UP Election 2022: अखिलेश यादव के खिलाफ लड़ने को तैयार, करहल से चुनाव लड़ने को लेकर बोलीं अपर्णा यादव

Up Election 2022 : करहल (Karhal assembly seat) से पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ने जा रहे अखिलेश का सामना शायद उन्हीं के परिवार के किसी सदस्य से हो सकता है।

Newstrack :  Network
Published By :  Ragini Sinha
Update:2022-01-30 17:05 IST

Up Election 2022 (Social Media)

Up Election 2022 : उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (Up Election 2022) में इन दिनों चुनावी गहमागहमी चरम पर है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Cm yogi adityanath) और उनके प्रमुख सियासी प्रतिदवंदी पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (Former cm akhilesh yadav) के चुनावी मैदान में उतरने के ऐलान इस विधानसभा चुनाव को दिलचस्प बना दिया है। 400 से अधिक सीटों वाले इस प्रदेश में इन दोनों नेताओं की सीट सबसे अधिक चर्चा में आए। करहल (Karhal assembly seat) से पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ने जा रहे अखिलेश का सामना शायद उन्हीं के परिवार के किसी सदस्य से हो सकता है। 

अपर्णा लड़ सकती हैं करहल से चुनाव

चुनाव से पहले कई बड़े भाजपा नेताओं को अपने पाले में कर बीजेपी को बैकफूट पर जाने के लिए मजबूर सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव को तब बड़ा झटका लगा, जब उन्हीं के परिवार का एक महत्वपूर्ण सदस्य भगवा खेमे में जा मिला। जी हां हम बात कर रहे सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा बिष्ट यादव की। विधानसभा चुनाव में सपा को मिल रहे बढ़त के शोर के बीच अपर्णा यादव ने बीजेपी में शामिल होकर सपा को जोर का झटका दिया। चाचा शिवपाल को अपने साल लाकर परिवार को एका करने की कवायद करने वाले सपा सुप्रीमों को एक बार फिर अपने परिवार से ही बगावत झेलनी पड़ी। ऐसे में सूत्रों की माने तो बीजेपी अपर्णा को यादवों के गढ़ माने जाने वाले इटावा मैनपुरी के किसी सीट से चुनाव लड़वा सकती है। इनमे करहल विधानसभा सीट भी शामिल है। जहां से अखिलेश यादव पहली बार चुनाव मैदान में हैं। अगर अपर्णा अखिलेश के खिलाफ मैदान में उतरती हैं तो ये सपा के लिए बड़ी अप्रिय वाली स्थिति हो सकती है। 

अपर्णा बोलीं, मैं तैयार लेकिन...

एक निजी चैनल से बातचीत के दौरान सपा नेत्री से भाजपा नेत्री बनी अपर्णा यादव ने कहा कि वो करहल से चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं। लेकिन ये पार्टी के ऊपर है कि वो मुझे कहां से चुनाव लड़वाते हैं। पार्टी में बहुत समझदार लोग हैं जो उचित निर्णय लेने में सक्षम हैं। हालांकि अपर्णा सीधे अखिलेश के खिलाफ जंग में कूदने की बात कहने से बचती दिखीं। 

अपर्णा की नाराजगी की वजह 

19 जनवरी को बीजेपी के दिल्ली स्थित कार्य़ालय में उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह की उपस्थिति में अपर्णा यादव बीजेपी में विधिवत रूप से शामिल हुईं थी। हालांकि इससे पहले उनका योगी प्रेम जगजाहिर था और वो योगी सरकार की तारीफ भी कर चुके थे। बताया जा रहा है कि पिछली बार सपा के टिकट पर लखनऊ कैंट से चुनाव लड़कर हारने वाली अपर्णा इस बार टिकट मांग चाह रही थीं, लेकिन अखिलेश की तरफ से इनकार दिया। नाराज अपर्णा ने भाजपा का दामन थाम लिया। बता दें कि अपर्णा यादव मुलायम सिंह यादव की दूसरी पत्नी साधना यादव के बेटे प्रतीक यादव की पत्नी हैं। 

परिवार में पहले भी पड़ चुकी है फूट

यादव परिवार में पड़ी फूट कोई नई बात नहीं है। इससे पहले भी 2017 के विधानसभा चुनाव से ऐन पहले परिवार में जबरदस्त लड़ाई छिड़ गई थी। रिश्ते में चाचा – भतीजे अखिलेश और शिवपाल एक दूसरे के खिलाफ हो गए थे। परिवार में पड़ी ये फूट विधानसभा चुनाव में सपा के करारी हार के पीछे अन्य कारणों में से एक कारण ये भी थी। 

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