RSS-BJP Meeting: संघ भाजपा की समन्वय बैठक के बाद मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चाएं तेज
RSS-BJP Meeting: उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के पहले भाजपा सरकार में मंत्रिमडल विस्तार को लेकर चचाएं फिर तेज हो गयी हैं।
RSS-BJP Meeting: उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के पहले भाजपा सरकार में मंत्रिमडल विस्तार को लेकर चचाएं फिर तेज हो गयी हैं। लखनऊ में भाजपा और संघ की हुई समन्वय बैठक में विधानसभा चुनाव का रोड मैप तैयार करने के साथ इस बात पर भी चर्चा हुई कि चुनाव के पहले योगी सरकार का एक और मंत्रिमंडल विस्तार किया जाए। बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अलावा दोनो डिप्टी सीएम डाॅ दिनेश शर्मा और केशव प्रसाद मौर्य भी शामिल हुए।
मिशन 2022 को लेकर तैयारियों में जुटी भाजपा इस मंत्रिमंडल विस्तार से कई समीकरण साधने की तैयारी में है। इसके तहत जिन वर्गों का अभी तक मंत्रिमंडल में प्रतिनिधित्व नहीं मिला है उन्हें मौका मिल सकता है। दरअसल पिछले एक साल से योगी सरकार में मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर प्रयास किए गए पर कोरोना काल के चलते इसे टाला जाता रहा है। लेकिन अब जब चुनाव का थोड़ा समय ही बचा है। संघ चाहता है कि जो लोग संगठन में कार्य कर रहे हैं उन्हे सरकार में लाया जाए तथा जो मंत्रिमंडल में हैं उन्हे संगठन में लाया जाए।
इस बात की चर्चा जोरों पर है कि योगी मंत्रिमंडल के विधानसभा चुनाव के पहले का यह अंतिम फेरबदल होगा जिसमें कुछ मंत्रियों को मंत्रिमंडल से हटाकर संगठन के कार्यों में लगाया जा सकता है जबकि संगठन में काफी समय से काम कर रहे कुछ को योगी सरकार में मौका दिया जा सकता है। चर्चा यह भी है कि नए मंत्रिमंडल में छह से सात नए चेहरों को मौका मिल सकता है। आरोपों में घिरने वाले और खराब कामकाज वालों को बाहर किया जा सकता है। मंत्रिमंडल विस्तार में विधानसभा चुनाव 2022 को देखते हुए जातीय व क्षेत्रीय समीकरण को महत्व दिए जाने की चर्चा भी है।
इस समय मंत्रिमंडल में 54 सदस्य हैं जिनमें 23 कैबिनेट 9 स्वतंत्र प्रभार तथा 22 राज्य मंत्री हैं। 19 मार्च 2017 को सरकार गठन के बाद 22 अगस्त 2019 को उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने मंत्रिमंडल विस्तार किया था। उस दौरान उनके मंत्रिमंडल में 56 सदस्य थे। इस कार्यक्रम में शपथ लेने वाले कुल 23 लोगों में 18 नए चेहरे शामिल किए गए थे।
परन्तु पिछले साल योगी कैबिनेट के दो मंत्रियों चेतन चौहान और कमल रानी वरुण का कोरोना की वजह से निधन हो गया था। जिसके बाद से यह दोनों मंत्रिपद खाली चल रहे हैं। साथ ही कुछ मंत्रियों को उनके कमजोर कार्यशैली को देखते हुए उन्हें हटाकर संगठन की जिम्मदारी दी जा सकती है। चर्चा यह भी है कि नए मंत्रिमंडल में छह से सात नए चेहरों को मौका मिल सकता है।