World Heart Day: UP में सबसे ज़्यादा हैं हार्ट के मरीज़, पोस्ट कोविड पेशेंट्स में भी हो रही हृदय से संबंधित समस्याएं
World Heart Day : विश्व हृदय दिवस के मौके पर 'न्यूज़ट्रैक' ने लखनऊ के सिविल अस्पताल के वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. संतोष यादव से बातचीत की।
World Heart Day : भारत में हृदय रोगियों (Heart Patients) की संख्या लगातार बढ़ रही है। उत्तर प्रदेश में देश के सबसे ज़्यादा हार्ट पेशेंट्स हैं। वहीं, वैश्विक महामारी कोरोना वायरस (Covid19) से संक्रमित होकर उबरने वाले व्यक्तियों में भी हृदय से संबंधित समस्याएं देखी जा रही हैं। ऐसे में जो व्यक्ति स्वस्थ हैं, वे भी कुछ तरीकों को अपनाकर हृदय की बीमारियों से बच सकते हैं। विश्व हृदय दिवस (World Heart Day) के मौके पर 'न्यूज़ट्रैक' ने लखनऊ के श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविल अस्पताल (SPM Civil Hospital) के वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. संतोष यादव (Dr. Santosh Yadav) से बातचीत की।
पेश है बातचीत के अंश...
यूपी में हृदय रोगियों की संख्या अनुमान के मुताबिक कितनी है और हृदय रोगियों की संख्या में कितने प्रतिशत का इजाफा हुआ है?
दिल के बारे में ख़ूब बातें होती हैं, पर सच यह है कि दिल की सेहत के बारे में ज्यादातर लोग सचेत नहीं है। हर आयु वर्ग के लोगों में दिल के रोगों के मामले बढ़ रहे हैं। भारत में साल 2014 में हार्ट अटैक से मरने वालों की संख्या 18309 थी, जो कि 2019 में बढ़कर 28005 हो गई। अकेले उत्तर प्रदेश में योगदान 25 परसेंट का है । इतना ही नहीं, हार्टअटैक के 36 परसेंट मामले 35 वर्ष से कम उम्र के लोगों में दिखाई दे रहे हैं। दिल के रोगों से जुड़े दूसरे आंकड़े भी निराशाजनक हैं। कई बातें हैं जो कि दिल की सेहत पर असर डालती हैं।
• गलत खानपान।
• नींद व व्यायाम की कमी।
• विपरीत स्थितियों में तनाव पर काबू न रख पाना, ।.
• बढ़ता प्रदूषण।
• आनुवंशिक कारक।
क्या Covid 19 के बाद हृदय रोगियों की संख्या में कोई इजाफा हुआ है?
जी हां। कोरोना संक्रमण में इलाज के बाद कई मरीजों के डी-डायमर बढ़े हुए मिले। जिससे रक्त के थक्के जमने की समस्या और कई मामलों में हृदय में सूजन व हृदय की मांसपेशी-मांसपेशियों में कमजोरी हो सकती है। जिससे रोगी को हृदयाघात की समस्या का सामना कर सकता है। अतः जो लोग कोविड-19 से उभर चुके हैं और उनकी सांस फूल रही हो, तो उन्हें अपना ईसीजी व इकोकार्डियोग्राफी की जांच अवश्य करवानी चाहिए। बता दें कि डी-डायमर खून में माइक्रो क्लास से बनने वाला प्रोटीन होता है, जिसे 'फाइब्रिन डीजनरेशन प्रोडक्ट' भी कहते हैं। यह शरीर के अंदर सामान्य रक्त के थक्का बनाने की क्रिया का साधन होता है।
हृदय रोग से बचने के उपाय क्या-क्या हैं?
• सकारात्मक सोच रखें।
• तनाव और गलत विकारों को दिमाग पर हावी ना होने दें।
• रोज कम से कम 30 से 45 मिनट तक व्यायाम करें।
• ब्लड प्रेशर व ब्लड शुगर को नियंत्रित रखें।
• रात में सोने से कम से कम 2 घंटे पहले भोजन कर लेना चाहिए।
• कोई आदत विकसित करें।
• वजन को नियंत्रित रखें।
• खाद्य पदार्थ में ऊपर से नमक ना डालें।
जिम जाने वाले व्यक्तियों को क्या ध्यान देना चाहिए?
अपनी क्षमता से कहीं ज्यादा व्यायाम करने से हृदय की मांसपेशियों पर बुरा प्रभाव पड़ता है। जिम में एक्सरसाइज करने वाले युवा पहले अपने डॉक्टर और जिम ट्रेनर दोनों से ही परामर्श लें, फिर व्यायाम करें।