Lucknow News: मंत्रिमंडल विस्तार में भाजपा ने खोले पत्ते, चुनाव में जातियों को साधेंगे नए मंत्री
Lucknow News: समाजवादी पार्टी ने अब तक बसपा से निकले सर्वाधिक नेताओं को अपने यहां जगह दी है , तो भाजपा कुछ अलग तरह की राजनीति कर रही है।
Lucknow News: विधानसभा चुनाव (Vidhansabha Election 2022) के मुहाने पर खड़ी योगी सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार (Yogi Government Cabinet Expansion) के साथ ही भारतीय जनता पार्टी ने अपनी मंशा साफ कर दी है। चुनाव में उसका लक्ष्य नाराज ब्राह्मणों (brahmins) को संभालने के साथ ही पिछड़ी और दलित (Dalit) जातियों को अपने पाले में लाना है। हालांकि मंत्रियों को काम करने के लिए मिलने वाले महज तीन महीने में पार्टी किस तरह अपने मकसद को हासिल कर पाएगी यह सवाल लोगों से ज्यादा मंत्रियों को परेशान कर रहा है ? क्योंकि उन्हें परीक्षा पास करनी है।
उत्तर प्रदेश की राजनीति में बहुजन समाज पार्टी (BSP) के लगातार कमजोर होने का फायदा समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के साथ ही भाजपा भी उठाना चाह रही है। समाजवादी पार्टी ने अब तक बसपा से निकले सर्वाधिक नेताओं को अपने यहां जगह दी है , तो भाजपा कुछ अलग तरह की राजनीति कर रही है। उसकी रणनीति पिछड़ी व दलित जाति के नेताओं की मदद से चुनावी नैया पार लगाने की है। पिछले कई साल से हालांकि भाजपा इस दिशा में प्रयासरत है । लेकिन मोदी सरकार (Modi Government) के मंत्रिमंडल विस्तार के बाद अब योगी सरकार के विस्तार में भी उसका दलित व पिछड़ी जातियों का मोह सामने दिखाई दिया है। भाजपा ने अब मान लिया है कि अगड़ी जातियां पूरी तरह से उसके साथ हैं । इसलिए उसे अब पिछड़ी व दलित जातियों को जोड़ना है।
नए मंत्रियों के चुनावी समीकरण
योगी सरकार ने मंत्रिमंडल विस्तार में सात लोगों को मौका दिया है , जिसमें अकेल। जितिन प्रसाद को ही कैबिनेट मंत्री (Jitin Prasad Cabinet Minister)का दर्जा दिया गया है। उनके मंत्री बनने की वजह यूपी में ब्राह्मणों की योगी सरकार (Yogi Government) से तथाकथित नाराजगी को संभालना है। जितिन प्रसाद ने पिछले साल योगी सरकार के खिलाफ आंदोलन की शुरुआत की थी। उन्होंने ब्राह्मण उत्पीड़न का आरोप लगाया था। कांग्रेस (Congress) में जब उन्हें ब्राह्मण राजनीति करने की खुली छूट नहीं मिली तो उन्होंने ब्राह्मण चेतना परिषद का गठन किया और प्रदेश के ब्राह्मणों को लामबंद करना शुरू कर दिया था। ब्राह्मणों के उनके साथ जुड़ने का आकलन कर भाजपा ने पहले उन्हें अपनी पार्टी में शामिल किया और अब कैबिनेट मंत्री का ओहदा दिया है।
पिछड़ी व अनुसूचित जातियों को मिली तरजीह
योगी कैबिनेट में छह अन्य मंत्रियों को जगह मिली है । इनमें तीन मंत्री- धर्मवीर प्रजापति, संगीता बलवंत, छत्रपाल गंगवार को पिछड़ी जाति से होने का फायदा मिला है। छत्रपाल गंगवार के बहाने भाजपा बरेली के अपने बड़े नेता संतोष गंगवार के मोदी मंत्रिमंडल से बाहर होने की भरपाई करना चाहती है। दिनेश खटिक और पलटूराम को अनुसूचित जाति वर्ग और संजय गोंड अनुसूचित जनजाति वर्ग से आते हैं। जाहिर है कि भाजपा ने पिछड़ी और अनुसूचित जाति के साथ ही जनजाति वोट बैंक को भी अपने पाले में लाने का दांव चल दिया है।
तीन महीने में होगी नए मंत्रियों की अग्निपरीक्षा
योगी सरकार के विस्तार में जिन विधायकों को मंत्री बनने का मौका मिला है , उनके लिए अगले तीन महीने अंगारों पर चलने के समान ही होंगे। यह मौका उनके लिए अपने इलाके में जहां मंत्री बनने के बाद स्वागत समारोह में शामिल होने का होगा। वहीं उन्हें इस दौरान अपनी—अपनी जाति —समाज के मतदाताओं को भाजपा की ओर लाने की जिम्मेदारी भी निभानी होगी। जाहिर है कि विधानसभा चुनाव की घोषणा होने यानी आदर्श चुनाव की आचार संहिता लागू होने से पहले इन मंत्रियों को काम करने का मौका शायद ही मिले। इस दौरान न वह अपने विभाग का काम—काज समझ पाएंगे और न सरकार में कोई प्रभाव छोड़ सकेंगे ।॥लेकिन वोट बैंक को साधने की अग्निपरीक्षा हर हाल में देनी होगी।
पितृपक्ष में मंत्रिमंडल विस्तार पर उठे सवाल
योगी सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार पर भाजपा के अंदर से सवाल उठ रहे हैं। बहुसंख्यक लोगों की राजनीति करने वाली भाजपा के कार्यकर्ता ही रविवार को राजभवन के बाहर यह चर्चा कर रहे थे कि मंत्रिमंडल विस्तार की ऐसी क्या जल्दी थी। अगर इतने दिनों तक टाला गया तो नवरात्रि पर्व शुरू होने पर विस्तार किया जाना चाहिए था। पितृपक्ष में तो किसी भी शुभ काम से बचा जाता है । लेकिन भाजपा ने हिन्दुओं की मान्यता को भी ठुकरा दिया।