UP News: लखनऊ की ये 17 सड़कें बिगाड़ रही हैं आपकी सेहत
UP News: शहर की दो दर्जन से ज्यादा सड़कें ऐसी हैं जो लोगों की सेहत पर बुरा असर डाल रही हैं। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सर्वे में इसका खुलासा हुआ है।;
राजधानी की ये सड़कें आपकी सेहत पर बुरा असर डाल रही हैं pic(social media)
UP News: राजधानी लखनऊ में प्रदूषण एक गंभीर समस्या बनती जा रही है। शहर की दो दर्जन से ज्यादा सड़कें ऐसी हैं जो लोगों की सेहत पर बुरा असर डाल रही हैं। ये हम नहीं कह रहे हैं बल्कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सर्वे में इसका खुलासा हुआ है।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने जो सर्वे किया है उसमें शहर की 17 सड़कों की हालत बेहद खराब है।इन सड़कों पर वायु प्रदूषण फैलाने वाले मिट्टी के कण सबसे अधिक मात्रा में मिले हैं। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने इसकी रिपोर्ट नगर निगम को सौंप दी है। जिस पर जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश ने भी संज्ञान लिया है।
इन सड़कों की हालत बेहद खराब pic(social media)
बता दें कि राजधानी में वायु प्रदूषण पिछले वर्ष और इस साल के शुरुआत में काफी बढ़ गया है। लखनऊ, देश में सबसे ज्यादा प्रदूषित शहरों में शामिल हो गया था। प्रदूषण बढ़ने से राजधानी में रहने वाले लोगों की सेहत पर भी बुरा असर देखने को मिला है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, नगर निगम तथा एलडीए सहित कई विभाग प्रदूषण के कारणों की जांच व इसके निवारण के लिए काम कर रहे हैं।
प्रदूषण बढ़ने से सेहत पर पड़ रहा बुरा असर
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने इसके कारणों का पता कराने के लिए एक सर्वे कराया। इसमें पता चला कि शहर की 17 सड़कें सबसे ज्यादा प्रदूषण फैला रही हैं। इन सड़कों से सबसे ज्यादा धूल उड़ती है। जो प्रदूषण का कारण बनती है। विशेषज्ञों को जांच में पता चला कि इन सड़कों पर हवा की गुणवत्ता को प्रभावित करने वाले मिट्टी के कण सबसे ज्यादा उड़ते हैं। धूल के कणों के हवा में उड़ते रहने की वजह से ही वायु की गुणवत्ता प्रभावित होती है। इनके आस पास 24 घंटे धूल के कण हवा में उड़ते रहते हैं। जो दूर तक फैलते हैं।
बता दें जुलाई महीने में ही जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश की अध्यक्षता में शहर में प्रदूषण नियंत्रित करने के सम्बंध में एक बैठक हुई थी। बैठक में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों ने इन 17 सड़कों की बात रखी। जिम्मेदार अधिकारियों ने बताया कि अगर शहर से प्रदूषण को कम करना है तो सबसे पहले धूल के कणों को नियंत्रित करना होगा। जब तक धूल कम नहीं होगी वायु गुणवत्ता में सुधार नहीं आएगा। सुधार के लिए फुटपाथ दुरुस्त कराने होंगे। सड़कों के किराने पेड़ लगाने होंगे। फुटपाथ व सड़क के गढ्ढे भरने होंगे साथ ही इन्टर लाकिंग टाइल्स लगानी होगी।
जानिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी ने क्या कहा
वहीं राजधानी की सड़कों पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के श्रेत्रीय अधिकारी रामकरन ने कहा कि हमने सर्वे कराकर सभी 17 सड़कों की सूची नगर निगम के मुख्य अभियंता महेश वर्मा को सौंप दी है। जिलाधिकारी की अध्यक्षता में प्रदूषण को लेकर हुई बैठक में इसकी रिपोर्ट रखी गई। इन सड़कों की वजह से काफी प्रदूषण हो रहा है। इनके स्रोत को बंद करने की जरूरत है। इस पर नगर निगम को काम करना है।