UP Politics: पंचायत चुनाव में धांधली के खिलाफ 15 जुलाई को प्रदर्शन करेगी सपा, जानिए क्या है अखिलेश की रणनीति
UP Politics: उत्तर प्रदेश के कई स्थानों पर पंचायत चुनाव में हुई हिंसा को लेकर सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने पूरे प्रदेश में कार्यकर्ताओं को प्रदर्शन करने का निर्देश दिया है।
UP Politics: उत्तर प्रदेश के कई स्थानों पर पंचायत चुनाव में हुई हिंसा को लेकर सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने पूरे प्रदेश में आगामी 15 जुलाई को धरना प्रदर्शन करने का जो फरमान जारी किया है,उसकी सूचना सूबे के सभी 75 जिलों के सपाध्यक्षों को मिल चुकी है अब सरकार के खिलाफ होने वाले प्रदर्शन को कामयाब बनाने की रणनीति पर सभी जिलाध्यक्षों ने अमल करना अभी से शुरु भी कर दिया है।
हमारे कुछ सपाई सूत्र बताते हैं कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव, पंचस्थानीय चुनावी हिंसा के खिलाफ 15 जुलाई को पूरे प्रदेश में ब्लॉक स्तर पर होने जा रहे इस प्रदर्शन को काफी अभूतपूर्व बनाने की रणनीति पर अमल कर रहे हैं। इसलिए यूपी के 75 जिलों के अध्यक्षों को यह खास निर्देश दिए गए हैं कि सूबे के सभी 822 ब्लॉकों में आज से ही सपा कार्यकर्ताओं व सरकार से पीड़ित लोंगो व आम लोगों से सम्पर्क कर उन्हें आगामी 15 जुलाई के सरकार के खिलाफ होने वाले प्रदर्शन के लिये मजबूती से तैयार किया जाय। इसलिये सपा सुप्रीमो के फरमान के बाद सूबे की सपा एक्टिव मोड पर आ चुकी है।
प्रदर्शन की तैयारी लेकर बैठकों का दौर शुरु
पार्टी के सूत्र बताते हैं कि सूबे की योगी सरकार के खिलाफ होने वाले इस प्रदर्शन को लेकर खुद सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव बेहद गम्भीर हैं। इस प्रदर्शन को लेकर उनकी गम्भीरता इस बात से उजागर हो रही है कि सूबे में पार्टी के कई सांसदों, विधायको व जिलाध्यक्षों से खुद अखिलेश यादव ने फोन पर उनके जिले में तैयारियों की समीक्षा की है। इसी तरह से सपा सुप्रीमो ने अपने पार्टी के बड़े नेताओं को भी यह निर्दश दिए हैं कि वह खुद अपने अपने प्रभावी जिलों में नेताओं व कार्यकर्ताओं से संचार माध्यमों से बात करके इस प्रदर्शन की तैयारियों की खुद समीक्षा करते रहें और हर घण्टे की समीक्षा से उन्हें अवगत भी कराते रहें। लखनऊ, कानपुर नगर, कानपुर देहात, औरैया, फर्रुखाबाद, मैनपुरी, आगरा व सपा सुप्रीमो के ग्रह जनपद इटावा समेत लगभग दो दर्जन जिलों के सपा जिलाध्यक्षों ने न्यूज ट्रेक से बात करते हुए बताया कि उन्हें उनके राष्टीय अध्यक्ष की सूचना मिल चुकी है। वे अभी से ही ब्लॉक स्तर पर सपाजनों,आम जनता व सरकार से पीड़ित लोगों से सम्पर्क करने में लग चुके हैं। कानपुर देहात के पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष राम सिंह यादव व कानपुर नगर की विठुर विधान सभा के पूर्व सपा विधायक मुनींद्र शुक्ला बताते है कि उन्हें पार्टी अध्यक्ष की सूचना मिलने के बाद से वे अपने घर से निकल लिये और लोगों से सम्पर्क कर रहे हैं।
15 जुलाई के प्रदर्शन पर होगी अखिलेश की सीधी निगहबानी
समाजवादी पार्टी से जुड़े हमारे सूत्रों ने बताया है कि सरकार के खिलाफ 15 जुलाई को होने जा रहे प्रदर्शन पर सपा सुप्रीमो की एक टीम पूरे सूबे में होने वाले प्रदर्शन पर गोपनीय नजर रखेगी और उसके वीडियो भी बनाएगी। सपा सुप्रीमो की यह टीम समीक्षा कर राष्ट्रीय अध्यक्ष को प्रमाणों सहित यह बताएगी कि सूबे के किस किस जिले में प्रदर्शन की क्या स्थिति रही है। पार्टी से जुड़े हमारे सूत्र बताते हैं कि पार्टी हाईकमान इस प्रदर्शन की यह गोपनीय रिपार्ट इसलिये तैयार करवा रहा ताकि आगामी 2022 के चुनाव में पार्टी हाईकमान को टिकट वितरण में आसानी रहे और जिताऊ प्रत्याशियों को की टिकट दिया जा सके। सूत्र बताते हैं कि अब पार्टी में उन्हीं नेताओ व कार्यकर्ताओं को तरजीह मिलेगी जो सरकार के खिलाफ होने वाले प्रदर्शनों में उल्लेखनीय भागीदारी करेंगे।
एक तीर से अखिलेश लगाएंगे कई निशाने
सपा हाईकमान को यह भली भांति पता है कि सरकार की कुछ कुनीतियों के कारण ही भाजपा के वोट बैंक का एक बड़ा हिस्सा सूबे में इस समय असमंजस की स्थिति में आ गया है जिसे स्वयं सूबे के सीएम योगी व भाजपा हाईकमान मैनेज करने में लगा भी है। सरकार से नाराज भाजपा का यह वोट बैंक सपा के हिस्से में आ जाय, बस इस प्रदर्शन के माध्यम से सूबे में सपा सुप्रीमो की यही रणनीति है। यह समझने में कोई शंका नही होनी चाहिए कि इस बार के पंचस्थानीय चुनावो में सूबे के आवाम को जिस तरह की भाजपाई गुंडागर्दी व दादागिरी देखने को मिली और इस असमाजिक माहौल में सूबे का प्रशासन भी मूक बना देखता रहा, उससे सरकार व भाजपा की बेहद किरकिरी हुई है।बस इस प्रदर्शन के माध्यम से सपा सुप्रीमो अपना बिगड़ा खेल बनाने की रणनीति पर अमल करने जा रहे हैं।
सपा से जुड़े सूत्रों ने बताया कि इस प्रदर्शन का सूबे में हुई चुनावी हिंसा तो मुद्दा है ही लेकिन सपा के कद्दावर नेता माता प्रसाद पांडेय व अन्य नेताओं के साथ सरकार के इशारे पर हुए शोषण भी प्रमुख मुद्दा रहेंगे। सपाई सूत्र बताते हैं कि सरकार के खिलाफ इस प्रदर्शन में महिलाओं की भी भागीदारी अभूतपूर्व रहेगी। स्वयं सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष ने प्रदेश महिला की कई बड़ी नेताओं से सीधे इस प्रदर्शन की तैयारी के लिये बोला है। पार्टी की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुमैया राणा ने बताया कि इस चुनाव में जिस तरह से जगह जगह महिला प्रत्याशियों के घोर अपमान हुए हैं, वो सब सरकार व स्थानीय प्रशासन के इशारे पर हुए है। 15 जुलाई का प्रदेश व्यापी प्रदर्शन,सरकार को यह बता देगा कि योगी सरकार से महिलाएं कितनी दुखी व क्षुब्ध हैं।
2022 से पहले का होगा यह वनडे
15 जुलाई को सरकार के खिलाफ पंचस्थानीय चुनाव में हुई हिंसा को मुख्य मुद्दा बनाकर समाजवादी पार्टी पूरे सूबे में सड़कों पर उतरेगी उसको लेकर तरह तरह की चर्चाएं आवाम में तैर रहीं हैं। लेकिन इन चर्चाओं के बीच सपा प्रमुख ने इस रणनीति पर अमल करना शुरू कर दिया है कि सरकार के खिलाफ 11 जुलाई को होने वाला सपाई प्रदर्शन 2022 की चुनावी तैयारियो का पहला वनडे साबित हो जाय। अखिलेश यादव की मंशा है कि सरकार के खिलाफ चुनावी हिंसा के मुद्दे का यह प्रदेश व्यापी सपाई प्रदर्शन आम जनता के मध्य वो प्रभाव छोड़ जाय जिसकी पार्टी के नेताओ को दरकार है।