New Population Policy in UP: यूपी में नई जनसंख्या नीति को कैबिनेट ने दी मंजूरी

उत्तर प्रदेश में नई जनसंख्या नियंत्रण लागू करने के बाद अब नई जनसंख्या नीति को मंजूरी दे दी गई है। बुधवार को यूपी कैबिनेट ने इस पर मुहर लगा दी।

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Published By :  Shashi kant gautam
Update:2021-07-22 08:39 IST

 मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ: फोटो- सोशल मीडिया

New Population Policy in UP: उत्तर प्रदेश में नई जनसंख्या नियंत्रण लागू करने के बाद इसे अब मंजूरी दे दी गई है। बुधवार को यूपी कैबिनेट ने इस पर मुहर लगा दी। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 11 जुलाई को इस नीति को जारी किया गया था। नई जनसंख्या नीति को जारी करते हुए उन्होंने कहा कि था कि प्रजनन दर पर नियंत्रण करने की जरूरत है। यूपी जनसंख्या नीति 2021 में सभी समुदायों में जनसंख्या स्थिरीकरण के लिए जरूरत पड़ने पर कानून बनाने की बात भी कही गई है।

आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में बढ़ती आबादी पर नियंत्रण लगाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 11 जुलाई को इस नीति को जारी किया था। जिसमें कहा गया था कि प्रदेश में तेज़ी से बढ़ती जनसंख्या को देखते हुए इसको नियंत्रित करने के लिए प्रजनन दर पर नियंत्रण करने की जरूरत है।

यूपी में नई जनसंख्या नीति: फोटो- सोशल मीडिया

नई जनसंख्या नीति का उद्देश्य

जनसंख्या स्थिरीकरण का लक्ष्य प्राप्त करने, निवारण योग्य मातृ मृत्यु और बीमारियों की समाप्ति, नवजात और पांच वर्ष से कम उम्र वाले बच्चों की निवारण योग्य मृत्यु को समाप्त करना और उनकी पोषण स्थिति में सुधार करना, किशोर-किशोरियों के लिए यौन और प्रजनन स्वास्थ्य तथा पोषण से सम्बंधित सूचनाओं और सेवाओं में सुधार, वृद्धों की देखभाल और कल्याण में सुधार के उद्देश्य तय किये गये हैं।

यूपी में नई जनसंख्या नीति: फोटो- सोशल मीडिया

क्या है ये नीति?

साल 2021-2030 के लिए प्रस्तावित नई जनसंख्या नीति के माध्यम से परिवार नियोजन कार्यक्रम के अंतर्गत जारी गर्भ निरोधक उपायों की सुलभता को बढ़ाया जाना और सुरक्षित गर्भपात की समुचित व्यवस्था देने की कोशिश होगी।

वहीं, उन्नत स्वास्थ्य सुविधाओं के माध्यम से नवजात मृत्यु दर, मातृ मृत्यु दर को कम करने, नपुंसकता/बांझपन की समस्या के समाधान उपलब्ध कराते हुए जनसंख्या में स्थिरता लाने के प्रयास भी किए जाएंगे। इसके साथ ही इस नीति का उद्देश्य 11 से 19 वर्ष के किशोरों के पोषण, शिक्षा और स्वास्थ्य के बेहतर प्रबंधन के अलावा, बुजुर्गों की देखभाल के लिए व्यापक व्यवस्था करना भी है।


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