Lucknow: यहां न अच्छी सड़क है न नाली, वार्ड में गंदगी का अंबार, कोई नहीं सुनता इनकी गुहार?

लखनऊ नगर निगम के शंकरपुरवा द्वितीय वार्ड के लोग मूलभूत सुविधाओं के लिए पिछले 10 साल से तरस रहे हैं। वार्ड में गंदगी का अंबार लगा हुआ है।

Written By :  Rahul Singh Rajpoot
Newstrack :  Network
Update:2021-07-14 21:34 IST

शंकरपुरवा द्वितीय वार्ड में गंदगी का अंबार

लखनऊ: एक तरफ जहां लखनऊ को स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित किया जा रहा है, वहीं कुछ मोहल्ले आज भी ऐसे हैं जहां मूलभूत सुविधाओं का टोटा है, सुविधाएं तो दूर नगर निगम यहां साफ सफाई की भी जिम्मेदारी सही से नहीं निभा पा रहा है। राजधानी में अगर आप देखेंगे तो आपको कई मोहल्ले ऐसे मिल जाएंगे जहां सिर्फ कागजों में ही काम होते हैं। ऐसा ही कुल हाल शंकरपुरवा द्वितीय वार्ड का है। जहां नगर निगम के लापरवाह तंत्र की वजह से गंदगी का अबार लगा हुआ है। लोग 10 साल से पार्षद से लेकर नगर निगम के अफसरों तक गुहार लगा चुके हैं लेकिन उनकी सुनने वाला कोई नहीं है।

वार्ड में फैली गंदगी

शंकरपुरवा द्वितीय वार्ड के लोग मूलभूत सुविधाओं के लिए पिछले 10 साल से तरस रहे हैं। वार्ड में गंदगी का अंबार लगा हुआ है और न ही नगर निगम द्वारा कोई रोड बनाई गई और न ही नाली। पक्की रोड न होने के कारण आए दिन हादसे होते रहते हैं जल निकासी की कोई व्यवस्था नहीं है। जिससे इलाके में जलभराव की समस्या बनी रहती है। जरा सी बारिश में पूरा इलाका जलमग्न हो जाता है इतना ही नहीं गंदा पानी स्थानीय लोगों के घरों में भी भर जाता है। गंदगी की वजह से इलाके ने दुर्गंध से लोगों का जीना मुहाल हो गया है।

स्थानीय लोगों का कहना है कि इस मामले को लेकर पार्षद से लेकर नगर निगम के जोनल कार्यालय में लिखित शिकायत की लेकिन सिर्फ आश्वासन मिला, नगर निगम की ओर से वार्ड में कोई भी विकास कार्य नहीं कराया गया। उन्होंने ये भी आरोप लगाया कि तत्कालीन पार्षद को वोट न देने की वजह से पार्षद अनिता पाल इस वार्ड के विकास कार्य को लेकर टालमटोल करती हैं।

घर के सामने भरा गंदा पानी

एक दूसरे वार्ड गायत्रीपुरम के लोग कहते हैं कि इलाके की सड़क, सीवर, नाली के लिए वे पिछले 10 साल से संघर्ष कर रहे हैं। इलाके की समस्याओं को लेकर पार्षद से लेकर जोनल कार्यालय के कई चक्कर काटे लेकिन सिर्फ आश्वासन ही मिला। जमीनी स्तर पर काम कुछ भी नहीं हुआ। उन्होंने यहां तक कहा कि अब हम हिम्मत हार चुके हैं, क्योंकि हमारी सुनने वाला कोई नहीं है। उन्होंने नगर आयुक्त अजय कुमार द्विवेदी से गुहार लगाते हुए कहा कि नगर आयुक्त अगर एक बार इस वार्ड का निरीक्षण कर लें तो शायद उनको हमारी दशा पर रहम आ जाए।

Tags:    

Similar News