UP News : साबरमती जेल में बंद बाहुबली अतीक अहमद को एक और झटका, बेटे अली पर यूपी पुलिस ने रखा 25 हजार का इनाम
यूपी के बाहुबली अतीक अहमद के बेटे अली पर हत्या के प्रयास सहित रंगदारी, वसूली के कई आरोप हैं। अली पर एक व्यापारी से 5 करोड़ रुपए की रंगदारी मांगने के आरोप लगे थे जिसके बाद वह एकाएक सुर्खियों में आया था।
UP News : उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के बाहुबली नेता अतीक अहमद (Atiq Ahmed) की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ती दिख रही हैं। दरअसल, अतीक के बेटे सहित लोगों पर पर यूपी पुलिस (UP Police) ने हत्या (Murder) और रंदगारी वूसली मामले में 25-25 हजार का इनामी घोषित किया है। बता दें, यह इनाम अतीक अहमद के छोटे बेटे अली (ALI) पर रखा गया है।
गौरतलब है, कि यूपी के बाहुबली अतीक अहमद के बेटे अली पर हत्या के प्रयास सहित रंगदारी, वसूली के कई आरोप हैं। अली पर एक व्यापारी से 5 करोड़ रुपए की रंगदारी मांगने के आरोप लगे थे जिसके बाद वह एकाएक सुर्खियों में आया था। रंगदारी मांगने का यह मामला पिछले साल दिसंबर महीने का है। ज्ञात हो, कि अतीक अहमद इस वक्त गुजरात की साबरमती जेल में बंद है।
कभी प्रयागराज में चलती थी दबंगई
अतीक के बेटे अली के खिलाफ यूपी पुलिस ने पिछले साल 21 दिसम्बर को प्रयागराज (Prayagraj) के करेली थाने में मुकदमा दर्ज किया था। केस दर्ज होने के बाद से अली फरार बताया जा रहा है। आपकी जानकारी के लिए बता दें, कि एक समय था जब प्रयागराज में बाहुबली अतीक अहमद का ही राज चलता था। उनका सियासी कद भी काफी बड़ा रहा था। लेकिन, प्रदेश में चल रहे चुनावी मैदान से भी वो बाहर हैं और उसी प्रयागराज से बेटे अली को पुलिस की डर से भागना पड़ रहा है।
विभिन्न दलों की टिकट से बने विधायक-सांसद
उल्लेखनीय है कि वर्ष 1989 से साल 2017 तक अतीक अहमद और उनके पारिवारिक सदस्य प्रयागराज से चुनाव लड़ते रहे हैं। लेकिन यह पहली बार है जब इस मौजूदा विधानसभा चुनाव में अतीक अहमद सहित उनके परिवार से कोई भी सदस्य चुनावी मैदान में नहीं है। ये अलग बात है कि जेल में रहते हुए अतीक अहमद ने असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) की ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) का दामन थामा है। साल 1989 में अतीक अहमद प्रयागराज (पश्चिम) सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज की थी। इसके बाद वो समाजवादी पार्टी, अपना दल के टिकट पर चुनावी मैदान में उतरे और जीतकर यूपी विधानसभा तथा संसद तक पहुंचे।