UP Assembly Elections: संघ और सरकार 2022 को जीतने की तैयारी में, छवि सुधारने का रोडमैप तैयार
विधानसभा चुनाव 2022 को लेकर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ और उनके अनुषांगिक संगठन जनता के बीच प्रदेश की भाजपा सरकार और संगठन की छवि बनाने में जुटेंगे।
UP assembly elections: उत्तर प्रदेश में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ और उनके अनुषांगिक संगठन जनता के बीच प्रदेश की भाजपा सरकार और संगठन की छवि बनाने में जुटेंगे। प्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर के बाद गांवों से लेकर शहरों तक सरकार के लिए बिगड़े माहौल को सुधारा जाएगा।
बता दें कि रविवार को राजधानी स्थित निजी स्कूल के मीटिंग हॉल में संघ के सर कार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले और सह सरकार्यवाह कृष्णगोपाल ने भाजपा सहित संघ के अनुषांगिक संगठनों के प्रमुखों के साथ चुनाव के मद्देनजर भाजपा के लिए जमीन तैयार करने पर मंथन किया।
भाजपा की छवि को बनाने का काम करें- दत्तात्रेय
सर कार्यवाह दत्तात्रेय ने कहा कि 2022 का विधानसभा चुनाव उतना ही महत्वपूर्ण है जितना 2024 का लोकसभा चुनाव। उन्होंने कहा कि अपने-अपने क्षेत्र के कार्यकर्ताओं और लोगों के बीच जाकर प्रदेश सरकार और भाजपा की छवि को बनाने का काम करें। उन्होंने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर के कारण गांव से लेकर शहरों तक जो माहौल बिगड़ा है उसे किसी भी स्थिति में ठीक करना होगा।
केंद्र और राज्य सरकारों की उपलब्धियों पर भी चर्चा
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के सात वर्ष के शासन में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 की समाप्ति, अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण जैसे वादे पूरे हुए हैं। वहीं योगी सरकार में अयोध्या का दीपोत्सव, वाराणसी की देव दीपावली, बरसाने की होली, कावड़ यात्रा सहित अन्य मुद्दों को धार दी गई है।
कोरोना महामारी को नियंत्रित करने में उत्तर प्रदेश सरकार सबसे आगे
कोरोना की पहली और दूसरी लहर में भी सरकार व संगठन ने मरीजों के उपचार से लेकर प्रवासियों के रोजगार व सेवा कार्यों में कोई कसर नहीं छोड़ी है। संघ के पदाधिकारियों ने भी अनुषांगिक संगठनों से मिले फीडबैक के आधार पर अपने सुझाव सरकार व संगठन को देते हुए व्यवस्थाएं दुरस्त करने को कहा। बैठक में उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य व डॉ.दिनेश शर्मा, सह संगठन मंत्री कर्मवीर भी मौजूद थे।
अगस्त में मिलेगी अनुषांगिक संगठनों को जिम्मेदारी
पता चला है कि सभी अनुषांगिक संगठनों से सुझाव मांगे गए हैं कि वे चुनाव और कोरोना की तीसरी लहर के मद्देनजर वे क्या-क्या कर सकते हैं और क्या किया जाना चाहिए। सभी संगठनों से सुझाव मिलने के बाद अगस्त में होने वाली समन्वय बैठक में अनुषांगिक संगठनों को उनकी जिम्मेदारी सौंपी जाएगी।