Lucknow News: स्वास्थ्य विभाग की बड़ी कार्रवाई, 13 निजी अस्पतालों को किया सील, सिलसिला रहेगा जारी

Lucknow News: कार्यवाहक सीएमओ व अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. एमके सिंह ने बताया कि "रविवार को दो अस्पतालों पर कार्रवाई की गई है।

Report :  Shashwat Mishra
Published By :  Divyanshu Rao
Update: 2021-10-31 17:13 GMT

अस्पताल की प्रतीकात्मक तस्वीर (फोटो:सोशल मीडिया)

Lucknow News: राजधानी लखनऊ में तय मानक के विरुद्ध चल रहे निजी अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई का दौर जारी है। जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग (swasthya vibhag) सम्मिलित रूप से निजी अस्पतालों (seal private hospital Lucknow) को सीज कर रहे हैं। बता दें कि, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. मनोज अग्रवाल (CMO Dr. Manoj Agarwal) ने जिला प्रशासन को 19 निजी अस्पतालों को सील करने हेतु संतुति पत्र भेजा था। जिसे जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश (DM Abhishek Prakash) द्वारा मंजूरी दिये जाने के बाद से ही सीज करने का सिलसिला शुरू हुआ। एसीएमओ डॉ. एमके सिंह ने बताया कि रविवार को दो अस्पतालों पर कार्रवाई की गई है।

रविवार को दो अस्पताल किये गये सीज

कार्यवाहक सीएमओ व अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. एमके सिंह ने बताया कि "रविवार को दो अस्पतालों पर कार्रवाई की गई है। जिसमें उन्नति अस्पताल व बुद्धा अस्पताल के नाम शामिल हैं।" उन्होंने बताया कि अभी तक 13 अस्पतालों को सीज किया जा चुका है। आगे भी जो अस्पताल नियम विरुद्ध चल रहे हैं, उन पर कार्रवाई की जाएगी।

अस्पताल के लोगो की तस्वीर (फोटो:सोशल मीडिया)

अब तक इन अस्पतालों पर लगा ताला

राजधानी में 19 अस्पतालों को जिला प्रशासन द्वारा सील करने की संतुति दी गई थी। जिसमें अभी तक 13 अस्पतालों पर कार्रवाई को अंजाम दिया जा चुका है। इसमें उन्नति अस्पताल, बुद्धा हॉस्पिटल, वेलकम अस्पताल, गैलेक्सी हॉस्पिटल, शालिनी अस्पताल, उजाला नर्सिंग होम, सिमना हॉस्पिटल, रमेश जन सेवारथ हॉस्पिटल, हिन्द हॉस्पिटल, साधना हॉस्पिटल, काकोरी हॉस्पिटल, न्यू सहारा हॉस्पिटल एंड मेटरनिटी सेंटर का नाम है।

लखनऊ के 90 प्रतिशत अस्पतालों के पास नहीं है फायर एनओसी

लखनऊ सीएमओ ऑफिस में लगभग 1200 निजी अस्पताल पंजीकृत हैं। मगर, जानकर हैरानी होगी कि इनमें से 90 प्रतिशत अस्पतालों के पास फायर एनओसी है ही नही। इन सारे अस्पतालों ने फायर के उपकरण टांग कर खुद ही शपथ पत्र दे दिया है। स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार- अब जिन अस्पतालों के पास फायर एनओसी नहीं है। उनके खिलाफ भी जल्द से जल्द उचित कदम उठाने की तैयारी की जा रही है।

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