UP News: बदल गयी AKTU की तस्वीर, इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास के लिए 200 करोड़ की पं दीन दयाल उपाध्याय गुणवत्ता सुधार योजना लागू
UP News: इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास के लिए 200 करोड़ की पं दीन दयाल उपाध्याय गुणवत्ता सुधार योजना लागू की गयी है। इस योजना के लिए 100 करोड़ रुपये की अतिरिक्त परियोजनाओं के शिलान्यास एवं लोकार्पण संपन्न करवाए गया हैं।
UP News: इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास और डिजिटलीकरण से एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय की तस्वीर बदल गयी है। इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास के लिए 200 करोड़ की पं दीन दयाल उपाध्याय गुणवत्ता सुधार योजना लागू की गयी है। इस योजना के लिए 100 करोड़ रुपये की अतिरिक्त परियोजनाओं के शिलान्यास एवं लोकार्पण संपन्न करवाए गया हैं। इसमें प्रो विनय कुमार पाठक का अहम योगदान रहा है।
पांच बड़ी चुनौतियां
गुणवत्तापूर्ण तकनीकी शिक्षा की सुनिश्चितता के लिए पांच बड़ी चुनौतियाँ थीं। जिनमें राजकीय एवं अनुदानित तकनीकी संस्थानों में शिक्षकों की कमी पूर्ण करना, आवश्यक इन्फ्रास्ट्रक्चर विकसित करना, विश्वविद्यालय की कार्य प्रणाली का डिजिटलीकरण ट्रेनिंग और प्लेसमेंट की समुचित व्यवस्था करना तथा राष्ट्रीय स्तर पर प्रदेश की तकनीकी शिक्षा की गुणवत्ता को प्रस्तुत करने के लिए नेशनल बोर्ड ऑफ़ एक्रिडिएशन (छठ।) से राजकीय एवं अनुदानित उच्च शिक्षा संस्थानों को एक्रिडिएट करवाने लिए प्रयास करना।
100 करोड़ की परियोजनाओं का शिलान्यास
एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय की तरफ से 280 से ज्यादा शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया पूरी की गयी है। साथ ही साथ इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास के लिए 200 करोड़ की पं दीन दयाल उपाध्याय गुणवत्ता सुधार योजना लागू की गयी है। इस योजना के लिए 100 करोड़ रुपये की अतिरिक्त परियोजनाओं के शिलान्यास एवं लोकार्पण संपन्न करवाए गया हैं। इस वर्ष ट्रेनिंग एवं प्लेसमेंट का कार्य युद्ध स्तर पर किया गया है। साथ ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सहयोग से विवि के भवन का लोकार्पण हुआ है।
यूनिवर्सिटी इंडस्ट्री इन्टरफेस सेल का गठन
बतादें कि ट्रेनिंग एवं प्लेसमेंट के कार्य को गति प्रदान करने के लिए यूनिवर्सिटी इंडस्ट्री इन्टरफेस सेल का गठन किया गया है। जिसके माध्यम से अब तक 30 हजार से अधिक रोजगार के सुलभ अवसर पूल कैंपस ड्राइव्स के माध्यम से छात्र-छात्राओं को उपलब्ध करवाए जा चुके हैं। एन.बी.ए. एक्रिडिएशन की दिशा में हुए कार्यों का परिणाम है कि विश्वविद्यालय के घटक संस्थान आई.ई.टी., लखनऊ की पांच ब्रांचों, यू.पी.टी.टी.आई., कानपुर की एक ब्रांच को इस वर्ष एन.बी.ए. एक्रिडिएशट प्राप्त हुआ है। साथ ही वर्तमान में विश्वविद्यालय के शासकीय एवं अनुदानित संस्थानों में से 28 संस्थानों की 67 ब्रांचों को एन.बी.ए. एक्रिडिएशट प्राप्त हुआ है।
2022 तक समस्त राजकीय एवं अनुदानित संस्थानों को एन.बी.ए. एक्रिडिएट करवाने का लक्ष्य है। साथ ही एकेटीयू की पूरी कार्यप्रणाली डिजिटलीकृत हुई है। विवि में ई-ऑफिस को भी लागू किय गया है। इसके साथ ही छात्र-छात्राओं की समस्याओं के निराकरण के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित चौटबोट की शुरुआत की गयी है।
एकेटीयू में एक मेगावाट के सोलर पॉवर प्लांट का शुभारम्भ
एकेटीयू ई-ऑफिस लागू करने वाला प्रदेश का पहला प्राविधिक विश्वविद्यालय बना। इसके अतिरिक्त एकेटीयू ने ग्रामीण विकास एवं सामाजिक उत्थान के लिए भी सकारात्मक पहल की है। विश्वविद्यालय के सम्बद्ध संस्थाओं द्वारा ग्रामीण अंचलों में अक्षय ऊर्जा श्रोतो के विकास, जीरो प्रदूषण फार्मिंग आदि के लक्ष्य को पूरा करने हेतु कम से कम एक-एक गाँव गोद लिया है। विश्वविद्यालय द्वारा टी.बी. से पीड़ित आर्थिक रूप से कमजोर बच्चो को भी गोद लेकर उनके इलाज और शिक्षा की व्यवस्था की जा रही है।