Lucknow News: मंत्री सुरेश राणा के ड्राइवर की ड्यूटी के दौरान मौत, परिजनों ने लगाया उत्पीड़न का आरोप

यूपी के गन्ना मंत्री सुरेश राणा के सरकारी ड्राइवर की ड्यूटी के दौरान मौत हो गई है। पहले से ही बीमार ड्राइवर अशोक वर्मा रविवार शाम को कैबिनेट मंत्री को लेकर एयरपोर्ट की तरफ जा रहे थे तभी उनकी तबीयत बिगड़ गई। जिसके बाद उनके साथी ड्राइवर उन्हें सिविल अस्पताल लेकर पहुंचा। डॉक्टरों ने ड्राइवर को मृत घोषित कर दिया।

Published By :  Deepak Kumar
Update: 2021-09-06 06:02 GMT

चालक अशोक वर्मा। 

लखनऊ: यूपी के गन्ना मंत्री सुरेश राणा के सरकारी ड्राइवर की ड्यूटी के दौरान मौत हो गई है। पहले से ही बीमार ड्राइवर अशोक वर्मा रविवार शाम को कैबिनेट मंत्री को लेकर एयरपोर्ट की तरफ जा रहे थे तभी उनकी तबीयत बिगड़ गई। जिसके बाद उनके साथी ड्राइवर उन्हें सिविल अस्पताल लेकर पहुंचा। डॉक्टरों ने ड्राइवर को मृत घोषित कर दिया, अशोक वर्मा के मौत की खबर मिलते ही परिजनों में शोक की लहर दौड़ पड़ी।

सिविल अस्पताल पहुंचे परिजन उनके शव को देखते ही रोने लगे और हंगामा शुरू कर दिया। परिवार वालों का आरोप है कि अशोक वर्मा की तबीयत ठीक नहीं थी, उसके बावजूद उन्हें ड्यूटी पर बुलाया गया। बीमारी की वजह से अशोक वर्मा छुट्टी पर चल रहे थे अभी एक सितंबर को ही उन्होंने ड्यूटी ज्वाइन किया था।


58 साल के थे अशोक वर्मा

निशातगंज के रहने वाले अशोक वर्मा की मौत हार्ट अटैक से हुई है, उन्हें शुगर और दिल की बीमारी थी। जिसके चलते वह छुट्टी पर गए थे, परिजनों के मुताबिक रविवार को वह ड्यूटी पर नहीं आना चाहते थे उनकी तबीयत ठीक नहीं थी। उन्होंने मोटर इंचार्ज को फोन कर छुट्टी मांगी थी लेकिन उन्होंने सस्पेंड कराने की धमकी दी तो वह डर के ड्यूटी पर चले आए। परिजनों ने ड्यूटी लगाने वाले मोटर इंचार्ज के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने की मांग की है।

एसीपी ने दिया कार्रवाई का आश्वासन

वहीं अस्पताल में हंगामे की सूचना पर पहुंची हजरतगंज पुलिस ने परिजनों को समझा बुझा कर शांत कराया। एसीपी हजरतगंज ने परिवार वालों को पूरे मामले की जांच कराकर कार्रवाई करने का आश्वासन दिया, बावजूद उसके देर रात तक हंगामा चलता रहा। एसीपी के काफी समझाने पर परिजन शांत हुए।

राज्य संपत्ति विभाग के ड्राइवर थे अशोक वर्मा

बता दें कि अशोक वर्मा राज्य संपत्ति विभाग में ड्राइवर की नौकरी कर रहे थे, कुछ वक्त से बीमारी चलने की वजह से वो छुट्टी पर थे। 1 सितंबर को उन्होंने नौकरी ज्वाइन की थी। उनके परिवार का कहना है कि रविवार को उन्होंने मोटर इंचार्ज अंबरीश श्रीवास्तव को फोन करके छुट्टी मांगी। उन पर आरोप है कि छुट्टी तो उन्होंने दी नहीं बल्कि ड्यूटी से सस्पेंड कराने तक की धमकी दे डाली। ऐसे में अशोक वर्मा मजबूरी में आकर नौकरी पर चले गए। जब वो मंत्री सुरेश राणा को एयरपोर्ट की तरफ लेकर जा रहे थे तभी उनकी रास्ते में तबीयत ज्यादा खराब हो गई। ऐसे में विभाग की ओर से दूसरे ड्राइवर को मंत्री के साथ भेज दिया गया। बाद में अशोक वर्मा के साथी कर्मचारी रामशंकर उन्हें लेकर सिविल अस्पताल में पहुंचे, जहां पर डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

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