Up Election 2022: यूपी में किसानों पर जल्द होगी योगी सरकार की तरफ से तोहफो की बारिश
Up Election 2022: योगी सरकार का कहना है कि किसानों के हित में सबसे अधिक काम भाजपा सरकार में ही हुआ है।
Up Election 2022: केन्द्र सरकार के कृषि कानून से नाराज किसानों को लेकर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार जल्द ही कई घोषणाए करके विधानसभा चुनाव के पहले उन्हे लुभाने का काम करने जा रही है। 18 सितम्बर को राजधानी लखनऊ में होने जा किसानों के एक विशाल सम्मेलन में जहां एक तरफ गन्ना मूल्य बढ़ाने की घोषणा होने जा रही है वहीं किसान आंदोलन के दौरान लगाए गए मुकदमों को भी वापस लिए जाने की घोषणा की जा सकती है। योगी सरकार बराबर इस बात का दावा करती आ रही है कि देश की आजादी के बाद मोदी सरकार तथा योगी सरकार ने जितने निर्णय किसानों के हितों में लिए हैं उतना किसी सरकार ने आज तक नहीं लिया है। किसानों के हितों में दर्जनों फैसले लेने के कारण ही किसानों का बहुत ही विकास हुआ है।
20 हजार किसानों के उपस्थित होने की संभावना
इस सम्मेलन में उत्तर प्रदेश के सभी विधानसभा क्षेत्रों से पचास-पचास किसान आएगें। लगभग 20 हजार किसानों के उपस्थित होने की संभावना है। चुनाव के पहले भाजपा किसानों को अपने पाले में पूरी तरह से करने के प्रयास में है। इसलिए 17 सितम्बर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 71वें जन्मदिवस पर किसान मोर्चा सभी जिला केन्द्रों पर किसान-जवान-सम्मान दिवस के रूप में मनाएगा। इस दिन भाजपा किसान मोर्चा प्रत्येक जिला केन्द्रों पर 71 किसान व जवानों को सम्मानित करेगा। इसके पहले पिछले महीने अगस्त में गन्ना बाहुल्य 95 विधानसभा क्षेत्रों में जाकर 298 स्थानों पर भाजपा किसान मोर्चा द्वारा किसान संवाद कार्यक्रम किया चुका है।
'किसानों के हित में सबसे अधिक काम BJP सरकार में हुआ'
योगी सरकार का कहना है कि अब तक जितनी भी सरकारें रही है किसानों के हित में सबसे अधिक काम भाजपा सरकार में ही हुआ है। जिसमें किसानों की ऋण माफी, गन्ना मूल्य का ऐतिहासिक भुगतान व नए चीनी मिलों को लगाना तथा बंद चीनी मिलों को पुनः चलवाना, सिंचाई के लिए चल रहे ट्यूबलों का बिजली कनेक्शन न काटे जाने का आदेश देना, पराली जलाने पर दर्ज मुकदमें वापस लेना व इस कारण लगे अर्थदंड को माफ करना, पश्चिम उत्तर प्रदेश के डार्क जोन में बंद ट्यूबल के लिए बिजली का कनेक्शन देना, 24 नई डिस्टलरियों सहित आठ बंद पड़ी डिस्टलरियों को चलाना तथा चीनीं मिलों की क्षमता वृद्धि करना आदि कई बेहतरीन काम हुए हैं ।
60 प्रतिशत से 100 प्रतिशत तक वृद्धि की गई
वहीं केन्द्र सरकार ने भी रबी फसल के न्यूनतम समर्थन मूल्य में अभूतपूर्व वृद्धि की घोषणा कर दी है, जिसके अन्तर्गत गेहूं, सरसों, मसूर, चना, जौ और कुसुम के फूल के न्यूनतम समर्थन मूल्यों में किसान की लागत के सापेक्ष 60 प्रतिशत से 100 प्रतिशत तक वृद्धि की गई है। भाजपा किसान मोर्चा के अध्यक्ष कामेश्वर सिंह का का दावा है कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के माध्यम से उत्तर प्रदेश के लगभग 2 करोड़ 50 लाख किसान लाभान्वित हो रहे है। इसके कारण किसानों का सम्मान बढा है। फसल बीमा योजना, आधुनिक मंडियों का निर्माण व मृदा हेल्थ कार्ड के माध्यम से किसानों की भूमि का परीक्षण कराना, किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से किसानों के हित में इसकी उपयोगिता बढाना, बायोगैस संयत्र की स्थापना करना, कृषि यंत्रों पर 50 प्रतिशत अनुदान देना, अटल भू-जल योजना का लाभ देना, बुन्देलखण्ड में खेत-तालाब योजना, लघु तथा सीमान्त किसानों मानधन योजना में रखना, ई-मंडियों का निर्माण करना आदि ऐसे सैंकडों निर्णय किसानों के हित में लिए जाने की बात कही जा रही है।
भारतीय खाद्य निगम के 300 क्रय केन्द्र सम्मिलित हैं
उधर योगी सरकार ने खरीफ के लिए वर्ष 2021-22 में मूल्य समर्थन योजना के अन्तर्गत कॉमन धान का समर्थन मूल्य 1940 रुपए प्रति कुन्तल तथा ग्रेड-ए का समर्थन मूल्य 1960 रुपए प्रति कुन्तल निर्धारित किया है। खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 में लखनऊ सम्भाग के जनपद हरदोई, लखीमपुर तथा सम्भाग बरेली, मुरादाबाद, मेरठ, सहारनपुर, आगरा, अलीगढ़, झांसी में धान क्रय की अवधि एक अक्टूबर, से 31 जनवरी, तक तथा लखनऊ सम्भाग के लखनऊ, सीतापुर, रायबरेली, उन्नाव व चित्रकूट, कानपुर, अयोध्या, देवीपाटन, बस्ती, गोरखपुर, आजमगढ़, वाराणसी, मिर्जापुर एवं प्रयागराज मण्डलों में एक नवम्बर, से 28 फरवरी तक होगी। खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 में 4,000 क्रय केन्द्र स्थापित किए जाएंगे। इसमें खाद्य विभाग की विपणन शाखा के 1100, उत्तर प्रदेश सहकारी संघ के 1500, उत्तर प्रदेश कोऑपरेटिव यूनियन लिमिटेड के 600, उत्तर प्रदेश राज्य कृषि उत्पादन मण्डी परिषद के 200, उपभोक्ता सहकारी संघ के 300 तथा भारतीय खाद्य निगम के 300 क्रय केन्द्र सम्मिलित हैं।
केंद्र खुलने का यह है समय
क्रय केन्द्र प्रातः 9 बजे से सायं 5 बजे तक खुले रखे जाएंगे, किन्तु जिलाधिकारी स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार क्रय केन्द्र के खुलने व बन्द होने के समय में आवश्यक परिवर्तन करने के लिए अधिकृत होंगे। कृषकों को सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से, रविवार एवं राजपत्रित अवकाशों को छोड़कर, शेष कार्य दिवसों में धान क्रय केन्द्र खुले रहेंगे।