Pratapgarh News: भूस्खलन में शहीद रितेश पाल का अंतिम संस्कार, पिता ने नम आंखो से दी विदाई, कहा- मुझे मेरे बेटे पर गर्व है

भूस्खलन में शहीद जवान रितेश पाल का बारिश के बीच घर के सामने राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान शहीद के सम्मान में जमकर नारे लग रहे थे।

Report :  Manoj Tripathi
Published By :  Shashi kant gautam
Update: 2021-08-01 09:49 GMT

भूस्खलन में शहीद जवान रितेश पाल का अंतिम संस्कार: फोटो- सोशल मीडिया 

Pratapgarh News: हिमाचल प्रदेश में भूस्खलन ने कई लोगों की जान ले ली है। भूस्खलन चारों और हड़कंप मचा हुआ है। इसी भूस्खलन का शिकार प्रतापगढ़ का रहने वाला वीर जवान हो गया और भूस्खलन में शहीद हो गया। शहीद जवान रितेश पाल के पार्थिव शरीर को सेना हिमाचल से उनके घर पूरेभैया गांव लेकर आई। इसके बाद शहीद रितेश के शव को सेना के ट्रक में रखकर शहर में अंतिम विदाई दी गई। बारिश के बीच ट्रक के पीछे सैकड़ों लोग पैदल दौड़ते नजर आए। वहीं, कई बाइकें भी उनके पीछे चल दीं। आगे-आगे पुलिस और प्रशासन के लोग भी लगे रहे।

बता दें कि भूस्खलन में शहीद जवान रितेश पाल का बारिश के बीच घर के सामने राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान शहीद के सम्मान में जमकर नारे लग रहे थे। सुबह मोर्चरी से पार्थिव शरीर को सेना के ट्रक में रखकर शहर ले जाया गया जिसके शहर से वापस शहीद के घर पूरेभैया ले जाया गया इस दौरान सैकड़ो लोग शहादत के सम्मान में नारेबाजी के साथ पीछे चल रहे थे। डीजे पर भी गाने भी बजते रहे।

सरकार की तरफ से शहीद के परिजनों को 50 लाख की आर्थिक सहायता

भूस्खलन में शहीद जवान रितेश पाल के परिजनों को सरकार ने 50 लाख की आर्थिक सहायता, परिवार के एक सदस्य को नौकरी, व एक सड़क का नामकरण शहीद के नाम करने की घोषणा की है। लेकिन ग्रामवासियों की मांग है स्वशाषी चिकित्सा महाविद्यालय का नाम शहीद रितेश पाल के नाम से किया जाय, ताकि शहीद का गौरव हमेशा बना रहे।

शहीद रितेश पाल के पिता 

पहाड़ का टुकड़ा गिरने से खाई में गिर गए रितेश

प्रतापगढ़ जनपद के अंतू थाना क्षेत्र के पूरेभैया गांव के रहने वाले 32 वर्षीय रितेश पाल ने साल 2010 में इंडियन आर्मी जॉइन की थी। रितेश आर्मी की इंजीनियरिंग कोर में कार्यरत थे। कुछ समय पहले ही उनको हिमाचल के कुल्लू इलाके में तैनात किया गया था। भारी बारिश के चलते एक बाधित सड़क को रिपेयर करने में रितेश पाल लगे हुए थे। वे जेसीबी की मदद से सड़क ठीक कर रहे थे कि तभी लैंड स्लाइड की वजह से पहाड़ का एक टुकड़ा उनके ऊपर आकर गिरा।

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