Dengue Patients In Lucknow: 'डेंगू शॉक सिंड्रोम' का कहर, एक दिन में मिले सबसे ज़्यादा मामले
लखनऊ के संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (SGPGI) की वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. पियाली भट्टाचार्य ने बताया कि 'डेंगू शॉक सिंड्रोम' यानी डीएसएस प्लेन डेंगू से अलग होता है।
Dengue Patients In Lucknow : प्रदेश के आधे से ज्यादा जिलों में डेंगू (Dengue) व बुखार (Viral Fever) के मामले सामने आ रहे हैं। लखनऊ में भी डेंगू का प्रकोप धीरे-धीरे बढ़ रहा है। पिछले 24 घंटों में डेंगू के 11 नए मरीज मिले हैं, जो अब तक एक दिन में सबसे ज्यादा संख्या है। मरीजों में पांच महिलाएं और छह पुरुष हैं। इनमें इंदिरा नगर और गोमती नगर से तीन-तीन मामले सामने आए, एक मरीज फैजुल्लागंज से और अन्य मामले काकोरी और मलिहाबाद से हैं। सिविल अस्पताल और इंदिरा नगर के एक निजी अस्पताल में इलाज करा रहे दो मरीजों की हालत गंभीर बताई जा रही है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. मनोज अग्रवाल ने कहा कि 'अभी स्थिति नियंत्रण में है। प्रभावित क्षेत्रों में एंटी लार्वा स्प्रिंकल और फॉगिंग कराया जा रहा है। इसके अलावा अस्पतालों में बिस्तर आरक्षित किए गए हैं। हमने निर्देश के साथ त्वरित प्रतिक्रिया टीमों को इन क्षेत्रों का दौरा करने का निर्देश दिया है। किसी में डेंगू के लक्षण पाए जाने पर रिपोर्ट भेजने के लिए कहा है।' उन्होंने कहा कि 'लखनऊ में अभी तक डेंगू से किसी की मौत नहीं हुई है। सपा नेता और पूर्व मंत्री के.पी. यादव जौनपुर में संक्रमित हुए। एक सितंबर को लखनऊ के एक अस्पताल में इलाज के दौरान डेंगू शॉक सिंड्रोम से उनकी मौत हो गई थी।'
विकास नगर के एक मॉल में भी मिले थे लार्वा
सीएमओ डॉ. मनोज अग्रवाल ने बताया कि 'स्वास्थ्य विभाग की टीमों को फैजुल्लागंज और मलिहाबाद इलाकों के 37 घरों में डेंगू वायरस के मच्छर के लार्वा मिले। विकास नगर के एक मॉल में भी लार्वा मिले थे। वहीं अधिकारियों का कहना है कि ज्यादातर जगहों पर लार्वा फूलों के बर्तनों या डेजर्ट कूलर में पाए गए। एडीज इजिप्टी घरों में ताजे पानी में प्रजनन करता है, लोगों को बारिश के मौसम में किसी भी स्थान पर पानी जमा नहीं होने देना चाहिए।'
डेंगू शॉक सिंड्रोम (DSS) क्या है?
मौजूदा समय में डेंगू से हुई मौतों को डॉक्टरों द्वारा बताया जा रहा है कि यह डेंगू शॉक सिंड्रोम (DSS) की वजह से हो रहा है। इस बारे में लखनऊ के रायबरेली रोड़ स्थित संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (SGPGI) की वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. पियाली भट्टाचार्य ने बताया कि 'डेंगू शॉक सिंड्रोम यानी डीएसएस प्लेन डेंगू से अलग होता है। यह उससे ज्यादा खतरनाक है। इसमें तेजी से प्लेटलेट काउंट में कमी आने के अलावा पीलिया व सांस लेने में तकलीफ की भी समस्या देखी जाती है। शरीर में लाल चकत्ते आ जाते हैं और मरीज़ की हालत बेहद नाजुक हो जाती है। बच्चे पहले से नाजुक होते हैं। इसलिए, यह उनके लिए और ज्यादा खतरनाक होती है।'