UP Assembly Elections 2022 : सोशल मीडिया के दम पर चुनाव मैदान में उतरना चाहती है भाजपा

UP Assembly Elections 2022 :भाजपा को सोशल मीडिया पर इतना भरोसा है उसने 1 लाख 15 हजार बूथों पर भी व्हाट्स ग्रुप बनाया है।

Written By :  Shreedhar Agnihotri
Published By :  Shraddha
Update: 2021-07-31 06:54 GMT

सोशल मीडिया चला रहे युवा (कॉन्सेप्ट फोटो - सोशल मीडिया)

UP Assembly Elections 2022 : उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में होने वाले विधानसभा चुनाव (Assembly Elections) में वैसे तो सभी दल अपनी तैयारियां कर रहे हैं पर अन्य दलों के मुकाबले सत्ताधारी पार्टी भाजपा इन तैयारियों में सबसे आगे चल रही है। वह चुनावी संग्राम में अपनी सरकार की उपलब्धियों को लेकर मैदान में उतरना चाहती है। इसके लिए पार्टी ने सोशल मीडिया पर भरोसा करते हुए हर जिलें में एक संयोजक और दो सह संयोजकों की नियुक्ति करते हुए निचले स्तर की सांगठनिक रचना के तहत मंडल स्तर पर भी संयोजकों की नियुक्ति की है। जबकि हर विधानसभा क्षेत्र में भी एक एक संयोजक तैनात किया है।

भाजपा को सोशल मीडिया व्हाट्सअप इंस्टग्राम और ट्विटर पर इतना भरोसा है कि उसने एक लाख 15 हजार पोलिंग बूथों पर भी एक एक व्हाट्स ग्रुप बनाया है। इसके साथ ही पार्टी ने कॉल सेंटर में भी एक लम्बी चौड़ी पार्टी कार्यकर्ताओं की टीम तैयार की है। आईटी सेल से अलग सोशल मीडिया टीम को तैयार करने के पीछे पार्टी की मंशा साफ है कि उसे प्रिंट मीडिया और इलेक्ट्रिनिक मीडिया पर उतना भरोसा नहीं है जितना कि सोशल मीडिया पर।


 भाजपा पार्टी (कॉन्सेप्ट फोटो -सोशल मीडिया)


 पार्टी के रणनीतिकारों को पता है कि इस समय डिजिटल इंडिया के तहत हर एक के पास मोबाइल है और पार्टी की नीतियों को उन तक तुरंत पहुंचाने के लिए इससे बढ़िया कोई रास्ता नहीं है। यहां यह भी बताना जरूरी है कि यूपी विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी ने अपने संगठन को मजबूत करने के लिए प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने यूपी आईटी विभाग और सोशल मीडिया के अलग-अलग पदों को लिए नामों की घोषणा कर चुके हैं। जिसमें कामेश्वर मिश्रा (लखनऊ निवासी) को आईटी विभाग का प्रदेश संयोजक नियुक्त किया गया है। वहीं मांगीलाल चौधरी (लखनऊ निवासी) को आईटी विभाग का प्रदेश सह संयोजक बनाया गया है।

उधर हाल ही में चित्रकूट में हुई राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ की बैठक में भी इस बात पर जोर दिया गया कि अपनी गतिविधियों को आम जन तक पहुंचाने में सोशल मीडिया एक सशक्त माध्यम है। इसलिए कार्यकर्ताओं को इस पर जोर देने की जरूरत है।

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