UP News: कैबिनेट मंत्री रहे राकेशधर त्रिपाठी के ऊपर कसेगा शिकंजा, यह है पूरा मामला
UP News: बहुजन समाज पार्टी में कैबिनेट मंत्री रहे राकेशधऱ त्रिपाठी के ऊपर एमपी-एमएलए कोर्ट में शिकंजा कसता जा रहा है।
UP News: उत्तर प्रदेश की बहुजन समाज पार्टी (Bahujan Samaj Party) में कैबिनेट मंत्री रहे राकेशधर त्रिपाठी (Rakeshdhar Tripathi) के ऊपर एमपी-एमएलए कोर्ट में शिकंजा कसता जा रहा है। आय से अधिक संपत्ति के मामले में कोर्ट ने राकेशधर त्रिपाठी(Rakeshdhar Tripathi) पर आरोप तय करते हुए कहा कि पूर्व मंत्री के खिलाफ मुकदमा चलाए जाने को लेकर पर्याप्त आधार मौजूद हैं और इनके खिलाफ जल्द से जल्द कार्यवाही की जानी चाहिए।
आपको बता दें कि बसपा सरकार में उच्च शिक्षा मंत्री रहते राकेशधर त्रिपाठी(Rakeshdhar Tripathi) पर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का आरोप लगा था। मंत्री रहते हुए राकेशधर त्रिपाठी(Rakeshdhar Tripathi) की कुल आय 49 लाख 49 हजार 928 पाई गयी, जबकि मामले की जांच में पूर्व मंत्री राकेशधर त्रिपाठी(Rakeshdhar Tripathi) की आय 2 करोड़ 17 लाख से ज्यादा मिली है।
आय से अधिक संपत्ति व भ्रष्टाचार के कई आरोप
इस मामले में आय से अधिक संपत्ति के मामले में पूर्व मंत्री राकेशधर त्रिपाठी संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए तो कोर्ट ने कहा कि पूर्व मंत्री के खिलाफ मुकदमा चलाए जाने के पर्याप्त आधार हैं और मामले में कार्रवाई होगी।
आपको याद होगा कि राकेशधर त्रिपाठी प्रदेश सरकार में उच्च शिक्षा मंत्री रह चुके हैं। उन पर आय से अधिक संपत्ति व भ्रष्टाचार के कई तरह के आरोप लगे हुए हैं। इसके साथ साथ यह भी कहा जा रहा था कि उच्च शिक्षा मंत्री पद पर रहते हुए त्रिपाठी पर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर कॉलेजों को मान्यता देने का काम किया है। इस मामले में लोकायुक्त की जांच में 2010 में अपने पद का गलत इस्तेमाल कर राकेशधर त्रिपाठी द्वारा कई कॉलेजों को मान्यता देने की बात का खुलासा भी हुआ है।
आपको बता दें कि प्रयागराज के सैदाबाद के रहने वाले राकेशधर त्रिपाठी 2005 में बहुजन समाज पार्टी में शामिल हुए थे और 2007 में बीएसपी से हड़िया सीट से विधायक का चुनाव लड़ा था। सीट पर जीत हासिल करने के बाद 2007 में बहुजन समाज पार्टी की पूर्ण बहुमत की सरकार बनी तो प्रदेश में 2007 में उन्हें उच्च शिक्षामंत्री बने थे।
आय से अधिक सम्पत्ति के मामले में पूर्व मंत्री के खिलाफ प्रयागराज के मुट्ठीगंज थाने में 13 जून 2013 में सतर्कता अधिष्ठान के निरीक्षक राम सुभग ने एफआईआर दर्ज कराते हुए पहल शुरू की थी।