Lucknow News: सड़कें नहीं, ये हैं मौत के रास्ते! जरा संभल कर चलें
उत्तर प्रदेश को गड्ढामुक्त घोषित कर दिया है लेकिन तस्वीरों को देखकर आप अंदाजा लगा सकते हैं कि लखनऊ में सड़कों की हालत कैसी है। आए दिन अधिकारियों की संवेदनहीनता के चलते सड़कों पर होने वाली दुर्घटना से लोगों की जिंदगी में ब्रेक लग रहे हैं।
लखनऊ: बाबू जी धीरे चलना, ज़रा संभलना… बड़े धोखे हैं इस राह में। आप राजधानी लखनऊ की सड़कों पर यात्रा कर रहे हैं तो इस गाने को अपने जहन में रख कर चले। क्योंकि हो सकता है कि आगे मोड़ पर मौत आपका इंतजार कर रही हो। भले ही उत्तर प्रदेश सरकार ने उत्तर प्रदेश को गड्ढामुक्त घोषित कर दिया है लेकिन तस्वीरों को देखकर आप अंदाजा लगा सकते हैं कि लखनऊ में सड़कों की हालत कैसी है।
आए दिन अधिकारियों की संवेदनहीनता के चलते सड़कों पर होने वाली दुर्घटना से लोगों की जिंदगी में ब्रेक लग रहे हैं। अफसर खराब हो चुकी सड़कों को सही कराने के लिए बड़े-बड़े अभियान चलाने के दावे तो करते हैं, लेकिन धरातल पर सड़कों की स्थिति जस की तस बनी हुई है।
जिम्मेदारी नहीं उठाते अधिकारी
सड़कों को दुरुस्त कराने की जिम्मेदारी जिन विभागों की है वो विभाग बरसाती मेंढकों की तरह सिर्फ तब जागरूक होते हैं जब उनके विभाग की सड़क पर कोई वीवीआइपी मूवमेंट होता है। बाकी समय सिर्फ कागजों पर सड़कों की मरम्मत होती रहती है। वीआईपी से साधारण कालोनी तक में सड़कों की स्थिति खराब हो चुकी है, आने जाने वाले राहगीरों को भी तमाम तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन अधिकारियों की लापरवाही लोगों पर भारी पड़ रही है।
इन इलाकों की सड़कें है खराब
विक्रमादित्य मार्ग, गोमती नगर, गोमती नगर विस्तार, आलमबाग, महानगर, इंदिरा नगर और आशियाना, सिटी स्टेशन, राणा प्रताप मार्ग, पुरानी हाईकोर्ट रोड, नबीउल्ला रोड जैसी कॉलोनियों की सड़कें बदहाल हैं।