गई थी। उस दौरान भी ओएमआर शीट भरने में अभ्यर्थियों के स्तर पर गलतियां हो गई थी। इनमें, सुधार के लिए अभ्यर्थियों को मौका भी दिया गया था।

अभ्यर्थियों का कहना है कि इन मामूली त्रुटियों के चलते उनका भविष्य अंधकार में आ गया है। अभ्यर्थी और उनके परिवार बेहद चिंतित है। उनका अनुरोध है कि इन गलतियों के चलते उनकी ओएमआर शीट के मूल्यांकन के कार्य को ना रोका जाए। आगे इसमें सुधार का मौका देते हुए उनके भविष्य को बचा लिया जाए। उनका कहना है कि यह सभी छोटी मोटी गलतियां हैं। जिनमें पहले की तरह सुधार का मौका दिया जा सकता है।

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