ट्रिपल तलाक पीड़िताः 10 दिन से टरका रही थी पुलिस, Newstrack की पहल पर दर्ज हुआ मुकदमा, लेकिन अब मेडिकल कराने का क्या मतलब

teen talaq case in lucknow: राजधानी लखनऊ की पुलिस ट्रिपल तलाक की पीड़िता के मामले को 10 दिन से टरका रही थी। न्यूजट्रैक ने जब इस पर संज्ञान लिया तब जाकर मामले को दर्ज किया गया।

Report :  Sandeep Mishra
Published By :  Shashi kant gautam
Update: 2021-11-08 11:59 GMT

Teen Talaq Case in Lucknow: राजधानी लखनऊ की पुलिस (Lucknow Police) ट्रिपल तलाक (triple talaq mamla) के मामलों को दर्ज करने में बेहद लापरवाही का परिचय दे रही है। पीड़िता ट्रिपल तलाक के तहत अपने मामले को दर्ज कराने के लिए थानों के चक्कर पर चक्कर लगा रही है लेकिन पुलिस उनकी कोई भी सुनवाई नहीं कर रही है।

आजकल थाना अलीगंज (Lucknow Aliganj Thana) में पीड़िता नाजरीन (triple talaq Victim) का मामला बेहद चर्चा का बना हुआ है। पिछले दस दिन से ये पीड़िता महिला थाने से लेकर थाना अलीगंज के चक्कर काट रही है लेकिन उसका मामला दर्ज न कर उसे टरका दिया जा रहा है। आज न्यूजट्रैक (Newstrack) की पहल पर मामला तो दर्ज हो गया लेकिन घटना के दस दिन बाद पीड़िता का मेडिकल कराए जाने से पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े हो गए हैं।

पीड़िता का बयान

राजधानी लखनऊ के थाना अलीगंज के 32 ख़ मेहंदी टोला की निवासी नाजरीन पुत्री मोहम्मद मोईद ने न्यूजट्रैक को लिखित जानकारी दी है कि 11 माह पूर्व नौशाद से उसका मुस्लिम रीतिरिवाज से निकाह सम्पन्न हुआ था। निकाह के कुछ दिनों के बाद ही उसका पति नौशाद दहेज की मांग उससे व उसके परिजनों से करने लगा। जब पीड़िता नाजरीन व उसके मायके पक्ष ने दहेज की डिमांड पूरी करने से इनकार कर दिया तो ससुराल में पति नौशाद ने उसके साथ मारपीट व प्रताड़ित करना शुरू कर दिया।

पीड़िता ने बताया कि अभी 10 दिन पूर्व उसने पीड़िता नाजरीन को ससुराल में ट्रिपल तलाक कहकर घर से निकाल दिया। जब पीड़िता व उसका भाई घटना के बाद थाना अलीगंज इस मामले की रिपोर्ट लिखवाने के लिये पहुचे तो पुलिस ने पीड़िता को यह कहकर थाने से टरका दिया कि वे पहले उसके पति से बात करेंगे तब उसका मुकद्दमा दर्ज करेंगे। पीड़िता ने बताया कि अगले दिन थाना अलीगंज में पीड़िता को पुलिस ने फिर बुलाया और कहा कि अभी तुम्हारे पति को भी बुलाया है उसके आने के बाद आप दोनों से आमने सामने बैठाकर बात की जाएगी, तब यह मुकदमा दर्ज किया जाएगा।

पीड़िता गत गुरुवार को फिर अपने भाई के साथ थाने गयी और दो घण्टे तक थाने पर बैठी रही लेकिन उसका पति थाने नहीं पहुंचा। तब पुलिस के कहने पर वह अपने भाई के साथ वापस घर आ गयी। पीड़िता ने बताया कि गत गुरुवार से उसे थाना अलीगंज पुलिस अब तक तीन बार पति से आमना सामना कर के नाम पर थाने बुला लेती है और वह दो-दो घण्टे थाने में बैठी रहती है लेकिन उसका पति थाने नहीं पहुंच रहा है और न ही उसका मुकदमा ही दर्ज किया जा रहा है।

न्यूजट्रैक की पहल पर दर्ज हुआ मामला

पीड़िता व उसके भाई ने अपनी इस व्यथा से न्यूज ट्रैक को आज सोमवार को अवगत कराया। न्यूज ट्रैक की टीम पीड़िता व उसके भाई को साथ लेकर थाने पहुँची। जब न्यूज ट्रैक की टीम ने एसएचओ से पूछा कि आखिर 10 दिन से इस मामले की रिपोर्ट क्यों दर्ज नहीं की आपने? आखिर आरोपी पति से आप क्या जानना चाहते हैं? न्यूज ट्रैक के इन सवालों को लेकर एसएचओ अलीगंज निरुत्तर हो गए। उन्होंने तत्काल अपने एक एसआई को पीड़िता की डॉक्टरी करवाने के आदेश दिए साथ ही तत्काल पीड़िता के प्रार्थनापत्र पर आरोपी पति व ससुराल के अन्य लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया।

अब पीड़िता की डॉक्टरी रिपोर्ट का क्या मतलब है?

न्यूजट्रैक टीम की पहल पर थाना अलीगंज पुलिस ने यह ट्रिपल तलाक का मामला सोमवार को अभी कुछ देर पहले दर्ज कर लिया है साथ ही पीड़िता को उसके भाई के साथ पुलिस अभिरक्षा में अस्पताल में डॉक्टरी के लिये भी भेज दिया है। अब सवाल यह खड़ा होता है कि घटना के दस दिन बाद पीड़िता की डॉक्टरी रिपोर्ट में पुलिस को क्या ऐसे क्या प्रमाण मिलेंगे जिससे पुलिस अपनी जांच रिपोर्ट में पीड़िता के साथ की गई मारपीट को साबित कर सके? स्मरण रहे आज से दस दिन पूर्व जब पीड़िता को ट्रिपल तलाक देकर पति ने घर से निकाला था, तब उसके साथ ससुराल में पति ने मारपीट भी की थी। जो चोटों के निशान थे अब पीड़िता के शरीर से गायब हो चुके हैं। कुल मिलाकर इस मामले में पुलिस की लापरवाही के चलते दस दिन बाद मामला दर्ज करने से वो सारे सबूत पीडिता के शरीर से नष्ट हो गए हैं जिनके आधार पर घरेलू हिंसा का मामला बनता। यह मामला भी इस बात का जीता जागता प्रमाण है कि ट्रिपल तलाक के मामलों में सरकार की सख्ती के बाद भी राजधानी पुलिस घोर लापरवाही बरत रही है।

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