Sitapur: दो नदियों को पार कर ग्रामीणों ने किया मतदान, लोकतंत्र के लिए बनी मिशाल

Sitapur News: सीतापुर जिले की अति पिछड़ी विधानसभा सेवता विधानसभा के ग्रामीण आज भी पुल न होने के कारण नदी पार करके मतदान स्थलों तक पहुंच रहे हैं। जो लोकतंत्र के लिए मिशाल है।

Report :  Sami Ahmed
Published By :  Deepak Kumar
Update: 2022-02-23 11:04 GMT

दो नदियों को पार कर ग्रामीणों ने किया मतदान। 

Sitapur News: जहां देश एक और निरंतर विकास के पथ पर बढ़ता हुआ महाशक्ति बनने की तरफ अग्रसर है, तो दूसरी ओर यह देश का दुर्भाग्य ही कहा जाएगा कि देश के कुछ क्षेत्र आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं। आज इन्ही में से एक सीतापुर (Sitapur District) के दुर्गम क्षेत्र सेवता विधानसभा क्षेत्र (Sevata Assembly Constituency) की बात कर रहे हैं। जहां आज भी पुल न होने के कारण लोग नदी पार करके मतदान (UP Election 2022) स्थलों तक पहुंच रहे हैं। जो लोकतंत्र के लिए मिशाल बनी हुई है। यहां के लोग करते हैं कि आने वाला जनप्रतिनिधि उनकी मूलभूत सुविधाओं पर ध्यान देगा और उनकी समस्याओं को हल करेगा। किंतु जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा का शिकार सेवता क्षेत्र (Sevata Assembly Constituency) आज भी विकास का इंतजार कर रहा है।

इन नदियों के कारण क्षेत्र में होता है काफी नुक्सान

सीतापुर जिले (Sitapur District) की अति पिछड़ी विधानसभा सेवता विधानसभा (Sevata Assembly Constituency) कहे जाने वाली अत्यधिक क्षेत्र तटवर्ती इलाके में पड़ता है। यहां पर घाघरा (Ghaghara River) एवं शारदा नदियों (Sharda river) का कहां हो पानी का बहाव चलता है। क्षेत्र के सैकड़ों गांव के नामों निशान को घाघरा और शारदा नदी मिटा चुके हैं औऱ काफी नुक्सान होता है। कई बार नदियों के जगह-जगह टापू पर ग्रामीणों द्वारा जुगी झोपड़ियां भरकर अपने आशियाने बनाकर खेती-बाड़ी एवं मवेशियों का पालन पोषण कर उनके दूध का व्यापार करते हैं।

ग्रामीणों ने इन पोलिंग बूथ पर किया मतदान

गौलोक कोडार के पच्चीसा बरार कोनी मेड़ई गांव के ग्रामीण अपने-अपने परिवारों के साथ वहां पर निवास करते हैं। कुल मतदाता 940 हैं जिनका वोट प्राथमिक विद्यालय टपरहा बाबा, प्राथमिक विद्यालय गौलोक कोडर, प्राथमिक विद्यालय रामलाल पुरवा, पूर्व माध्यमिक विद्यालय गौलोक कोडार पोलिंग बूथ पर पड़ता है।

2 नदियां पार कर मतदान करने आते हैं ग्रामीण

इन गांव के ग्रामीण 2 नदियां पार कर नाव पर सवार होकर मतदान करने के लिए आते हैं। शारदा नदी और घाघरा नदी (Ghaghara River) पार करते हैं। उसके बाद पैदल जाकर पोलिंग बूथ पर मतदान करते हैं।

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